Murder Crime: क्या 3 दिन पहले हो चुकी थी हत्या? 3 दिन पहले खटखटाने पर भी नहीं खुला था गेट h3>
संवाददाता, नई दिल्लीः क्या डॉली और उनकी सास की तीन दिन पहले ही हत्या हो चुकी थी? शाहदरा इलाके के वेलकम थाना क्षेत्र में हुआ इस वारदात को लेकर ये सवाल इसलिए खड़ा हुआ है, क्योंकि शनिवार रात को लगभग 8 बजे इलाके की मंदिर समिति के कुछ सदस्य जन्माष्टमी के लिए चंदा लेने उनके घर गए थे। लेकिन काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी किसी ने दरवाजा नहीं खोला। लिहाजा, मंदिर समिति की सदस्य हैरान होकर वापस लौट आए। आमतौर पर उनके घर में ऐसा नहीं होता था। उसके बाद भी किसी ने उन्हें नहीं देखा। जबकि, डॉली (45) हर रोज पार्क में टहलने जाती थीं। वहीं, मंगलवार सुबह जब परिवार के दो सदस्य कई दिन बाद घर लौटे तो उनके शव पड़े मिले। इसी से आसपास के लोग अनुमान लगा रहे हैं कि शायद ये वारदात शनिवार की रात से पहले ही हो चुकी थी। हालांकि पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है और पोस्टमार्टम के बाद ही वारदात के समय का पता चल पाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें इस तरह की वारदात की भनक तक नहीं लगी।
सुभाष पार्क गली नंबर 12 निवासी दिव्यांशु गुप्ता इलाके के एक मंदिर समिति के सदस्य हैं। वह बताते हैं कि परिवार में सास-बहू और दो पोते रहते थे। रक्षाबंधन मनाने के बाद दोनों पोते नैनीताल घूमने चले गए। 13 अगस्त की रात मंदिर समिति के कुछ लोग जन्माष्टमी का चंदा मांगने उनके घर गए थे। कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। वहीं, मंगलवार की सुबह 3 बजे दोनों पोते घर पहुंचे। उन्होंने कई बाद दरवाजे की घंटी बजाई, लेकिन कोई दरवाजा खोलने नहीं आया। इसके बाद दोनों लड़कों ने दूसरी चाबी से दरवाजा खोला, जहां ग्राउंड फ्लोर पर उनकी मां डॉली की लाश देखी। दोनों पोते दादी विमला को तलाशने लगे, उनकी लाश भी खून से सनी जमीन पर पड़ी थी। घर का सारा सामान बिखरा हुआ था, अलमारी और बेड टूटे हुए थे।
दिव्यांशु के मुताबिक, सास और बहू में मां बेटी जैसा प्यार था। वह कॉलोनी के सभी लोगों से मिलजुल कर रहती थीं। हत्या की पुष्टि होने के बाद कॉलोनी के लोग डरे सहमे हैं। आशंका जताई जा रही है कि हत्या तीन दिन पहले ही कर दी गई थी। जिसका पता बेटों के आने के बाद चला।
परिवार के किसी करीबी पर शक
विमला (70) के देवर अनिल राय ने परिवार के किसी करीबी पर हत्या का शक जताया है। उनका कहना है कि जिस तरह से घर में एंट्री हुई है वैसे तो कोई करीबी ही जा सकता है। वहीं, वह घर के डॉगी से भी मिल चुका है। वारदात से पहले डॉगी को पूजा घर में बंद कर दिया था। पुलिस डॉगी को अपने साथ ले गई है। वहीं, मामले की जांच में जुटी पुलिस की एक टीम कॉलोनी के लोगों से पूछताछ कर रही है।
दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
सुभाष पार्क गली नंबर 12 निवासी दिव्यांशु गुप्ता इलाके के एक मंदिर समिति के सदस्य हैं। वह बताते हैं कि परिवार में सास-बहू और दो पोते रहते थे। रक्षाबंधन मनाने के बाद दोनों पोते नैनीताल घूमने चले गए। 13 अगस्त की रात मंदिर समिति के कुछ लोग जन्माष्टमी का चंदा मांगने उनके घर गए थे। कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। वहीं, मंगलवार की सुबह 3 बजे दोनों पोते घर पहुंचे। उन्होंने कई बाद दरवाजे की घंटी बजाई, लेकिन कोई दरवाजा खोलने नहीं आया। इसके बाद दोनों लड़कों ने दूसरी चाबी से दरवाजा खोला, जहां ग्राउंड फ्लोर पर उनकी मां डॉली की लाश देखी। दोनों पोते दादी विमला को तलाशने लगे, उनकी लाश भी खून से सनी जमीन पर पड़ी थी। घर का सारा सामान बिखरा हुआ था, अलमारी और बेड टूटे हुए थे।
दिव्यांशु के मुताबिक, सास और बहू में मां बेटी जैसा प्यार था। वह कॉलोनी के सभी लोगों से मिलजुल कर रहती थीं। हत्या की पुष्टि होने के बाद कॉलोनी के लोग डरे सहमे हैं। आशंका जताई जा रही है कि हत्या तीन दिन पहले ही कर दी गई थी। जिसका पता बेटों के आने के बाद चला।
परिवार के किसी करीबी पर शक
विमला (70) के देवर अनिल राय ने परिवार के किसी करीबी पर हत्या का शक जताया है। उनका कहना है कि जिस तरह से घर में एंट्री हुई है वैसे तो कोई करीबी ही जा सकता है। वहीं, वह घर के डॉगी से भी मिल चुका है। वारदात से पहले डॉगी को पूजा घर में बंद कर दिया था। पुलिस डॉगी को अपने साथ ले गई है। वहीं, मामले की जांच में जुटी पुलिस की एक टीम कॉलोनी के लोगों से पूछताछ कर रही है।