Airtel or Jio: मुकेश अंबानी या सुनील मित्तल? कौन जीतेगा देश में 5G की जंग

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Airtel or Jio: मुकेश अंबानी या सुनील मित्तल? कौन जीतेगा देश में 5G की जंग

Airtel or Jio: मुकेश अंबानी या सुनील मित्तल? कौन जीतेगा देश में 5G की जंग

नई दिल्ली: देश की दो सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनियों रिलायंस जियो (Reliance Jio) और भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने 5जी सर्विसेज लॉन्च करने के लिए कमर कस ली है। जानकारों का कहना है कि एयरटेल अभी बेहतर स्थिति में दिख रही है। इसकी वजह यह है कि उसका 5जी रोलआउट वर्जन नॉन-स्टैंडअलोन (NSA) मोड में है। दुनिया का 90 फीसदी से अधिक नेटवर्क्स इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन कुछ जानकारों का कहना है कि जियो का स्टैंडअलोन (SA) मोड 5जी का सुपीरियर वर्जन है और अगर इसका ईकोसिस्टम तेजी से विकसित हुआ तो यह एयरटेल की शुरुआती बढ़त को पीछे छोड़ सकता है।

Edelweiss Securities के मुताबिक 5जी दिग्गजों की जंग होगी। सुनील मित्तल (Sunil Mittal) की अगुवाई वाली भारती एयरटेल और मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस जियो की 5जी स्ट्रैटजी पूरी तरह अलग है। इस लड़ाई में कौन जीतेगा, इसका फैसला इस बात पर होगा कि एयरटेल अपनी रणनीति को कैसे जमीन पर उतारती है और जियो का ईकोसिस्टम कैसे विकसित होता है। जियो-एयरटेल की 5जी लड़ाई टेक्नोलॉजी पर निर्भर नहीं होगी लेकिन इस बात से तय होगी कि सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए लागत कम करने के लिए कौन तेजी से अपने ईकोसिस्टम को अडॉप्ट करता है।

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एनएसए वर्सेज एसए मोड
एयरटेल ने एनएसए मोड चुना है। कंपनी की योजना मार्च, 2024 से पूरे देश में 5जी सेवा शुरू करने की है। दूसरी ओर जियो ने अपने 5जी लॉन्च के लिए एसए मोड चुना है। हाल में हुई स्पेक्ट्रम नीलामी में केवल जियो ने ही 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा था। जियो की पेरेंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा कि कंपनी देश के 1000 शहरों में 5जी कवरेज प्लान शुरू करने के लिए तैयार है। दूसरी ओर एयरटेल का कहना है कि वह 5000 शहरों और कस्बों में 5जी सर्विस शुरू करने के लिए तैयार है।

एनालिस्ट्स का कहना है कि जियो का एसए नेटवर्क इस जंग में अंतर पैदा कर सकता है। अगर 700 मेगाहर्ट्ज बैंड से जुड़ा ईकोसिस्टम तेजी से विकसित होता है तो कंपनी इसका फायदा उठा सकती है। इसकी वजह यह है कि घनी शहरी बस्तियों और ग्रामीण इलाकों में यह बेहतर साबित होगा। बीएनपी परिबास के मुताबिक अगर 5जी अडॉप्शन में तेजी आती है और नए स्पेक्ट्रम नीलामी में देरी होती है तो 700 स्पेक्ट्रम बैंड जियो को कवरेज में एडवांटेज दे सकता है और इसका मार्केट शेयर में सुधार आ सकता है।

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एनएसए नेटवर्क ज्यादा डेवलप
हालांकि जानकारों का कहना है कि 5जी का इस्तेमाल इस बात पर भी निर्भर करता है कि 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के आसपास हैंडसेट ईकोसिस्टम अभी मैच्योर नहीं हुआ है। अमेरिका और साउथ कोरिया में एसए और एनएसए मोड अपनाया गया है। लेकिन एसए मोड पर कुल 5जी ट्रैफिक का केवल 10 फीसदी ही जेनरेट हुआ है। यानी दुनिया में एनएसए नेटवर्क से जुड़ा ईकोसिस्टम ज्यादा डेवलप है।

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