सिंगापुर दौरा, शराब नीति और अब पोस्टर वॉर… जानें किन-किन मुद्दों पर आमने-सामने केजरीवाल और केंद्र सरकार h3>
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बारिश की फुहार से भले ही मौसम सुहाना बना हो मगर यहां राजनीतिक स्थितियां बहुत गर्म है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और एलजी विनय कुमार सक्सेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और यहां पर चुनी हुई सरकार के अलावा एलजी के पास पावर निहित हैं। लेकिन दोनों के बीच किसी न किसी बात को लेकर गरमा गरमी बनी रहती है। आज सीएम केजरीवाल ने वन महोत्सव के एक प्रोग्राम का बहिष्कार कर दिया। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय का आरोप है कि यहां पर सीएम केजरीवाल के पोस्टर फाड़कर पीएम मोदी के पोस्टर लगा दिए गए थे। दिल्ली के वर्तमान एलजी विनय कुमार सक्सेना ने हाल ही में नियुक्त किए गए हैं। इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग थे। इनसे भी सीएम केजरीवाल के रिश्ते अच्छे नहीं रहे। आए दिन कोई न कोई विवाद सामने आता रहता था।
आज भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे सीएम केजरीवाल
दिल्ली में आज वन महोत्सव 2022 के तहत राज्पाल ने एक कार्यक्रम रखा था। इस कार्यक्रम में सीएम केजरीवाल को विशिष्ट अतिथि बनाया गया था मगर सीएम केजरीवाल वहां नहीं पहुंचे। इसके पहले एलजी की एक और मीटिंग में उन्होंने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया और वो वहां भी नहीं पहुंचे थे। कार्यक्रम में सीएम केजरीवाल के न पहुंचने पर एलजी विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि मैं चाहता था कि सीएम अरविंद केजरीवाल इस कार्यक्रम में शामिल हों लेकिन किन्हीं कारणों से वह नहीं आ सके। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जहां हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं कि वह भविष्य के कार्यक्रमों में उपस्थित होकर यह संदेश देंगे कि हम दिल्ली के विकास के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं।
नई शराब नीति पर एलजी ने दिए सीबीआई जांच के आदेश
दूसरा मामला है दिल्ली की नई शराब नीति का। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पर जांच बैठा दी है। एलजी ने सीबीआई से नई एक्साइज पॉलिसी के तहत टेंडर प्रोसेस की जांच करने को कहा है। दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी। न्यूज एजेंसी PTI ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि ‘टेंडर में जान-बूझकर प्रक्रियागत खामियां छोड़ी गईं ताकि शराब लाइसेंसियों को अनुचित फायदा पहुंचे।’ नई आबकारी नीति के तहत, 32 जोन्स में 849 दुकानों के रिटेल लाइसेंस जारी किए गए थे। भाजपा और कांग्रेस, दोनों प्रमुख विपक्षी दलों ने नई आबकारी नीति का कड़ा विरोध किया है। एलजी से भी शिकायत की गई थी। इस मामले में भी केंद्र और एलजी दोनों आमने-सामने हैं। केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपो को सिरे से नकार दिया है। इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप भी लगाए।
सिंगापुर दौरे की फाइल रिजेक्ट
हाल ही में सीएम केजरीवाल के सिंगापुर दौरे की फाइल रिजेक्ट होने से लेकर मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच तक मामला सुर्खियों में हैं। इसके अलावा दिल्ली में पोस्टर वार भी छिड़ चुका है। दिल्ली में आज वन महोत्सव का कार्यक्रम होने वाला था। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का आरोप है कि इस प्रोग्राम को हाइजैक कर लिया गया। बीती रात यहां पर पुलिस आई और सीएम केजरीवाल के पोस्टर फाड़कर पीएम मोदी के पोस्टर लगा दिए गए, इसलिए सीएम केजरीवाल अब इस प्रोग्राम में हिस्सा नहीं लेंगे। उसके बाद सीएम केजरीवाल उस प्रोग्राम में नहीं पहुंचे। मंत्री ने कहा कि केजरीवाल को कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन उन्होंने इसमें भाग नहीं लेने का फैसला किया। राय ने कहा, “केजरीवाल सरकार के एक कार्यक्रम को पीएम मोदी के राजनीतिक कार्यक्रम में बदल दिया गया है।
सीएम-एलजी के बीच बढ़ी तकरार
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर दौरे के प्रस्ताव को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। इसके पीछे उनकी दलील थी कि ये कार्यक्रम सीएम स्तर का है ही नहीं। ये कार्यक्रम मेयर लेबल का है इसलिए सीएम इसमें शिरकत न करें। इसके बाद दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तनाव बढ़ गया। इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया। आप विधायक आतिशी और दुर्गेश पाठक ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान दावा किया कि उपराज्यपाल ने केजरीवाल की विदेश यात्रा को मंजूरी नहीं दी, क्योंकि प्रधानमंत्री उनकी (केजरीवाल की) बढ़ती लोकप्रियता से ‘डर’ गए हैं।
सिंगापुर जाएंगे या नहीं
सिंगापुर सरकार ने केजरीवाल को अगस्त के पहले सप्ताह में होने वाले ‘वर्ल्ड सिटीज’ शिखर सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया है, लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल ने उनका अनुरोध यह कहते हुए वापस कर दिया कि महापौरों के सम्मेलन में उनकी मौजूदगी एक खराब मिसाल स्थापित करेगी। इस मामले में अरविंद केजरीवाल ने एक पत्र भी लिखा था। इस पत्र में उन्होंने साफ लिखा था कि अगर संविधान की अनुसूचियों पर बंधकर काम किया जाएगा तो कोई भी काम नहीं कर पाएगा।
इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल थे नजीब जंग। उनके कार्यकाल के दौरान भी कई बार दिल्ली सरकार और एलजी आमने सामने आए। ये तो कुछ मामले हैं। ऐसे मामलों की एक लंबी फेहरिस्त है जब-जब दिल्ली और केंद्र सरकार आमने सामने आई हैं।
8 जून, 2015 : जंग ने दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त एमके मीणा को एसीबी का नया प्रमुख बनाया. केजरीवाल ने इस फैसले का जोरदार विरोध किया।
9 जून, 2015 : उप राज्यपाल ने वीटो शक्ति का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली सरकार के गृह सचिव धर्मपाल को हटा दिया।
20-21 जुलाई, 2015 : दिल्ली सरकार ने स्वाति मालीवाल को दिल्ली महिला आयोग (DCW) का अध्यक्ष नियुक्त किया. नजीब जंग ने केजरीवाल से पूछा कि उनकी मंजूरी क्यों नहीं ली गई।
15 दिसंबर, 2015 : सीबीआई ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर छापा मारा. केजरीवाल ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नजीब जंग को जिम्मेदार ठहराया।
20 जून 2016 : एसीबी ने जंग के ठीक होने के बाद पानी के टैंकर घोटाले में अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
30 अगस्त, 2016 : नजीब जंग ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव और पीडब्लूडी सचिव को निकाल दिया. इस पर केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी जंग के माध्यम से दिल्ली को तबाह करना चाहते हैं।
राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News
आज भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे सीएम केजरीवाल
दिल्ली में आज वन महोत्सव 2022 के तहत राज्पाल ने एक कार्यक्रम रखा था। इस कार्यक्रम में सीएम केजरीवाल को विशिष्ट अतिथि बनाया गया था मगर सीएम केजरीवाल वहां नहीं पहुंचे। इसके पहले एलजी की एक और मीटिंग में उन्होंने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया और वो वहां भी नहीं पहुंचे थे। कार्यक्रम में सीएम केजरीवाल के न पहुंचने पर एलजी विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि मैं चाहता था कि सीएम अरविंद केजरीवाल इस कार्यक्रम में शामिल हों लेकिन किन्हीं कारणों से वह नहीं आ सके। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जहां हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए। मैं उम्मीद करता हूं कि वह भविष्य के कार्यक्रमों में उपस्थित होकर यह संदेश देंगे कि हम दिल्ली के विकास के लिए मिलकर काम करना चाहते हैं।
नई शराब नीति पर एलजी ने दिए सीबीआई जांच के आदेश
दूसरा मामला है दिल्ली की नई शराब नीति का। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पर जांच बैठा दी है। एलजी ने सीबीआई से नई एक्साइज पॉलिसी के तहत टेंडर प्रोसेस की जांच करने को कहा है। दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी। न्यूज एजेंसी PTI ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि ‘टेंडर में जान-बूझकर प्रक्रियागत खामियां छोड़ी गईं ताकि शराब लाइसेंसियों को अनुचित फायदा पहुंचे।’ नई आबकारी नीति के तहत, 32 जोन्स में 849 दुकानों के रिटेल लाइसेंस जारी किए गए थे। भाजपा और कांग्रेस, दोनों प्रमुख विपक्षी दलों ने नई आबकारी नीति का कड़ा विरोध किया है। एलजी से भी शिकायत की गई थी। इस मामले में भी केंद्र और एलजी दोनों आमने-सामने हैं। केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोपो को सिरे से नकार दिया है। इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप भी लगाए।
सिंगापुर दौरे की फाइल रिजेक्ट
हाल ही में सीएम केजरीवाल के सिंगापुर दौरे की फाइल रिजेक्ट होने से लेकर मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच तक मामला सुर्खियों में हैं। इसके अलावा दिल्ली में पोस्टर वार भी छिड़ चुका है। दिल्ली में आज वन महोत्सव का कार्यक्रम होने वाला था। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का आरोप है कि इस प्रोग्राम को हाइजैक कर लिया गया। बीती रात यहां पर पुलिस आई और सीएम केजरीवाल के पोस्टर फाड़कर पीएम मोदी के पोस्टर लगा दिए गए, इसलिए सीएम केजरीवाल अब इस प्रोग्राम में हिस्सा नहीं लेंगे। उसके बाद सीएम केजरीवाल उस प्रोग्राम में नहीं पहुंचे। मंत्री ने कहा कि केजरीवाल को कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन उन्होंने इसमें भाग नहीं लेने का फैसला किया। राय ने कहा, “केजरीवाल सरकार के एक कार्यक्रम को पीएम मोदी के राजनीतिक कार्यक्रम में बदल दिया गया है।
सीएम-एलजी के बीच बढ़ी तकरार
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिंगापुर दौरे के प्रस्ताव को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। इसके पीछे उनकी दलील थी कि ये कार्यक्रम सीएम स्तर का है ही नहीं। ये कार्यक्रम मेयर लेबल का है इसलिए सीएम इसमें शिरकत न करें। इसके बाद दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तनाव बढ़ गया। इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया। आप विधायक आतिशी और दुर्गेश पाठक ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान दावा किया कि उपराज्यपाल ने केजरीवाल की विदेश यात्रा को मंजूरी नहीं दी, क्योंकि प्रधानमंत्री उनकी (केजरीवाल की) बढ़ती लोकप्रियता से ‘डर’ गए हैं।
सिंगापुर जाएंगे या नहीं
सिंगापुर सरकार ने केजरीवाल को अगस्त के पहले सप्ताह में होने वाले ‘वर्ल्ड सिटीज’ शिखर सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया है, लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल ने उनका अनुरोध यह कहते हुए वापस कर दिया कि महापौरों के सम्मेलन में उनकी मौजूदगी एक खराब मिसाल स्थापित करेगी। इस मामले में अरविंद केजरीवाल ने एक पत्र भी लिखा था। इस पत्र में उन्होंने साफ लिखा था कि अगर संविधान की अनुसूचियों पर बंधकर काम किया जाएगा तो कोई भी काम नहीं कर पाएगा।
इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल थे नजीब जंग। उनके कार्यकाल के दौरान भी कई बार दिल्ली सरकार और एलजी आमने सामने आए। ये तो कुछ मामले हैं। ऐसे मामलों की एक लंबी फेहरिस्त है जब-जब दिल्ली और केंद्र सरकार आमने सामने आई हैं।
8 जून, 2015 : जंग ने दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त एमके मीणा को एसीबी का नया प्रमुख बनाया. केजरीवाल ने इस फैसले का जोरदार विरोध किया।
9 जून, 2015 : उप राज्यपाल ने वीटो शक्ति का इस्तेमाल करते हुए दिल्ली सरकार के गृह सचिव धर्मपाल को हटा दिया।
20-21 जुलाई, 2015 : दिल्ली सरकार ने स्वाति मालीवाल को दिल्ली महिला आयोग (DCW) का अध्यक्ष नियुक्त किया. नजीब जंग ने केजरीवाल से पूछा कि उनकी मंजूरी क्यों नहीं ली गई।
15 दिसंबर, 2015 : सीबीआई ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर छापा मारा. केजरीवाल ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नजीब जंग को जिम्मेदार ठहराया।
20 जून 2016 : एसीबी ने जंग के ठीक होने के बाद पानी के टैंकर घोटाले में अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
30 अगस्त, 2016 : नजीब जंग ने दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव और पीडब्लूडी सचिव को निकाल दिया. इस पर केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी जंग के माध्यम से दिल्ली को तबाह करना चाहते हैं।
News