राजस्थान में सामान्य से 54 फीसदी अधिक बारिश दर्ज, यहां हुई सबसे अधिक बारिश | Weather Update : 54 Percent more Heavy Rain In Jaipur | Patrika News h3>
इस बीच जयपुर समेत अन्य तीन जिलों की एक करोड़ से अधिक आबादी के लिए पेयजल की आपूर्ति वाले बड़े बांध बीसलपुर के हालात फिलहाल चिंताजनक बने हुए हैं। जलसंसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मानसून के 30 दिन में जयपुर समेत चार जिलों की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध में एक महीने का पानी आ पाया है। ऐसे में बीसलपुर बांध सिर्फ चार महीने ही चार जिलों की प्यास बुझा पाएगा। बांध में पानी नहीं आने से जिलों में जलसकंट की स्थिति पैदा हो जाएगा। जयपुर, अजमेर, दौसा और टोंक जिले के लिए बांध में पानी की आवक उम्मीदों जितनी नहीं हो पाई। अब तक बीसलपुर में सिर्फ 1.24 टीएमसी पानी की आवक हुई है। चित्तौड, भीलवाड़ा सहित अन्य कैचमेंट एरिया से पानी की आवक बांध में पूरी तरह से अगस्त में आने के आसार हैं। इधर जलदाय विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल पानी की कटौती के आसार नहीं है।
प्रदेश में अब तक 54 फीसदी अधिक बारिश
प्रदेश में मानसून पूरी तरह से मेहरबान है, राजस्थान में सामान्यत: जुलाई के पूरे महीने में वाली बारिश का कोटा शुरू के 18 दिन में ही पूरा हो गया। राजस्थान में अब तक सामान्य से 54 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। सबसे अधिक बरसात झालावाड़ जिले में हुई। सामान्यत: प्रदेश में एक जून से 31 जुलाई तक राजस्थान में औसतन 203 एमएम बारिश होती है लेकिन इस बार यह आंकड़ा पूरा हो चुका है, जो सामान्य से 52 फीसदी ज्यादा है। इसके बाद भी बारिश का दौर जारी है।
जवाई में अक्टूबर तक का पानी आया
भीषण गर्मी में जहां वाटर ट्रेन के जरिए पाली में आमजन के लिए पेयजल की व्यवस्था की गई थी। लेकिन अब मानसून की बारिश से पाली जिले के लोगों को काफी राहत मिली। यहां पीने के पानी का एकमात्र स्त्रोत जवाई बांध जो सूख गया था, उसमें करीब 13 फीसदी पानी आ गया है। बांध का गेज करीब 4.23 आरएल मीटर से ज्यादा दर्ज किया गया। वर्तमान में बांध 26.31 मिलीयन क्यूबिक मीटर (एमक्यूएम) पानी है, जो पाली को तीन महीने से अधिक सप्लाई किया जा सकता है। बांसवाड़ा के पहले सुरवानिया डेम के सभी 10 गेट खोले जा चुके हैं। माहीडेम में भी पानी की आवक जारी है। झालावाड़ के कालीसिंध बांध के भी सात गेट खोले जा चुके हैं।
पांच बार ही बांध हुआ ओवरफ्लो
बीसलपुर बांध परियोजना के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि बांध अब तक पांच बार ओवरफ्लो हो चुका है। वर्ष 2004 में पहली बार बांध ओवरफ्लो हुआ। इसके बाद 2006, 2014, 2016 और साल 2019 में ओवरफ्लो हुआ।
हाल ए बीसलपुर बांध
—बांध में पहली बार 18 जून को आया सात सेंटीमीटर पानी
—जुलाई के महीने में अब तक सिर्फ 0.80 टीएमसी ही पानी की आवक दर्ज
—बांध की कुल ऊंचाई — 315.50 आरएल मीटर
— पेयजल — 309.15 आरएल मीटर
-बुधवार सुबह तक बांध में कुल 22 प्रतिशत पानी यानि कुल भराव 8.48 टीएमसी पानी शेष
—जलदाय विभाग का आवंटित पानी— 16.20 टीएमसी
—सिंचाई के लिए आवंटित पानी — 8.0 टीएमसी
इस बीच जयपुर समेत अन्य तीन जिलों की एक करोड़ से अधिक आबादी के लिए पेयजल की आपूर्ति वाले बड़े बांध बीसलपुर के हालात फिलहाल चिंताजनक बने हुए हैं। जलसंसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक मानसून के 30 दिन में जयपुर समेत चार जिलों की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध में एक महीने का पानी आ पाया है। ऐसे में बीसलपुर बांध सिर्फ चार महीने ही चार जिलों की प्यास बुझा पाएगा। बांध में पानी नहीं आने से जिलों में जलसकंट की स्थिति पैदा हो जाएगा। जयपुर, अजमेर, दौसा और टोंक जिले के लिए बांध में पानी की आवक उम्मीदों जितनी नहीं हो पाई। अब तक बीसलपुर में सिर्फ 1.24 टीएमसी पानी की आवक हुई है। चित्तौड, भीलवाड़ा सहित अन्य कैचमेंट एरिया से पानी की आवक बांध में पूरी तरह से अगस्त में आने के आसार हैं। इधर जलदाय विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल पानी की कटौती के आसार नहीं है।
प्रदेश में अब तक 54 फीसदी अधिक बारिश
प्रदेश में मानसून पूरी तरह से मेहरबान है, राजस्थान में सामान्यत: जुलाई के पूरे महीने में वाली बारिश का कोटा शुरू के 18 दिन में ही पूरा हो गया। राजस्थान में अब तक सामान्य से 54 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। सबसे अधिक बरसात झालावाड़ जिले में हुई। सामान्यत: प्रदेश में एक जून से 31 जुलाई तक राजस्थान में औसतन 203 एमएम बारिश होती है लेकिन इस बार यह आंकड़ा पूरा हो चुका है, जो सामान्य से 52 फीसदी ज्यादा है। इसके बाद भी बारिश का दौर जारी है।
जवाई में अक्टूबर तक का पानी आया
भीषण गर्मी में जहां वाटर ट्रेन के जरिए पाली में आमजन के लिए पेयजल की व्यवस्था की गई थी। लेकिन अब मानसून की बारिश से पाली जिले के लोगों को काफी राहत मिली। यहां पीने के पानी का एकमात्र स्त्रोत जवाई बांध जो सूख गया था, उसमें करीब 13 फीसदी पानी आ गया है। बांध का गेज करीब 4.23 आरएल मीटर से ज्यादा दर्ज किया गया। वर्तमान में बांध 26.31 मिलीयन क्यूबिक मीटर (एमक्यूएम) पानी है, जो पाली को तीन महीने से अधिक सप्लाई किया जा सकता है। बांसवाड़ा के पहले सुरवानिया डेम के सभी 10 गेट खोले जा चुके हैं। माहीडेम में भी पानी की आवक जारी है। झालावाड़ के कालीसिंध बांध के भी सात गेट खोले जा चुके हैं।
पांच बार ही बांध हुआ ओवरफ्लो
बीसलपुर बांध परियोजना के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि बांध अब तक पांच बार ओवरफ्लो हो चुका है। वर्ष 2004 में पहली बार बांध ओवरफ्लो हुआ। इसके बाद 2006, 2014, 2016 और साल 2019 में ओवरफ्लो हुआ।
हाल ए बीसलपुर बांध
—बांध में पहली बार 18 जून को आया सात सेंटीमीटर पानी
—जुलाई के महीने में अब तक सिर्फ 0.80 टीएमसी ही पानी की आवक दर्ज
—बांध की कुल ऊंचाई — 315.50 आरएल मीटर
— पेयजल — 309.15 आरएल मीटर
-बुधवार सुबह तक बांध में कुल 22 प्रतिशत पानी यानि कुल भराव 8.48 टीएमसी पानी शेष
—जलदाय विभाग का आवंटित पानी— 16.20 टीएमसी
—सिंचाई के लिए आवंटित पानी — 8.0 टीएमसी