जेकेके में जीवंत हुआ कुंदन लाल गंगानी का ‘नृत्य’ और ‘तबला’ | Kundan Lal Gangani’s ‘Nritya’ and ‘Tabla’ come alive in JKK | Patrika News

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जेकेके में जीवंत हुआ कुंदन लाल गंगानी का ‘नृत्य’ और ‘तबला’ | Kundan Lal Gangani’s ‘Nritya’ and ‘Tabla’ come alive in JKK | Patrika News

जेकेके में जीवंत हुआ कुंदन लाल गंगानी का ‘नृत्य’ और ‘तबला’ | Kundan Lal Gangani’s ‘Nritya’ and ‘Tabla’ come alive in JKK | Patrika News

एक जमाने की चर्चित अभिनेत्री रहीं स्वर्णलता, पारो और जबिन सहित देश के कई ख्याति प्राप्त कथक नृत्य कलाकारों को कथक नृत्य की शिक्षा देने वाले कथक गुरु पंडित कुंदन लाल गंगानी की 38वीं पुण्य तिथि के मौके पर जवाहर कला केंद्र में ‘अभिज्ञा.2’ समारोह आयोजित किया गया।

जयपुर

Published: July 17, 2022 08:49:47 pm

जेकेके में जीवंत हुआ कुंदन लाल गंगानी का ‘नृत्य’ और ‘तबला’ .कथक के नामी कलाकार और शिष्यों ने की गंगानी के कृतित्व पर चर्चा
जयपुर। एक जमाने की चर्चित अभिनेत्री रहीं स्वर्णलता, पारो और जबिन सहित देश के कई ख्याति प्राप्त कथक नृत्य कलाकारों को कथक नृत्य की शिक्षा देने वाले कथक गुरु पंडित कुंदन लाल गंगानी की 38वीं पुण्य तिथि के मौके पर जवाहर कला केंद्र में ‘अभिज्ञा.2’ समारोह आयोजित किया गया।
कलावृत्त संस्था की ओर से देश की जानी-मानी कथक नृत्य गुरु और नृत्यांगना डॉ.प्रेरणा श्रीमाली के संयोजन में आयोजित इस समारोह में दिल्ली से आए गंगानी के पुत्र और शिष्य पंडित राजेन्द्र गंगानी, पंडित फतेह सिंह गंगानी, जयपुर की डॉ.शशि सांखला, कार्यक्रम संयोजक प्रेरणा श्रीमाली, युवा नृत्यंागना डॉ. रीमा गोयल और डॉ.अनुराग वर्मा ने अपने गुरु और दादा गुरु की बंदिशों पर चर्चा की। साथ ही उनके बनाए कायदे और कथक नृत्य की अनेक तकनीकों का संक्षिप्त प्रदर्शन भी किया। फतेह सिंह गंगानी ने बताया कि कुंदन लाल जितने सिद्धहस्त नृत्यकार थे उतने ही कुशल तबला वादक भी थे।
कार्यक्रम की शुरुआत में समारोह में बड़ी संख्या में आए कथक के कलाकारों और अतिथि कलाकारों ने सामूहिक रूप से गुरु प्रणाम से गंगानी को नृत्यांजलि पेश की। इसके बाद चले चर्चाओं के दौर में कलाकारों ने कुंदन लाल गंगानी के अनुशासन, नृत्य की शिक्षा देने की रीति-नीति और उनकी रचित बंदिशों और कथक की तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की।
की गई वीडियो स्क्रीनिंग
इस मौके पर गंगानी के प्रति महान नृत्य कलाकार पंडित बिरजू महाराज, शोभा कौसर, कुमुदनी के अलावा कला मर्मज्ञ शेष नारायण रेड्डी,मांड गायक पंडित चिरंजी लाल तंवर सहित उनके समकालीन अनेक कलाकारों और कला मर्मज्ञों के विचार के वीडियो की स्क्रीनिंग की गई। अपने वीडियो संदेश में स्वर्गीय बिरजू महाराज ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा था कि कुंदन लाल गंगानी दानी गुरु थे जो अपने ज्ञान का खुलकर शिष्यों में वितरण किया करते थे। प्रेरणा श्रीमाली ने कहा कि कलाकार के मन में अगर नग्मा हो तो लय अपने आप उतरती चली जाती है। इस मौके पर प्रेरणा श्रीमाली और राजेन्द्र गंगानी ने गंगानी के ठाठ बांधने के अंदाज का प्रदर्शन किया। अन्त में गंगानी की सबसे वरिष्ठ शिष्या रहीं कथक नृत्य गुरु डॉ.शशि सांखला ने अपने गुरु के कृतित्व विचार व्यक्त करते हुए उनके सबक का संक्षिप्त प्रदर्शन किया।

जेकेके में जीवंत हुआ कुंदन लाल गंगानी का ‘नृत्य’ और ‘तबला’

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