कैफ की पारी, गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी से लहराई जर्सी, 20 साल पहले आज ही के दिन भारत ने रचा था इतिहास | Natwest trophy 2002 Sourav Ganguly jersey celebration from lords mohammad kaif innings | Patrika News h3>
ये वो दौर था जब भारतीय टीम मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते बिखर गई थी और टीम को सौरव गांगुली के रूप में एक युवा कप्तान मिला था। दादा के कप्तान बनते ही युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ, वीरेंदर सहवाग, हरभजन सिंह और ज़हीर खान जैसे कई युवा खिलाड़ियों मौका मिला।
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दादा ने इन खिलाड़ियों पर भरोसा जताया और एक युवा टीम तैयार की। 2002 के जून में भारत ने इंग्लैंड का दौरा किया जहां वह श्रीलंका और इंग्लैंड के साथ ट्राई सीरीज खेलने वाला था।
10 मैचों की इस सीरीज में 3 बार भारत और इंग्लैंड एक दूसरे से भिड़े। जिसमें एक बार भारत जीता और एक बार इंग्लैंड। एक मैच बारिश के चलते नहीं हो पाया। अब आई 13 जुलाई और नैटवेस्ट सीरीज का फाइनल मुक़ाबला भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया।
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इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और सलामी बल्लेबाज मार्कस ट्रेस्कोथिक और नासिर हुसैन के शानदार शतकों की मदद से इंग्लैंड ने 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 325 रन बनाए। ट्रेस्कोथिक ने 109 और नासिर हुसैन ने 115 रनों की पारी खेली। भारत के लिए जहीर खान ने 3 विकेट अपने नाम किए जबकि आशीष नेहरा और अनिल कुंबले को 1-1 विकेट मिला।
326 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत बहुत अच्छी रही। कप्तान गांगुली और सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग ने मात्र 14 ओवर में पहले विकेट के लिए 106 रनों की साझेदारी की। लेकिन तभी दादा आउट हो गए। पहला विकेट गिरते ही भारतीय टीम लड़खड़ा गई और महज अगले 46 रन पर 4 विकेट और गिर गए। अब भारत का स्कोर 24 ओवर के बाद 146 पर 5 विकेट था।
टीम के दिग्गज राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर भी पवेलियन लौट चुके थे। ऐसे में हमेशा की तरह फैंस ने अपने टीवी बंद कर दिये। इन फैंस में मोहम्मद कैफ के माता पिता भी थे। उन्हें नहीं पता था कि आज उनका बेटा अपने क्रिकेट करियर की सबसे बड़ी पारी खेलने वाला है। कैफ के माँ -बाप फिल्म देखने चले गए।
अब क्रीज़ पर युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ थे और दादा ने टीम को आगे ले जाने की ज़िम्मेदारी इस दोनों युवा बल्लेबाजों को दी। दोनों ने धीरे धीरे पारी को आगे बढ़ाया और फिर अंग्रेजी गेंदबाजों की जमकर धुनाई की।
दोनों ने छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी की। मुकाबले में 7वें नंबर पर बल्लेबाजी को उतरे मोहम्मद कैफ ने इस यादगार मैच में नाबाद 87 रनों की पारी खेलकर भारत को इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत दिलाई।
मैच के बाद टीम के कप्तान गांगुली भावुक हो गए और लॉर्ड्स की बालकनी से अपनी जर्सी उतार कर लहराने लगे। इतना ही नहीं दादा दौड़ते हुए बालकनी से नीचे आए और मोहम्मद कैफ से लिपट गए। कप्तान को झूमता देख उपकप्तान राहुल द्रविड़ भी वहां आ गए और सभी गले लगकर जश्न मनाने लगे।
ये वो दौर था जब भारतीय टीम मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते बिखर गई थी और टीम को सौरव गांगुली के रूप में एक युवा कप्तान मिला था। दादा के कप्तान बनते ही युवराज सिंह, मोहम्मद कैफ, वीरेंदर सहवाग, हरभजन सिंह और ज़हीर खान जैसे कई युवा खिलाड़ियों मौका मिला।
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