सम्मान से वंचित हो रहे संस्कृत शिक्षक | Sanskrit teacher being deprived of respect | Patrika News

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सम्मान से वंचित हो रहे संस्कृत शिक्षक | Sanskrit teacher being deprived of respect | Patrika News

सम्मान से वंचित हो रहे संस्कृत शिक्षक | Sanskrit teacher being deprived of respect | Patrika News

राज्य सरकार ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के सम्मान के लिए आवेदन मांगे हैं। इस आवेदन प्रक्रिया में सामान्य शिक्षा के शिक्षक तो आवेदन कर सकेंगे लेकिन संस्कृत शिक्षा के नहीं। वजह है संस्कृत शिक्षकों का पूर्व निर्धारित कोटा 2018 के बाद से बंद हो गया।

सम्मान से वंचित हो रहे संस्कृत शिक्षक
शिक्षक सम्मान के लिए पूर्व निर्धारित कोटा हुआ बंद
2018 के बाद से बंद है कोटा
सामान्य शिक्षा के शिक्षकों के साथ करना पड़ रहा आवेदन

जयपुर
राज्य सरकार ने शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के सम्मान के लिए आवेदन मांगे हैं। इस आवेदन प्रक्रिया में सामान्य शिक्षा के शिक्षक तो आवेदन कर सकेंगे लेकिन संस्कृत शिक्षा के नहीं। वजह है संस्कृत शिक्षकों का पूर्व निर्धारित कोटा 2018 के बाद से बंद हो गया। ऐसे में अब संस्कृत शिक्षा के शिक्षक राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सम्मान से वंचित हो रहे हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में सामान्य शिक्षा विभाग से पृथक संस्कृत शिक्षा विभाग संचालित है, जिसमें पृथक से संस्कृत मंत्रालय के साथ निदेशालय संस्कृत शिक्षा के अधीन संस्कृत विद्यालयों का संचालन होता है। इन स्कूलों में प्र्रधानाचार्य, प्राध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक व अध्यापक, मंत्रालयिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
इतने शिक्षकों का होता था सम्मान
सामान्य शिक्षा विभाग की तरह संस्कृत शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों को भी राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्य स्तर पर 15 तथा राष्ट्रीय स्तर पर 2 शिक्षकों को वर्ष 2003-04 से 2012-13 तक अलग से शिक्षक सम्मान के लिए निर्धारित कोटा आवंटित किया गया था।
वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 तक राज्य स्तर पर 10 तथा राष्ट्रीय स्तर पर 2 शिक्षकों का कोटा निर्धारित था। इस कोटे के तहत संस्कृत शिक्षा विभाग के शिक्षकों से भी पृथक से निदेशालय संस्कृत शिक्षा आवेदन आमंत्रित करता था। जिनका ग्राउंड एसेसमेंट और आवेदन सत्यापन का कार्य संस्कृत शिक्षा विभागीय अधिकारियों की ओर से किया जाता था। निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार पात्र शिक्षकों का चयन संस्कृत शिक्षा विभागीय अधिकारी करते थे और योग्य शिक्षकों का चयन कर की सूची निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर भिजवाई जाती है । इसके बाद हर साल 5 सितंबर को आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में उन्हें अलग से पुरस्कृत किया जाता था तथा उन्हीं के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर भी नामांकन भिजवाए जाते थे लेकिन 2018-19 से संस्कृत शिक्षा का कोई कोटा निर्धारित नहीं है ।
योग्य शिक्षकों का नहीं हो रहा चयन
2018-19 से संस्कृत शिक्षा का कोई कोटा निर्धारित नहीं होने से संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षकों को सामान्य शिक्षा विभाग के शिक्षकों के साथ ही शाला दर्पण पर आवेदन करना पड़ रहा है। इस कारण इनका ग्राउंड असेसमेंट, एसीआर संबंधित सभी कार्य सामान्य शिक्षा विभाग के अधीन ही होते हैं। ऐसे में पृथक कोटा समाप्त हो जाने के कारण संस्कृत शिक्षा विभाग में शिक्षकों का पर्याप्त चयन नहीं हो पा रहा।
निदेशालय ने लिखा पत्र
संस्कृत शिक्षकों की इस स्थिति को देखते हुए निदेशक संस्कृत शिक्षा ने अतिरिक्त मुख्य सचिव संस्कृत शिक्षा को पत्र लिखकर राज्य स्तरीय राष्ट्रीय स्तर शिक्षक सम्मान में संस्कृत शिक्षा विभाग के शिक्षकों का कोटा निर्धारण करने के लिए पत्र लिखा है । इतना ही नहीं समय.समय पर विभिन्न संस्कृत शिक्षक संगठन भी इसकी मांग उठाते आए हैं लेकिन अभी तक पृथक कोटा निर्धारित नहीं हो पाया है ।
इनका कहना है
शिक्षक सम्मान समारोह में संस्कृत शिक्षकों का कोटा अब अलग से निर्धारित नहीं है। ऐसे में उन्हें सामान्य शिक्षा के शिक्षकों के साथ ही आवेदन करना होता है। ऐसे में अबउनके ग्राउंड असेसमेंट, एसीआर संबंधित सभी कार्य सामान्य शिक्षा विभाग के अधीन हो गए है और सम्मान के लिए संस्कृत शिक्षकों का चयन नहीं हो रहा। हमने इस संबंध में उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है।
दीर्घाराम रामस्नेही, निदेशक
संस्कृत शिक्षा



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