Maharashtra Political Crisis: विधायकों के बाद शिंदे को मिला 17 शिवसेना सांसदों का साथ, चुनाव चिन्ह पर भी दावा ठोकेंगे शिंदे | Maharashtra Political Crisis: Shinde also got the support of 17 mla | Patrika News

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Maharashtra Political Crisis: विधायकों के बाद शिंदे को मिला 17 शिवसेना सांसदों का साथ, चुनाव चिन्ह पर भी दावा ठोकेंगे शिंदे | Maharashtra Political Crisis: Shinde also got the support of 17 mla | Patrika News

Maharashtra Political Crisis: विधायकों के बाद शिंदे को मिला 17 शिवसेना सांसदों का साथ, चुनाव चिन्ह पर भी दावा ठोकेंगे शिंदे | Maharashtra Political Crisis: Shinde also got the support of 17 mla | Patrika News

वहीं उद्धव ठाकरे ने आज 11.30 बजे बचे हुए विधायकों की बैठक बुलाई है। CM उद्धव ठाकरे साथ जो 16 विधायक बचे हैं उनके नाम यहां नीचे दिए जा रहे हैं – देखें उनकी लिस्ट

  1. आदित्य ठाकरे (मंत्री)
  2. उदय सामंत (मंत्री)
  3. चिमणराव पाटील
  4. राहुल पाटील
  5. संतोष बांगर
  6. वैभव नाईक
  7. सुनील राऊत
  8. रविंद्र वायकर
  9. सुनील प्रभू
  10. दिलीप लांडे
  11. प्रकाश फार्तफेकर
  12. संजय पोतनीस
  13. अजय चौधरी
  14. कैलास घाडगे पाटील
  15. भास्कर जाधव
  16. राजन साळवी

कांग्रेस, एनसीपी नेता कर रहे हैं मंथन

सरकार पर अभूतपूर्व संकट को देखते हुए NCP नेताओं के साथ शरद पवार की बैठक भी आज हो रही है। NCP प्रमुख शरद पवार और NCP विधायकों की मीटिंग 11 बजे होगी। कांग्रेस के नेता भी मंथन कर रहे हैं। इसके बाद ये नेता फिर उद्धव ठाकरे के साथ मिलेंगे।

बीजेपी कर रही इंतजार महाराष्ट्र मेंPolitical Crisis के मौजूदा हालात पर बीजेपी नजर बनाये हुए। लेकिन अभी भी Maharashtra के संकट पर बीजेपी शिवसेना की अंदरूनी लड़ाई की तस्वीर साफ होने का इंतजार कर रही है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने सरकार बनाने की संभावनाओं पर भी काम शुरू कर दिया है। बीजेपी चाहती है कि शिंदे गुट शिवसेना के सिंबल पर दावा ठोक दे। इसके बाद से शिवसेना पूरी तरह से उद्धव ठाकरे के नियंत्रण से बाहर हो जाएगी। कई छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों से भी बीजेपी संपर्क में है। महाविकासआघाड़ी की सरकार गिरने की स्थिति में बीजेपी सरकार बनाने केलिए दावा करेगी।

सांसद भी शिंदे के समर्थन में विधायक ही नहीं, 17 सांसद एकनाथ शिंदे के समर्थन में आएमहाराष्ट्र में विधायकों के साथ-साथ अब सांसद भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में आते दिखाई दे रहे है। बताया जा रहा है कि 17 सांसद एकनाथ शिंदे के सम्पर्क में हैं। ठाणे के सांसद राजन विचारे गुवाहाटी में मौजूद हैं। वसीम सांसद भावना गवली, पलघर सांसद राजेंद्र गवित, रामटेक सांसद क्रुपाल, कल्याण के सांसद श्रिकांत शिंदे ने भी अपना समर्थन दिया है।

आज ले सकते हेैं शिंदे रणनीतिक फैसला अपने समर्थन में आए विधायकों के साथ मीटिंग करने के बाद शिंदे आज कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। इस मीटिंग में आगे की रणनीति को तय किया जाएगी, जिसके बाद राज्यपाल को अलग समूह का पत्र दिया जा सकता है। बताया जा रहा है कि कुल विधायकों के समर्थन से उत्साहित शिंदे पार्टी के सिंबल पर भी दावा ठोकने की रणनीति बना रहे हैं।

बीजेपी कर रही है इंतजार बीजेपी अब भी इंतजार कर दर्शक की भूमिका में है। मिली जानकारी के अनुसार जब तक एकनाथ शिंदे का गुट MVA से अपना समर्थन वापस नहीं लेता तब तक भाजपा आगे नहीं आएगी। आज एकनाथ शिंदे का समूह राज्यपाल को पत्र देकर MVA सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की बात कर सकते हैं। उसके बाद बीजेपी आगे का कदम उठाएगी। सूत्रों का दावा है कि बीजेपी अपनी गतिविधियां तभी शुरू करेगी जब सारी चीजें सही तरीके से हो जाएंगी ताकि पिछली गलती दोबारा न हो।

बढ़ता जा रहा है शिंदे का कुनबा
बुधवार तक कहा जा रहा था कि 38 विधायक हैं जो एकनाथ शिंदे के साथ सूरत से गुवाहाटी पहुंचे है और आज सुबह आते-आते 7 और विधायक उद्धव का साथ छोड़कर गुवाहाटी पहुंच गए हैं। इस तरह गुवाहाटी में शिंदे समर्थक महाराष्ट्र के विधायकों की संख्या 45 के पार पहुंच गई है और इसमें भी 37 के मैजिक नंबर से अधिक विधायकों की संख्या तो शिवसेना विधायकों की ही बताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को जो विधायक गुवाहाटी पहुंचे हैं, उनमें चंद्रकांत पाटिल, योगेश कदम, मंजुला गावित और गुलाबराव पाटिल शामिल हैं। मंजुला गावित और चंद्रकांत पाटिल निर्दलीय विधायक हैं, जबकि योगेश कदम और गुलाबराव पाटिल शिवसेना विधायक हैं।

उद्धव सरकार का गिरना तय
नंबर गेम की बात करें तो एकनाथ शिंदे के दावे के मुताबिक उनके साथ इतने शिवसेना विधायक हैं कि दलबदल कानून अप्रभावी हो जाता है। यानी उद्धव सरकार का बचना जरा मुश्किल लग रहा है। सरकारी आवास छोड़कर उद्धव ठाकरे ने और एकनाथ शिंदे के लिए मुख्यमंत्री पद का ऑफर देने की बात कहने वाले शरद पवार ने और कांग्रेस ने शिवसेना के पाले में गेंद डालकर ये संदेश पहले ही दे दिया है कि उद्धव सरकार तो गई।



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