ईआरसीपी पर राजस्थान सरकार संशोधित प्रस्ताव आज भेज दे, दो महीने में लागू करा दूंगा: शेखावत | politics on eastern rajasthan cannal project | Patrika News h3>
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत जब मुख्यमंत्री बने और ईआरसीपी पर चर्चा की तो सबसे पहली आपत्ति मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ ने की थी। उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई कि यह योजना आपने जिन नियमों से बनाई है, वह केन्द्र सरकार और देश के नियमों के अनुरूप नहीं हैं। इसमें सुधार करने की आवश्यकता है। इस योजना पर मध्य प्रदेश सरकार को आपत्ति है। हम इसको पारित नहीं होने देंगे।
शेखावत ने कहा कि 2019 में जब मैं जलशक्ति मंत्री बना तो मैंने एक बैठक बुलाई। राजस्थान और मध्य प्रदेश के मंत्रियों-अफसरों को बुलाया। अधिकारी तो आए, लेकिन राजस्थान के मंत्रियों को शायद मेरे ऑफिस में आने से डर लगता है, क्योंकि गहलोत के बेटे को जोधपुर की जनता ने हरा दिया था। मैंने 7 बार मीटिंग की और सातों बार मंत्री नहीं आए। अधिकारियों से कहा कि इसका मार्ग निकलना चाहिए। मध्य प्रदेश को सहमत किया। राजस्थान सरकार को चिट्ठी लिखी और कहा कि आप 75% डिपेंडेबिलिटी पर इस योजना को बना करके भेजिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गहलोत साहब रोज झूठ बोलते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईआरसीपी को लेकर वादा किया था, लेकिन सच्चाई यह है कि यह योजना वर्ष 2018 में केन्द्र सरकार के पास पहुंची-पहुंची थी। योजना के किसी भी पक्ष से चर्चा या समीक्षा उस समय तक नहीं हो पाई थी। प्रधानमंत्री ने जयपुर में केवल यह कहा था कि यह योजना मेरे पास में भेजी गई है। वसुंधरा राजे ने भेजी है। बहुत सारे विधायक भी मुझसे मिले हैं। सारे पक्षों से बातचीत कर हम इस पर संवेदनशीलता से विचार करेंगे। प्रधानमंत्री ने अजमेर में फिर कहा था कि इस योजना पर विचार चल रहा है। हम सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रहे हैं।
शेखावत ने कहा कि इन 13 जिलों में 30 से अधिक बांध हैं, जिनमें पानी भरने का काम अगले 5 साल में पूरा करके दूंगा और भारत सरकार उस योजना को पूरा करेगी, लेकिन दुर्भाग्य है कि राजस्थान की वर्तमान सरकार लोगों को पानी नहीं पिलाना चाहती। केवल पानी के नाम पर, सूखे और प्यासे कंठों के नाम पर राजनीति करके वापस सत्ता की कुर्सी को ललचाई दृष्टि से देखना चाहती है।
जल जीवन मिशन की चर्चा करते हुए शेखावत ने कहा कि राजस्थान को सबसे ज्यादा 27,000 करोड रुपए आवंटित किए गए हैं, लेकिन गहलोत सरकार काम की गति को नहीं बढ़ा रही। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार चाहे कितनी भी ताकत लगा ले, चाहे कितना भी रोक ले, मैं वादा करता हूं कि राजस्थान में वर्ष 2024 के अंत तक यह योजना पूरी होगी और एक भी माता-बहन को सिर पर घड़ा रखकर पानी लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत जब मुख्यमंत्री बने और ईआरसीपी पर चर्चा की तो सबसे पहली आपत्ति मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ ने की थी। उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई कि यह योजना आपने जिन नियमों से बनाई है, वह केन्द्र सरकार और देश के नियमों के अनुरूप नहीं हैं। इसमें सुधार करने की आवश्यकता है। इस योजना पर मध्य प्रदेश सरकार को आपत्ति है। हम इसको पारित नहीं होने देंगे।
शेखावत ने कहा कि 2019 में जब मैं जलशक्ति मंत्री बना तो मैंने एक बैठक बुलाई। राजस्थान और मध्य प्रदेश के मंत्रियों-अफसरों को बुलाया। अधिकारी तो आए, लेकिन राजस्थान के मंत्रियों को शायद मेरे ऑफिस में आने से डर लगता है, क्योंकि गहलोत के बेटे को जोधपुर की जनता ने हरा दिया था। मैंने 7 बार मीटिंग की और सातों बार मंत्री नहीं आए। अधिकारियों से कहा कि इसका मार्ग निकलना चाहिए। मध्य प्रदेश को सहमत किया। राजस्थान सरकार को चिट्ठी लिखी और कहा कि आप 75% डिपेंडेबिलिटी पर इस योजना को बना करके भेजिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गहलोत साहब रोज झूठ बोलते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईआरसीपी को लेकर वादा किया था, लेकिन सच्चाई यह है कि यह योजना वर्ष 2018 में केन्द्र सरकार के पास पहुंची-पहुंची थी। योजना के किसी भी पक्ष से चर्चा या समीक्षा उस समय तक नहीं हो पाई थी। प्रधानमंत्री ने जयपुर में केवल यह कहा था कि यह योजना मेरे पास में भेजी गई है। वसुंधरा राजे ने भेजी है। बहुत सारे विधायक भी मुझसे मिले हैं। सारे पक्षों से बातचीत कर हम इस पर संवेदनशीलता से विचार करेंगे। प्रधानमंत्री ने अजमेर में फिर कहा था कि इस योजना पर विचार चल रहा है। हम सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रहे हैं।
शेखावत ने कहा कि इन 13 जिलों में 30 से अधिक बांध हैं, जिनमें पानी भरने का काम अगले 5 साल में पूरा करके दूंगा और भारत सरकार उस योजना को पूरा करेगी, लेकिन दुर्भाग्य है कि राजस्थान की वर्तमान सरकार लोगों को पानी नहीं पिलाना चाहती। केवल पानी के नाम पर, सूखे और प्यासे कंठों के नाम पर राजनीति करके वापस सत्ता की कुर्सी को ललचाई दृष्टि से देखना चाहती है।
जल जीवन मिशन की चर्चा करते हुए शेखावत ने कहा कि राजस्थान को सबसे ज्यादा 27,000 करोड रुपए आवंटित किए गए हैं, लेकिन गहलोत सरकार काम की गति को नहीं बढ़ा रही। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार चाहे कितनी भी ताकत लगा ले, चाहे कितना भी रोक ले, मैं वादा करता हूं कि राजस्थान में वर्ष 2024 के अंत तक यह योजना पूरी होगी और एक भी माता-बहन को सिर पर घड़ा रखकर पानी लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।