स्टडी में दावा, भ्रामरी प्रणायाम से बढ़ती है याददाश्त शक्ति, स्ट्रेस घटाने में भी मददगार h3>
नई दिल्ली: 40 मिनट का भ्रामरी प्राणायाम आपकी याददाश्त शक्ति बढ़ा सकता है, आपकी बुद्धि तेज कर सकता है, ज्ञान ग्रहण करने की क्षमता में इजाफा कर सकता है और आपका ब्लड प्रेशर कम करने में भी मददगार हो सकता है। यही नहीं, नियमित रूप से इसे अपनाने पर यह आपके तनाव को भी कम कर सकता है। ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद (AIIA) और आईआईटी दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से की गई शुरुआती स्टडी में यह बात सामने आई है। कुल 60 लोगों पर यह स्टडी हुई है, जिसकी रिपोर्ट अगले कुछ महीनों में आनी है।
एआईआईए की रिसर्च हेड डॉ. मेधा कुलकर्णी ने अपनी स्टडी के दावे में कहा कि अभी हमें शुरुआती सबूत मिले हैं, जिसमें हमने पाया है कि भ्रामरी याददाश्त बढ़ाता है, तनाव कम करता है, जानकारी हासिल करने की क्षमता में विकास करता है। हम आईआईटी दिल्ली के साथ इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। आईआईटी के डॉ. दीपक जोशी ने एक डिजाइन डिवेलप किया है, जिसे नाक में लगाकर भ्रामरी करते हैं। इससे भ्रामरी के दौरान निकलने वाली ध्वनि का ब्रेन पर किस प्रकार का असर होता है, इसकी रिकॉर्डिंग करते हैं। ब्रेन मैपिंग के लिए ईईजी जैसी जांच का सहारा लिया जाता है। भ्रामरी करते समय किस तरह का ग्राफ बनता है, इसे नोट करते हैं।
डॉक्टर मेधा ने बताया कि हमने शुरू में बेसिक स्टडी की जिसमें लोगों से भ्रामरी करने को कहा गया और उनकी ईईजी रिकॉर्डिंग की गई। उसी में हमें पॉजिटिव संकेत मिले। इससे हमें पॉजिटिव दिशा में बढ़ने मदद मिली। जबकि इन लोगों को भ्रामरी कैसे किया जाता है, इसकी पूरी जानकारी नहीं थी। हमने 21 दिनों तक इन लोगों को भ्रामरी करने की ट्रेनिंग दी। 40 मिनट की ट्रेनिंग में उन्हें पूरी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि कुल 60 लोगों पर यह स्टडी की जा रही है। इन्हें 30-30 लोगों के दो ग्रुप में बांट दिया गया है। एक ग्रुप को भ्रामरी प्राणायाम कराया गया, जबकि दूसरे ग्रुप से नहीं कराया गया।
डॉक्टर ने कहा कि यह स्टडी हो चुकी है और इसका आकलन चल रहा है। आकलन में हम यह देख रहे हैं कि जिन्होंने भ्रामरी किया और जिन्होंने नहीं किया, उस दौरान उनके ब्रेन में किस प्रकार के बदलाव आए हैं। अगले कुछ दिनों में इसकी पूरी रिपोर्ट सामने आने पर हम इसके होने वाले पॉजिटिव असर के बारे में और दावे के साथ बता पाएंगे। लेकिन इतना सच है कि इसकी शुरुआती रिपोर्ट काफी उत्साहवर्धक है।
एम्स की स्टडी में योग को पाया फायदेमंद
दूसरी ओर, एम्स की एक स्टडी में भी योग से होने वाले फायदे का सबूत मिला है। एम्स की स्टडी में दावा किया गया है कि योग से नींद की बीमारी से संबंधित समस्या कम होती है। 4 साल तक एम्स ने 60 मरीजों पर यह स्टडी की है, जिसकी रिपोर्ट द नैशनल मेडिकल जर्नल ऑफ ने प्रकाशित भी किया है। एम्स की न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर मंजरी त्रिपाठी ने कहा कि नींद की बीमारी- यानी नींद कम आने से परेशान मरीजों पर यह स्टडी की गई है, उनमें योग करने का काफी फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि योग से फायदे होते हैं, लेकिन हम किसी खास बीमारी या परेशानी में योग कितना कारगर है, इस स्टडी के आधार पर दावा कर सकते हैं कि नींद की बीमारी में योग कारगर है।
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डॉक्टर मेधा ने बताया कि हमने शुरू में बेसिक स्टडी की जिसमें लोगों से भ्रामरी करने को कहा गया और उनकी ईईजी रिकॉर्डिंग की गई। उसी में हमें पॉजिटिव संकेत मिले। इससे हमें पॉजिटिव दिशा में बढ़ने मदद मिली। जबकि इन लोगों को भ्रामरी कैसे किया जाता है, इसकी पूरी जानकारी नहीं थी। हमने 21 दिनों तक इन लोगों को भ्रामरी करने की ट्रेनिंग दी। 40 मिनट की ट्रेनिंग में उन्हें पूरी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि कुल 60 लोगों पर यह स्टडी की जा रही है। इन्हें 30-30 लोगों के दो ग्रुप में बांट दिया गया है। एक ग्रुप को भ्रामरी प्राणायाम कराया गया, जबकि दूसरे ग्रुप से नहीं कराया गया।
डॉक्टर ने कहा कि यह स्टडी हो चुकी है और इसका आकलन चल रहा है। आकलन में हम यह देख रहे हैं कि जिन्होंने भ्रामरी किया और जिन्होंने नहीं किया, उस दौरान उनके ब्रेन में किस प्रकार के बदलाव आए हैं। अगले कुछ दिनों में इसकी पूरी रिपोर्ट सामने आने पर हम इसके होने वाले पॉजिटिव असर के बारे में और दावे के साथ बता पाएंगे। लेकिन इतना सच है कि इसकी शुरुआती रिपोर्ट काफी उत्साहवर्धक है।
एम्स की स्टडी में योग को पाया फायदेमंद
दूसरी ओर, एम्स की एक स्टडी में भी योग से होने वाले फायदे का सबूत मिला है। एम्स की स्टडी में दावा किया गया है कि योग से नींद की बीमारी से संबंधित समस्या कम होती है। 4 साल तक एम्स ने 60 मरीजों पर यह स्टडी की है, जिसकी रिपोर्ट द नैशनल मेडिकल जर्नल ऑफ ने प्रकाशित भी किया है। एम्स की न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर मंजरी त्रिपाठी ने कहा कि नींद की बीमारी- यानी नींद कम आने से परेशान मरीजों पर यह स्टडी की गई है, उनमें योग करने का काफी फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि योग से फायदे होते हैं, लेकिन हम किसी खास बीमारी या परेशानी में योग कितना कारगर है, इस स्टडी के आधार पर दावा कर सकते हैं कि नींद की बीमारी में योग कारगर है।