राजस्थान ही नहीं कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की किल्लत, कहीं लाइन तो कई पेट्रोल पंप सूखे, राशनिंग का सामना कर रहे पंप डीलर | Not only Rajasthan, shortage of petrol and diesel in many states | Patrika News

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राजस्थान ही नहीं कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की किल्लत, कहीं लाइन तो कई पेट्रोल पंप सूखे, राशनिंग का सामना कर रहे पंप डीलर | Not only Rajasthan, shortage of petrol and diesel in many states | Patrika News

राजस्थान ही नहीं कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की किल्लत, कहीं लाइन तो कई पेट्रोल पंप सूखे, राशनिंग का सामना कर रहे पंप डीलर | Not only Rajasthan, shortage of petrol and diesel in many states | Patrika News

कंपनियों ने तय किया पंप डीलरों का (Rationing) कोटा दिल्ली में सबसे अधिक और राजस्थान में सबसे अधिक संकट दिखाई दे रहा है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने दिल्ली से पत्रिका को बताया कि अभी दिल्ली में आपूर्ति की कोई खास दिक्कत नहीं है लेकिन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल आपूर्ति का राशनिंग शुरू कर दी है। पहले इस तरह की राशनिंग नहीं थी, बल्कि पंप डीलरों को अधिक से अधिक माल उठाने के लिए कहा जाता था। अब पेट्रोल पंप का Quota तय कर दिया गया है। हर Petrol Pump का उसके Quota के अनुसार ही Petrol -diesel की Supply की जा रही है।

राजस्थान में आपूर्ति संकट का सबसे ज्यादा असर प्राप्त जानकारी के अनुसार, पेट्रोल-डीजल की किल्लत का सबसे ज्यादा असर तो राजस्थान में दिखाई दे रहा है। राजस्थान पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया कि राजस्थान में पिछले 3 दिनों से दो तेल कंपनियों भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) की डिमांड और सप्लाई का अनुपात अस्थिर हो गया है…सुनीत बगई ने बताया कि आज 15 जून को बीपीसीएल की आपूर्ति ठीक हुई है, लेकिन HPCL पर आपूर्ति अभी भी प्रभावित है। बगई ने बताया कि आपूर्ति में दिक्कत का एक बड़ा कारण एचपीसीएल के पास आपूर्ति के लिए डेडिकेटिड पाइप लाइन का न होना है, जबकि इंडियन ऑयल और बीपीसीएल के पास भारत में तेल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन का मजबूत नेटवर्क है।

राजस्थान में लगभग 2500 पेट्रोल पंप ड्राई लेकिन इस बीच तीन दिन की ही किल्लत में तेल कंपनियों से पेट्रोल – डीजल मांग और आपूर्ति की चेन डिस्टर्ब होने के बाद राजस्थान में लगभग 2500 पेट्रोल पंप ड्राई हो चुके हैं। आपको बता दें कि राजस्थान में कुल लगभग 6 हजार सात सौ पंप हैं। ऐसे में लगभग 2 हजार पेट्रोल पंप के सूख जाने के बाद स्थिति काफी गंभीर होती दिख रही है…पर कल से आज इसमें राहत भी बताई जा रही है। लेकिन राज्य में अचानक से 1500- 2000 पेट्रोल पंप यानी एक तिहाई के बंद हो जाने की वजह से बाकि के पेट्रोल पंप पर अब पहले से ज्यादा दबाव पड़ रहाहै। सुनीत बगई ने बताया कि गनीमत है कि IOCL के Petrol Pump पर कोई किल्लत नहीं है, नहीं तो प्रदेश में हाहाकार के हालात पैदा हो जाते।

कच्चे तेल के दाम बढ़ना है बड़ी वजह तेल कंपनियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कच्चे तेल के दाम बढ़ने के निजी पेट्रोल पंपों ने आपूर्ति लेना बंद कर दिया है। उनके लिए महंगा खरीदकर सस्ता बेचना संभव नहीं रह गया है, जबकि सरकारी कंपनियां घाटे में पेट्रोल और डीजल बेच रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार तेल कंपनियां पेट्रोल पर 20 रुपए और डीजल पर करीब 12 रुपए इन दिनों घाटा उठा रही हैं। यही वजह है कि अपेक्षाकृत छोटी सरकारी तेल कंपनियां जैसे बीपीसीएल और एचपीसीएल अब डीलर से पहले पैसा ले रही हैं और फिर पेट्रोल – डीजल की आपूर्ति कर रही हैं, क्योंकि उनको अब तेल की खरीद में घाटा उठाना पड़ रहा है। इसलिए अब वे पेट्रोल पंपों को 15 दिन की क्रेडिट पर पेट्रोल -डीजल देने के लिए तैयार नहीं हैं, जो कि वे अब तक दे रही थीं। राजस्थान में कुछ डीलर्स ने इन नई शर्तों पर पेट्रोल और डीजल लेने से मना कर दिया, इसलिए राजस्थान में ये किल्लत अधिक दिख रही है।

सरकारी पेट्रोल पंपों पर बड़ा ट्रेफिक राजस्थान पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने पत्रिका को बताया कि, राजस्थान में पेट्रोल की कमी की सबसे बड़ी वजह ये भी है, कि करीब दो सप्ताह से रिलायंस और एस्सार के पेट्रोल पम्प्स का बंद हो गए हैं, वे अब महंगा पेट्रोल और डीजल नहीं खरीद रहे हैं। बगई ने बताया कि इन दोनों कंपनियों का राजस्थान में मार्केट शेयर करीब 12 फीसदी है और अब जब इनके पेट्रोल पंप बंद हुए तो इनका भार अन्य कंपनियों के पेट्रोल पम्प पर आ गया, जो कि पहले से तेल कंपनियों की राशनिंग और नई शर्तों का सामना कर रहे थे।

तीन सरकारी कंपनियों में से एक ही दे रही पूरी सप्लाई तेल कंपनियों के सूत्रों से मिली जानकारी पर मुहर लगाते हुए सुनीत बगई ने बताया कि केवल इंडियन ऑयल कंपनी (IOCL) ही राज्य को पूरी सप्लाई दे रही है। कुल मिलाकर अब राजस्थान में स्थिति ये है कि कोई भी छोटा या बड़ा जिला ऐसा नहीं बचा है जो कि तेल की डिमांड एवं सप्लाई के अंतराल से प्रभावित नहीं हुआ हो। राजधानी जयपुर में भी पेट्रोल और डीजल के लिए हालात मुश्किल हो गए हैं। राजधानी में अगर कुल पेट्रोल पंप के आंकड़ों की बात करें तो लगभग 640 पेट्रोल पंप हैं लेकिन इनमें से 100 से ज्यादा पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल नहीं है के बोर्ड लगा दिए गए हैं ।

अब 3-4 दिनों हालात सुधरने की आस पर बगई ने बताया कि भारत सरकार तेजी से इस संकट को हल करने पर काम कर रही है और आज स्थिति 14 जून से बेहतर है। बगई ने बताया कि 3 से 4 दिन में हालात पूरी तरह से सामान्य हो जाने की उम्मीद है। बगई ने कहा कि श्रीलंका से जैसे हालात बनने के कतई आसार नहीं हैं, क्योंकि भारत के पास डॉलर भुगतान को कोई संकट नहीं है।



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