ShobhaRani Kushwaha : ‘निलंबित’ MLA अब BJP से ‘निष्कासित’, राज्यसभा चुनाव में Congress प्रत्याशी को दिया था वोट | BJP MLA ShobhaRani Kushwaha terminated from party | Patrika News h3>
गौरतलब है कि कुशवाहा द्वारा क्रॉस वोटिंग की बात सामने आने के बाद प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया था। साथ ही पार्टी के केंद्रीय संगठन की ओर से भी उन्हें नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया गया था।
कटारिया की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने मंगलवार को नई दिल्ली में भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष से मुलाकात की थी। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में विधायक शोभारानी कुशवाह के क्रॉस वोटिंग को लेकर रिपोर्ट दी। कटारिया ने कहा कि शोभारानी की गतिविधि चुनाव शुरू होने से पहले ही संदेहजनक थी। इसके चलते उन पर नजर रखी गई थी। वहीं कुशवाहा की ओर से लगाए गए आरोपों को कटारिया ने निराधार बताया।
सोशल मीडिया के ज़रिए दिखाए थे तेवर
भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाहा के तेवर निलंबित किए जाने के बाद ठंडे नहीं पड़े थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर पांच पॉइंट के माध्यम से भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर कई आरोप जड़ दिए थे। उन्होंने यहां तक लिख डाला कि धौलपुर उपचुनाव के दौरान वे भाजपा के पास नहीं गई थीं, बल्कि राजस्थान का कुशवाहा समाज का वोट बैंक हाथ से ना निकल जाए, इसलिए भाजपा नेता खुद चलकर आए थे। तब समाज के प्रदेश अध्यक्ष और जिम्मेदार 20 बुजुर्ग-युवाओं के सामने कुछ कमिटमेंट किए गए थे, उनमें से एक भी कमिटमेंट पूरा नहीं हुआ। उन्होंने ये भी कहा था कि पार्टी में मुझे बाहर करने की साजिश की जा रही है।
निलंबन कार्रवाई पर आभार जताते हुए शोभारानी ने कहा कि बीजेपी ने जितनी तत्परता मुझे सस्पेंड करने में दिखाई है, अगर इतनी ही ईमानदारी से पार्टी के विरोध में काम करने वाले अन्य बड़े नेताओं पर भी दिखाते तो आम कार्यकर्ताओं को खुशी होती।
भाजपा संविधान का किया उल्लंघन
भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति ने निलंबित महिला विधायक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया कि विधायक ने राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन करके घोर अनुशासनहीनता की है। इस तरह का कृत्य भारतीय जनता पार्टी के संविधान और नियमों के आर्टिकल 25 के रूल 10 ब का भी उल्लंघन है।
‘क्यों ना आपको निष्कासित किया जाए?’
कारण बताओ नोटिस में विधायक शोभारानी कुशवाहा को 7 दिन के भीतर इस बात का जवाब पेश करने को कहा गया है की ‘क्यों ना उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाए?’ जवाब 19 जून तक अनिवार्य रूप से देने के निर्देश दिए गए थे।
प्रदेश नेतृत्व ने भी माँगा था स्पष्टीकरण
इससे पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने क्रॉस वोटिंग के आरोपों से घिरी विधायक शोभारानी कुशवाहा को पार्टी से निलंबित किये जाने के आदेश जारी किये। इस आदेश में भी उनसे 7 दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। गौरतलब है कि भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाहा ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद तिवारी के पक्ष में वोट दे दिया था।
गौरतलब है कि कुशवाहा द्वारा क्रॉस वोटिंग की बात सामने आने के बाद प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया था। साथ ही पार्टी के केंद्रीय संगठन की ओर से भी उन्हें नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया गया था।
कटारिया की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने मंगलवार को नई दिल्ली में भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष से मुलाकात की थी। उन्होंने राज्यसभा चुनाव में विधायक शोभारानी कुशवाह के क्रॉस वोटिंग को लेकर रिपोर्ट दी। कटारिया ने कहा कि शोभारानी की गतिविधि चुनाव शुरू होने से पहले ही संदेहजनक थी। इसके चलते उन पर नजर रखी गई थी। वहीं कुशवाहा की ओर से लगाए गए आरोपों को कटारिया ने निराधार बताया।
सोशल मीडिया के ज़रिए दिखाए थे तेवर
भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाहा के तेवर निलंबित किए जाने के बाद ठंडे नहीं पड़े थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर पांच पॉइंट के माध्यम से भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पर कई आरोप जड़ दिए थे। उन्होंने यहां तक लिख डाला कि धौलपुर उपचुनाव के दौरान वे भाजपा के पास नहीं गई थीं, बल्कि राजस्थान का कुशवाहा समाज का वोट बैंक हाथ से ना निकल जाए, इसलिए भाजपा नेता खुद चलकर आए थे। तब समाज के प्रदेश अध्यक्ष और जिम्मेदार 20 बुजुर्ग-युवाओं के सामने कुछ कमिटमेंट किए गए थे, उनमें से एक भी कमिटमेंट पूरा नहीं हुआ। उन्होंने ये भी कहा था कि पार्टी में मुझे बाहर करने की साजिश की जा रही है।
निलंबन कार्रवाई पर आभार जताते हुए शोभारानी ने कहा कि बीजेपी ने जितनी तत्परता मुझे सस्पेंड करने में दिखाई है, अगर इतनी ही ईमानदारी से पार्टी के विरोध में काम करने वाले अन्य बड़े नेताओं पर भी दिखाते तो आम कार्यकर्ताओं को खुशी होती।
भाजपा संविधान का किया उल्लंघन
भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति ने निलंबित महिला विधायक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया कि विधायक ने राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन करके घोर अनुशासनहीनता की है। इस तरह का कृत्य भारतीय जनता पार्टी के संविधान और नियमों के आर्टिकल 25 के रूल 10 ब का भी उल्लंघन है।
‘क्यों ना आपको निष्कासित किया जाए?’
कारण बताओ नोटिस में विधायक शोभारानी कुशवाहा को 7 दिन के भीतर इस बात का जवाब पेश करने को कहा गया है की ‘क्यों ना उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाए?’ जवाब 19 जून तक अनिवार्य रूप से देने के निर्देश दिए गए थे।
प्रदेश नेतृत्व ने भी माँगा था स्पष्टीकरण
इससे पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने क्रॉस वोटिंग के आरोपों से घिरी विधायक शोभारानी कुशवाहा को पार्टी से निलंबित किये जाने के आदेश जारी किये। इस आदेश में भी उनसे 7 दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। गौरतलब है कि भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाहा ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद तिवारी के पक्ष में वोट दे दिया था।