कूरियर मार्ग से ई-कॉमर्स आभूषण निर्यात के लिए एसओपी का मसौदा जारी h3>
नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) वित्त मंत्रालय ने कूरियर मार्ग से ई-कॉमर्स आभूषण निर्यात की सुविधा देने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा तैयार किया है। इसके जरिये यह आभूषण निर्यात की मंशा रखने वाले विनिर्माताओं और व्यापारियों को एक सरलीकृत नियामकीय ढांचा देना चाहता है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कूरियर के जरिये ई-कॉमर्स मंचों पर कीमती धातुओं और नकली आभूषणों के निर्यात की सुविधा देने के लिए प्रस्तावित एसओपी का एक मसौदा तैयार किया है। इस पर सभी हितधारकों से 14 जून तक सुझाव एवं प्रतिक्रिया आमंत्रित की गई है।
सीबीआईसी ने कूरियर आयात एवं निर्यात (इलेक्ट्रॉनिक घोषणा और प्रसंस्करण) नियमन, 2010 और संबंधित फॉर्म में संशोधन का भी प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा लौटाए गए आभूषणों के दोबारा आयात के लिए शर्तों को निर्धारित करने वाली अधिसूचना जारी करने का भी प्रस्ताव रखा गया है और इस पर भी हितधारकों से विचार आमंत्रित किए गए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में ई-कॉमर्स के जरिये आभूषणों के निर्यात की सुविधा देने के लिए एक सरल नियामकीय ढांचा लागू करने की घोषणा की थी।
इसके बाद भारतीय एक्सप्रेस उद्योग परिषद (ईआईसीआई), रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी), ई-कॉमर्स परिचालक, व्यापार के सदस्य और निर्यात संवर्धन महानिदेशालय में कार्यरत अधिकारियों जैसे तमाम हितधारकों के साथ इस मसले पर विस्तृत सलाह-मशविरा किया गया।
सीबीआईसी ने एसओपी के मसौदे पर सुझाव आमंत्रित करते हुए कहा, ‘‘यह एसओपी कीमती धातुओं से बने आभूषणों के ई-कॉमर्स निर्यात पर लागू है। कीमती या अर्ध-कीमती रत्नों से जड़े आभूषण हों या नकली आभूषण, शुरुआती दौर में इस एसओपी को आईसीटी मुंबई, आईसीटी दिल्ली और आईसीटी जयपुर के एक्सप्रेस कार्गो क्लियरेंस सिस्टम (ईसीसीएस) पर लागू किया जाएगा।’’
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि आभूषणों के निर्यात से देश में विदेशी मुद्रा आएगी और भारतीय डिजाइनरों, कारीगरों और कुशल कामगारों की शुद्ध खर्च-योग्य आय बढ़ेगी। मोहन ने आगे कहा, ‘‘ई-कॉमर्स मंच के माध्यम से आभूषण निर्यात को एकीकृत और आसान बनाने से इस क्षेत्र में लगे लाखों लोगों की आजीविका को बढ़ावा मिलेगा।’’
केपीएमजी इन इंडिया के साझेदार (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि भारत से बाहर निर्यात की इच्छा रखने वाले आभूषण विनिर्माताओं और कारोबारियों को इस एसओपी और अधिसूचना का बारीकी से अध्ययन कर समय पर अपने सुझाव देने चाहिए।
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केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कूरियर के जरिये ई-कॉमर्स मंचों पर कीमती धातुओं और नकली आभूषणों के निर्यात की सुविधा देने के लिए प्रस्तावित एसओपी का एक मसौदा तैयार किया है। इस पर सभी हितधारकों से 14 जून तक सुझाव एवं प्रतिक्रिया आमंत्रित की गई है।
सीबीआईसी ने कूरियर आयात एवं निर्यात (इलेक्ट्रॉनिक घोषणा और प्रसंस्करण) नियमन, 2010 और संबंधित फॉर्म में संशोधन का भी प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा लौटाए गए आभूषणों के दोबारा आयात के लिए शर्तों को निर्धारित करने वाली अधिसूचना जारी करने का भी प्रस्ताव रखा गया है और इस पर भी हितधारकों से विचार आमंत्रित किए गए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में ई-कॉमर्स के जरिये आभूषणों के निर्यात की सुविधा देने के लिए एक सरल नियामकीय ढांचा लागू करने की घोषणा की थी।
इसके बाद भारतीय एक्सप्रेस उद्योग परिषद (ईआईसीआई), रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी), ई-कॉमर्स परिचालक, व्यापार के सदस्य और निर्यात संवर्धन महानिदेशालय में कार्यरत अधिकारियों जैसे तमाम हितधारकों के साथ इस मसले पर विस्तृत सलाह-मशविरा किया गया।
सीबीआईसी ने एसओपी के मसौदे पर सुझाव आमंत्रित करते हुए कहा, ‘‘यह एसओपी कीमती धातुओं से बने आभूषणों के ई-कॉमर्स निर्यात पर लागू है। कीमती या अर्ध-कीमती रत्नों से जड़े आभूषण हों या नकली आभूषण, शुरुआती दौर में इस एसओपी को आईसीटी मुंबई, आईसीटी दिल्ली और आईसीटी जयपुर के एक्सप्रेस कार्गो क्लियरेंस सिस्टम (ईसीसीएस) पर लागू किया जाएगा।’’
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि आभूषणों के निर्यात से देश में विदेशी मुद्रा आएगी और भारतीय डिजाइनरों, कारीगरों और कुशल कामगारों की शुद्ध खर्च-योग्य आय बढ़ेगी। मोहन ने आगे कहा, ‘‘ई-कॉमर्स मंच के माध्यम से आभूषण निर्यात को एकीकृत और आसान बनाने से इस क्षेत्र में लगे लाखों लोगों की आजीविका को बढ़ावा मिलेगा।’’
केपीएमजी इन इंडिया के साझेदार (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि भारत से बाहर निर्यात की इच्छा रखने वाले आभूषण विनिर्माताओं और कारोबारियों को इस एसओपी और अधिसूचना का बारीकी से अध्ययन कर समय पर अपने सुझाव देने चाहिए।
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