प्रभु विग्रह के आम्राभिषेक को निहारने उमड़े श्रद्धालु, देर तक गूंजता रहा गोविंदा- गोविंदा | Devotees gathered to see the consecration of Lord Deity | Patrika News h3>
700 विभिन्न किस्म के आमों से बने रस से जब स्वामी घनश्यामाचार्य ने भगवान की पाषाण प्रतिमा पर पीला आमरस प्रवाहित किया तो उत्साह से श्रद्धालु झूम उठे और गोविंदा-गोविंदा का जयघोष करने लगे। शाम 5 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर परिसर में जुटने लगी थी।
इंदौर
Published: June 04, 2022 11:57:44 am
इंदौर. पश्चिम क्षेत्र में मौजूद विशाल तिरूपति बालाजी वेंकटेश देवस्थान पर शुक्रवार को भीषण गर्मी से प्रभु को शीतलता प्रदान करने के लिए ज्येष्ठाभिषेक व आम्राभिषेक का अनूठा आयोजन किया गया। 700 विभिन्न किस्म के आमों से बने रस से जब स्वामी घनश्यामाचार्य ने भगवान की पाषाण प्रतिमा पर पीला आमरस प्रवाहित किया तो उत्साह से श्रद्धालु झूम उठे और गोविंदा-गोविंदा का जयघोष करने लगे। शाम 5 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर परिसर में जुटने लगी थी। पहले स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज के सानिध्य में संकल्प व पुण्याहवाचन का कार्य संपन्न किया। इसके बाद 108 कलशों में भरे पवित्र नदियों के जल के अतिरिक्त दूध, दही, विभिन्न फलों के रस, इत्र आदि से भगवान का ज्येष्ठाभिषेक संपन्न हुआ। इसके बाद भगवान को केसर, आंवला, अरीठा, हल्दी का लेपन किया गया। पुरूषोत्तम पसारी व रामस्वरूप मूंदड़ा ने बताया कि इसके बाद स्वामी ने प्रभु के आम्राभिषेक की प्रक्रिया प्रारंभ की। 700 किलो के विभिन्न किस्मों के आम – हापुस, बादाम, लाल पट्टा, सिन्दूरी, दशहरी, रस के आमों की विभिन्न वैरायटी से बने और केसर व इलायची से भरपूर आमरस से स्वामीजी ने शास्त्रोक्त श्लोकों के वाचन के मध्य भगवान का आम्राभिषेक प्रारंभ किया। उपस्थित भक्तों ने उत्सुकता से गोविंदा-गोविंदा का उद्घोष किया। आम्राभिषेक का स्वरूप देखकर उपस्थित श्रद्धालु अभिभूत हो गए। मंदिर के बाहर तक श्रद्धालु पंक्तिबद्ध खड़े थे और इस अलौकिक दृश्य का आनंद उठा रहे थे। इसके बाद भगवान का मनोहारी श्रृंगार किया गया। साथ ही भजन गायक हरिकिशन साबू ‘भोंपूजी’ ने भजनों की रसगंगा बहाई जिसे सुन मौजूद श्रद्धालु झूम उठे। इस आयोजन के मुख्य यजमान बालाजी मित्र मंडल था। इस अवसर पर सभी व्यवस्था बाबू झंवर, कैलाश लखोटिया, गोपाल राठी, कृष्ण मूंदड़ा आदि ने संभाल रखी थी। आयोजन में उज्जैन से आनंद बांगड़, जावद से गोपाल कृष्ण मुछाल भी उपस्थित थे। अंत में महाआरती हुई तथा गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया।
प्रभु विग्रह के आम्राभिषेक को निहारने उमड़े श्रद्धालु, देर तक गूंजता रहा गोविंदा- गोविंदा
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700 विभिन्न किस्म के आमों से बने रस से जब स्वामी घनश्यामाचार्य ने भगवान की पाषाण प्रतिमा पर पीला आमरस प्रवाहित किया तो उत्साह से श्रद्धालु झूम उठे और गोविंदा-गोविंदा का जयघोष करने लगे। शाम 5 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर परिसर में जुटने लगी थी।
इंदौर
Published: June 04, 2022 11:57:44 am
इंदौर. पश्चिम क्षेत्र में मौजूद विशाल तिरूपति बालाजी वेंकटेश देवस्थान पर शुक्रवार को भीषण गर्मी से प्रभु को शीतलता प्रदान करने के लिए ज्येष्ठाभिषेक व आम्राभिषेक का अनूठा आयोजन किया गया। 700 विभिन्न किस्म के आमों से बने रस से जब स्वामी घनश्यामाचार्य ने भगवान की पाषाण प्रतिमा पर पीला आमरस प्रवाहित किया तो उत्साह से श्रद्धालु झूम उठे और गोविंदा-गोविंदा का जयघोष करने लगे। शाम 5 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर परिसर में जुटने लगी थी। पहले स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज के सानिध्य में संकल्प व पुण्याहवाचन का कार्य संपन्न किया। इसके बाद 108 कलशों में भरे पवित्र नदियों के जल के अतिरिक्त दूध, दही, विभिन्न फलों के रस, इत्र आदि से भगवान का ज्येष्ठाभिषेक संपन्न हुआ। इसके बाद भगवान को केसर, आंवला, अरीठा, हल्दी का लेपन किया गया। पुरूषोत्तम पसारी व रामस्वरूप मूंदड़ा ने बताया कि इसके बाद स्वामी ने प्रभु के आम्राभिषेक की प्रक्रिया प्रारंभ की। 700 किलो के विभिन्न किस्मों के आम – हापुस, बादाम, लाल पट्टा, सिन्दूरी, दशहरी, रस के आमों की विभिन्न वैरायटी से बने और केसर व इलायची से भरपूर आमरस से स्वामीजी ने शास्त्रोक्त श्लोकों के वाचन के मध्य भगवान का आम्राभिषेक प्रारंभ किया। उपस्थित भक्तों ने उत्सुकता से गोविंदा-गोविंदा का उद्घोष किया। आम्राभिषेक का स्वरूप देखकर उपस्थित श्रद्धालु अभिभूत हो गए। मंदिर के बाहर तक श्रद्धालु पंक्तिबद्ध खड़े थे और इस अलौकिक दृश्य का आनंद उठा रहे थे। इसके बाद भगवान का मनोहारी श्रृंगार किया गया। साथ ही भजन गायक हरिकिशन साबू ‘भोंपूजी’ ने भजनों की रसगंगा बहाई जिसे सुन मौजूद श्रद्धालु झूम उठे। इस आयोजन के मुख्य यजमान बालाजी मित्र मंडल था। इस अवसर पर सभी व्यवस्था बाबू झंवर, कैलाश लखोटिया, गोपाल राठी, कृष्ण मूंदड़ा आदि ने संभाल रखी थी। आयोजन में उज्जैन से आनंद बांगड़, जावद से गोपाल कृष्ण मुछाल भी उपस्थित थे। अंत में महाआरती हुई तथा गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया।
प्रभु विग्रह के आम्राभिषेक को निहारने उमड़े श्रद्धालु, देर तक गूंजता रहा गोविंदा- गोविंदा
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