यूपी में जहां से चली थीं, वहीं आज फिर आ खड़ी हैं प्रियंका गांधी, अब कौन सी पकड़ेंगी राह? यूपी में अब तक का सफर

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यूपी में जहां से चली थीं, वहीं आज फिर आ खड़ी हैं प्रियंका गांधी, अब कौन सी पकड़ेंगी राह? यूपी में अब तक का सफर

यूपी में जहां से चली थीं, वहीं आज फिर आ खड़ी हैं प्रियंका गांधी, अब कौन सी पकड़ेंगी राह? यूपी में अब तक का सफर

लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा.. बीते दिनों उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी खोई जमीन को तलाशती कांग्रेस के लिए ये नाम ही संजीवनी बना रहा। संजीवनी इसलिए क्योंकि, कांग्रेस सोच रही थी प्रियंका के सहारे पार्टी राज्य में अपने खोए हुए विश्वास को हासिल कर सकती है, लेकिन जब नतीजे आए तो तगड़ा झटका लगा। नतीजों में कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले विधानसभा चुनाव से भी खराब रहा। पार्टी 403 सीटों में केवल 2 सीटों पर ही कामयाबी पा सकी। नतीजों से साफ है कि उत्तर प्रदेश की जनता ने प्रियंका की लीडरशिप को सिरे से नकार दिया है। अब सवाल ये है प्रियंका ने जिस मकसद के साथ यूपी में कदम रखा था, अब उसको पाने के लिए कौन सी राह चुनेंगी..

दरअसल ढाई दशक पहले कांग्रेस ने यूपी में अपना जो जनाधार खोया था, 2009 के लोकसभा चुनावों से वह उसे वापस पाने की राह पर थी। तब वह 21 सीट जीतकर समाजवादी पार्टी (सपा) (23) के बाद दूसरे पायदान पर रही थी। 2012 के विधानसभा चुनावों में भी उसके मत प्रतिशत और सीटों में इजाफा हुआ,लेकिन 2014 की मोदी-भाजपा लहर में जनाधार फिर ढह गया। पार्टी सिर्फ रायबरेली से सोनिया और अमेठी से राहुल गांधी जीत दर्ज कर सके।

प्रिंयका गांधी


रायबरेली और अमेठी भी फिसली

2017 के विधानसभा चुनावों में सपा संग गठबंधन करके कांग्रेस 403 में से केवल 114 सीटों पर चुनाव लड़ी। इतनी कम सीटों पर वह पहले कभी नहीं लड़ी थी।धराशायी होने का यह सिलसिला 2019 लोकसभा चुनाव में भी जारी रहा और पार्टी सिर्फ एक सीट (रायबरेली) जीती, खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी से हार गए।

priyanka gandhi

प्रिंयका गांधी


खुद प्रियंका ने संभाली कमान

साल 2019 लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए अहम साबित होने वाला था क्योंकि प्रियंका गांधी ने यूपी से ही सक्रिय राजनीति में एंट्री ली। प्रियंका ने महासचिव बनकर पूर्वी यूपी की 41 सीटों की कमान संभाली तब वे भले ही कोई कमाल नहीं दिखा सकीं, लेकिन उसके बाद यूपी में उनकी सक्रियता से चर्चा में रहीं।

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प्रिंयका गांधी

हर मुद्दें पर सरकाकर को घेरा
यूपी में विपक्ष के तौर पर एकमात्र प्रियंका ही थीं जो राज्य में घटित लगभग हर बड़ी घटना के खिलाफ भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार को सीधे तौर पर घेरती नज़र आईं। प्रियंका उन्नाव, हाथरस, लखीमपुर खीरी, आगरा, इलाहाबाद, वाराणसी और यूपी में हर उस जगह दिखा जहां भी योगी सरकार में कुछ गलत हुआ। इस दौरान उन्होंने लखीमपुर हिंसा, हाथरस कांड, रोजगार और महिला सुरक्षा पर अलग-अलग मंचों से योगी सरकार को घेरा।

​​प्रिंयका गांधी

‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’.. सब गया बेकार
‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा यूपीवालों को समझ नहीं आया सूबे में चुनावी प्रचार के दौरान इस बार प्रियंका ने पूरी ताकत झोंकते हुए महिला वोटर्स पर फोकस किया था। ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ के नारे को लेकर उन्होंने 40% म‍ह‍ि‍ला कैंडिडेट्स को ट‍िकट द‍िए। विधानसभा चुनाव में प्रियंका ने कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत के लिए 209 रैलियां और रोड शो किए।

priyanka gandhi

प्रिंयका गांधी

अपनी खोई हुई जमीन तलाश रही कांग्रेस
यूपी में कांग्रेस करीब ढाई दशक से अपनी खोई हुई जमीन तलाश रही है। 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 28 सीटें जीती थीं। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में कांग्रेस सूबे में सिर्फ दो लोकसभा सीटों तक ही सीमित रह गई। 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन किया और 114 सीटों पर चुनाव लड़ा। इनमें उसे केवल 7 सीटों पर कामयाबी मिली।

priyanka gandhi

प्रिंयका गांधी

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस केवल अपना गढ़ रायबरेली ही बचा पाई थी। 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को कुल सात सीटें मिली थीं और पार्टी का मत प्रतिशत 6.25 फ़ीसदी था। वहीं इस बार चुनाव में उसका मत प्रतिशत घटकर 2.34 फ़ीसदी रह गया।

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