सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ना मानने पर केंद्र सरकार पर क्या कार्यवाही हो सकती है ?

308
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ना मानने पर केंद्र सरकार पर क्या कार्यवाही हो सकती है ?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ना मानने पर केंद्र सरकार पर क्या कार्यवाही हो सकती है ?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ना मानने पर केंद्र सरकार पर क्या कार्यवाही हो सकती है ? ( What action can be taken against the central government for not following the order of the Supreme Court ? )

भारत एक लोकतांत्रिक देश है. हमारे देश का शासन संविधान के अनुसार चलता है. संविधान में देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए कार्यों का बंटवारा किया गया है. जिसमें विधानपालिका , जो देश के लिए कानून बनाती है. कार्यपालिका , जो देश में इन कानूनों को लागू करवाती है तथा न्यायपालिका , जो इस बात का ध्यान रखती है कि कहीं किसी के साथ गलत तो नहीं हो रहा या फिर किसी कानून या ताकत का दुरूपयोग कर किसी के अधिकारों का शोषण तो नहीं किया जा रहा है. ऩ्यायपालिका के ऊपर देश को सही तरीके से चलाने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है. इसी कारण लोगों के मन में न्यायपालिक से संबंधित कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ना मानने पर केंद्र सरकार पर क्या कार्यवाही हो सकती है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

कोर्ट

केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश कब और क्यों –

आमतौर पर न्यायपालिक , केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकार के किसी काम में दखलअंदाजी नहीं करती है. लेकिन जब किसी का शोषण होता है और वह अपने अधिकार के लिए कोर्ट से अपील करता है या फिर कोर्ट को लगता है कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है. ऐसे में कोर्ट खुद भी उस मामले में संज्ञान ले सकती है. उदाहरण के तौर पर बात करें, तो मान लिजिए कोई नौकरी की प्रक्रिया चल रही है. जिसमें किसी उम्मीदवार को लगता है कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है. ऐसे में वह कोर्ट में अपील कर सकता है. अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो कोर्ट सरकार को पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का आदेश दे सकती है. माऩ लो इसके बाद भी केंद्र या राज्य सरकार कोर्ट के आदेश की तरफ कोई ध्यान नहीं देती है. ऐसी परिस्थिति में हम कह सकते हैं कि सरकार कोर्ट के आदेशों को नहीं मान रही है.

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ना मानने पर केंद्र सरकार पर क्या कार्यवाही –

अगर सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानती है, तो ऐसे में उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जा सकती है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पहले तो सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है कि क्यों ना आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए. अगर उसका संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो सुप्रीम कोर्ट सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही कर सकता है.

यह भी पढ़ें : भारत में सुनामी चेतावनी केंद्र कहाँ पर स्थित है ?

दरअसल, अवमानना के लिये दंड देने की शक्ति न्यायालय में निहित एक संवैधानिक शक्ति है ,जिसे विधायी अधिनियम द्वारा भी कम या समाप्त नहीं किया जा सकता है.न्यायालय का अवमानना अधिनियम, 1971 के अनुसार, न्यायालय की अवमानना दो प्रकार की होती है- नागरिक अवमानना तथा आपराधिक अवमानना.

Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc.