Home loan rate hike: जून के पहले दिन महंगाई का झटका, चार बैंकों ने बढ़ाया ब्याज, जानिए कौन-कौन हैं लिस्ट में h3>
नई दिल्ली: महंगाई की मार झेल रहे लोगों को जून के पहले दिन तगड़ा झटका लगा है। कई बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने अपने लोन की ब्याज दरें (loan interest rates) बढ़ा दी हैं। एचडीएफसी (HDFC) ने होम लोन पर रेपो रेट आधारित बेंचमार्क लेंडिंग रेट (RPLR) में पांच बेसिस अंक की बढ़ोतरी की है। आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) और बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने मार्जिनल कॉस्ड बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। सरकारी बैंक पीएनबी ने एमसीएलआर बेस्ड लेंडिंग रेट में 15 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की है। बढ़ी हुई दरें एक जून यानी आज से लागू हो चुकी हैं। इससे आपकी होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की किस्त बढ़ जाएगी।
एचडीएफसी (HDFC) ने होम लोन पर रेपो रेट आधारित बेंचमार्क लेंडिंग रेट (RPLR) में पांच बेसिस अंक की बढ़ोतरी की है। यह फैसला आज यानी एक जून से प्रभावी हो जाएगा। इससे नए और मौजूदा कर्जदारों के लिए ईएमआई (EMI) बढ़ जाएगी। एचडीएफसी ने पिछले एक महीने में तीसरी बार अपने RPLR में बढ़ोतरी की है। मई में बैंक ने दो बार में ब्याज दर में 35 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी। एचडीएफसी ने एक मई को पांच बेसिस पॉइंट और सात मई को 30 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की थी। अब अगर किसी ग्राहक का क्रेडिट स्कोर 780 से अधिक है तो उसके लिए न्यूनतम ब्याज दर 7.05 फीसदी होगी। पहले यह सात फीसदी थी। रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने पिछले महीने एक चौंकाने वाले फैसला लेते हुए रेपो रेट (Repo Rate) में 40 बेसिस अंक की बढ़ोतरी की थी। इस वजह से लोन महंगा होना शुरू हो गया है।
किन-किन बैंकों ने बढ़ाया ब्याज
इस बीच आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) ने भी मार्जिनल कॉस्ड बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। सरकारी बैंक पीएनबी ने एमसीएलआर बेस्ड लेंडिंग रेट में 15 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की है। बढ़ी हुई दरें एक जून यानी आज से लागू हो चुकी हैं। आईसीआईसीआई बैंक ने भी एक जून से अपनी एमसीएलआर आधारित लेंडिंग रेट को रिवाइज कर दिया है। बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने भी एमसीएलआर आधारित लेंडिंग रेट को एक जून से बढ़ा दिया है। इससे आपकी होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की किस्त बढ़ जाएगी।
MCLR एक न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर बैंक उधार दे सकता है। यह आरबीआई द्वारा तय की गई एक व्यवस्था है। कमर्शियल बैंक लोन पर ब्याज की दर तय करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। आरबीआई की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी की छह जून से मीटिंग शुरू हो रही है। माना जा रहा है कि महंगाई को थामने के लिए केंद्रीय बैंक रेपो रेट में और बढ़ोतरी कर सकता है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनियाभर में महंगाई बढ़ी है। इसे रोकने के लिए कई देशों के सेंट्रल बैंक ब्याज दरों को बढ़ा चुके हैं।
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एचडीएफसी (HDFC) ने होम लोन पर रेपो रेट आधारित बेंचमार्क लेंडिंग रेट (RPLR) में पांच बेसिस अंक की बढ़ोतरी की है। यह फैसला आज यानी एक जून से प्रभावी हो जाएगा। इससे नए और मौजूदा कर्जदारों के लिए ईएमआई (EMI) बढ़ जाएगी। एचडीएफसी ने पिछले एक महीने में तीसरी बार अपने RPLR में बढ़ोतरी की है। मई में बैंक ने दो बार में ब्याज दर में 35 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी। एचडीएफसी ने एक मई को पांच बेसिस पॉइंट और सात मई को 30 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की थी। अब अगर किसी ग्राहक का क्रेडिट स्कोर 780 से अधिक है तो उसके लिए न्यूनतम ब्याज दर 7.05 फीसदी होगी। पहले यह सात फीसदी थी। रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने पिछले महीने एक चौंकाने वाले फैसला लेते हुए रेपो रेट (Repo Rate) में 40 बेसिस अंक की बढ़ोतरी की थी। इस वजह से लोन महंगा होना शुरू हो गया है।
किन-किन बैंकों ने बढ़ाया ब्याज
इस बीच आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) ने भी मार्जिनल कॉस्ड बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। सरकारी बैंक पीएनबी ने एमसीएलआर बेस्ड लेंडिंग रेट में 15 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की है। बढ़ी हुई दरें एक जून यानी आज से लागू हो चुकी हैं। आईसीआईसीआई बैंक ने भी एक जून से अपनी एमसीएलआर आधारित लेंडिंग रेट को रिवाइज कर दिया है। बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने भी एमसीएलआर आधारित लेंडिंग रेट को एक जून से बढ़ा दिया है। इससे आपकी होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की किस्त बढ़ जाएगी।
MCLR एक न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर बैंक उधार दे सकता है। यह आरबीआई द्वारा तय की गई एक व्यवस्था है। कमर्शियल बैंक लोन पर ब्याज की दर तय करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। आरबीआई की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी की छह जून से मीटिंग शुरू हो रही है। माना जा रहा है कि महंगाई को थामने के लिए केंद्रीय बैंक रेपो रेट में और बढ़ोतरी कर सकता है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनियाभर में महंगाई बढ़ी है। इसे रोकने के लिए कई देशों के सेंट्रल बैंक ब्याज दरों को बढ़ा चुके हैं।
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