Yogi Adityanath: यूपी विधानसभा बजट सत्र ने दिखाया कैसे सियासत की बड़ी लकीर खींचते जा रहे योगी आदित्यनाथ

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Yogi Adityanath: यूपी विधानसभा बजट सत्र ने दिखाया कैसे सियासत की बड़ी लकीर खींचते जा रहे योगी आदित्यनाथ

Yogi Adityanath: यूपी विधानसभा बजट सत्र ने दिखाया कैसे सियासत की बड़ी लकीर खींचते जा रहे योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र का समापन हो गया है। यूपी सरकार ने इस बार अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया। लेकिन इस बार का सदन बजट से ज्यादा योगी और अखिलेश के इर्द-गिर्द ही सिमटा नजर आया। वैसे तो सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले से ही लोगों में उत्सुकता थी कि क्योंकि विधानसभा में एक तरफ नेता सदन योगी आदित्यनाथ होने वाले थे तो उनके सामने नेता विरोधी दल अखिलेश यादव आने वाले थे। और हुआ भी यही, इन दोनों नेताओं के इर्द-गिर्द ही पूरी सियासी धुरी घूमती नजर आई। दिलचस्प बात ये रही कि हमेशा तंज भरे अंदाज में अपनी बात कहना पसंद करने वाले अखिलेश यादव सदन में एक बार आपा भी खोते नजर आए, वहीं दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ नए ही रूप में दिखे। आमतौर पर अपनी फायर ब्रांड छवि और आक्रामक बयानों से विपक्ष से मोर्चा लेने वाले योगी आदित्यनाथ सदन में शेर अर्ज कर रहे थे, वो लगातार चेहरे पर मुस्कान लिए विपक्ष पर तंज कस रहे थे। यही नहीं जब जरूरत पड़ी तो एक लीडर की तरह मोर्चा पर आगे आए और नेता विपक्ष सहित पूरे सदन को अनुशासन का पाठ भी पढ़ा डाला।

तो विधानसभा के बजट सत्र के आठ दिन के सफर पर चलिए आपको ले चलते हैं। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सदन में अखिलेश ने यादव ने हमले की शुरुआत की और योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने समाजवादी सरकार के दौरान किए गए तमाम काम गिनाए और योगी सरकार सवाल खड़े किए। करीब एक घंटे लंबे भाषण में अखिलेश ने कई हमले किए। जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष की कुछ बातों पर मुझे आश्चर्य हो रहा था। एक होता है, जो चुनावी सभाओं में बोलता है। मीठी-मीठी बातें करता है। सदन में अगर जमीनी धरातल की बात होती तो बेहतर होता। सीएम ने शायराना अंदाज में कहा-

नजर नहीं है, नजारों की बात करते हैं,
जमीं पर सितारों की बात करते हैं।
वो हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले,
भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं।

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योगी ने कहा कि अभिमान तब होता है, जब आपको लगता है कि आपने कुछ किया है। सम्मान तब होता है, जब लोग कहें कि आपने कुछ किया है। हमें अपने कार्यों से जनता जनार्दन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जनता का जनादेश भाजपा नेतृत्व के कार्यों के प्रति एक आशीर्वाद है। हम ढिंढोरा पीटकर नहीं कहते कि हमने एक्सप्रेसवे बना दिया, एयर कनेक्टिविटी दे दी।

यही नहीं अखिलेश के बजट पर प्रतिक्रिया के जवाब में योगी ने लोग बजट पर चर्चा करते-करते जाने क्या-क्या बोल गए दुष्यंत कुमार की लाइनों के साथ तंज किया, उन्होंने कहा…
कैसे मंजर सामने आने लगे हैं
गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं

UP Vidhansabha: दुष्यंत कुमार की शायरी, शब्द तो ब्रह्म है ना..विधानसभा में योगी की अखिलेश को खरी-खरी

…और गाेबर में लपेटा
योगी सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हमें गोबर प्लांट नहीं चाहिए। वह आप गोरखपुर ले जाइए। हमें हमारा परफ्यूम पार्क दे दीजिए।

योगी आदित्यनाथ ने इसके जवाब में कहा कि अखिलेश जी के भाषण में भैंस के दूध का असर ज्यादा दिखाई दे रहा था। गाय का कम था। इस पर सदन में जमकर ठहाके लगे। योगी ने कहा कि बहुत से लोग फैट कंटेंट के नाते भैंस का दूध ज्यादा पसंद करते हैं। उन्हें तो जिसकी लाठी उसकी भैंस की तर्ज पर काम करना है। नेता प्रतिपक्ष एक तरफ किसान की बात कर रहे हैं और दूसरी तरफ गोबर में उन्हें बदबू नजर आ रही है। हमारे यहां गाय का गोबर बड़ा पवित्र माना गया है। तंज कसते हुए सीएम ने आगे कहा कि अखिलेश ने हमसे न सही, चाचा शिवपाल से ही सीखा होता तो पता चल जाता कि पूजा कैसे होती है।
‘गोबर प्लांट गोरखपुर ले जाइए’… अखिलेश को जवाब देते बोले योगी- भाषण में दिखा भैंस के दूध का असर
योगी ने कहा कि भारत की कृषि प्रधान व्यवस्था बिना गाय और बिना गोबर के नहीं हो सकती। नेचुरल फार्मिंग बगैर गोमाता के संभव ही नहीं है लेकिन आपको (अखिलेश) गाय के गोबर में बदबू आती है। अगर आपने पूजा की होती और गाय के गोबर को लक्ष्मी के रूप में रखा होता तो पता होता कि भारत की समृद्धि का प्रतीक तो यहीं से प्रारंभ होता है। उन्होंने अखिलेश के सवाल के जवाब में कहा कि कन्नौज भी उत्तर प्रदेश का हिस्सा है और हम किसी से भेदभाव नहीं करते। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत कन्नौज का इत्र दुनिया तक पहुंचाने का काम हो रहा है।

‘लड़के हैं गलती कर देते हैं’
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में महिला अपराध को नियंत्रित करने में सरकार नाकाम साबित हुई है. सरकार नई बनी है लेकिन सदन के नेता पुराने हैं. जो जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं, उनके राज में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. गोरखपुर में बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ, सिद्धार्थनगर में महिला को पुलिस ने मार दिया. सरकार क्या कर रही है? क्या थाने ऐसे अराजकता का केंद्र बन जाएंगे? अखिलेश ने कहा कि जीत का घमंड नहीं होना चाहिए. मुझे भी पता है कैसे जीते हैं लोग. अगर दिल्ली के लोग ना आए होते तो जमानत जब्त हो गयी होती. आप जीतकर आए, हमने भी बधाई दी लेकिन लोकतंत्र में हार-जीत नहीं जनता की जीत मायने रखती है.

Yogi in Vidhansabha: मुलायम के पुराने बयान का जिक्र, योगी ने अखिलेश को जमकर सुनाया

जवाब में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुलायम सिंह यादव का पुराना बयान याद दिलाते हुए कहा कि भाजपा की सरकार में अब यहां अपराधियों के बारे में ये नहीं कहा जाता कि ‘लड़के हैं गलती कर देते हैं.’ गुंडागर्दी जिनका पेशा बन चुका था. उन पर कार्रवाई हुई. बेहतर कानून व्यवस्था पर ही जनता ने दोबारा सरकार बनाई है. आधी आबादी के समर्थन को मैं सेल्यूट करता हूं.

केशव और अखिलेश में मर्यादाएं टूटीं तो खड़े हुए योगी
सदन में उस समय स्थिति असहज हो गई, जब अखिलेश यादव सदन में बीजेपी सरकार पर जमकर फूटे। उन्‍होंने योगी सरकार को इतिहास की सबसे विफल सरकार बता डाला। डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य इसका जवाब देने के लिए मैदान में आए। वह बोल ही रहे थे कि अखिलेश ने टोकते हुए पूछा कि आप लोकभवन में कब बैठ पाएंगे? जवाब में मौर्य ने कहा कि लोकभवन में बीजेपी का राज है। आप भरोसा रखिए आपको 25 साल तक केशव प्रसाद सत्‍ता में नहीं आने देगा। साइकिल पंचर हो गई तो अब पंचर शायद उत्‍तर प्रदेश की जनता ठीक करेगी।

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बात आगे बढ़ी तो केशव के बयान के बीच फिर अखिलेश बोले कि ये पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे हैं, ये भूल गए। इनके जिले के मुख्‍यालय की सड़क किसने बनाई? बताइए… बताइए। इस पर विधानसभा अध्‍यक्ष ने टोका कि आपस में बहस नहीं करें। इसके बाद दोबारा मौर्य के बोलने की बारी आई। उन्‍होंने पलटवार करते हुए कहा कि 2027 में चुनाव आएगा। मैं यह मानता हूं कि फिर कमल खिलेगा। मौर्य ने कहा कि आपका अभी कोई भविष्‍य नहीं है लेकिन सड़क किसने बनाई है, मेट्रो किसने बनाया है, एक्‍सप्रेसवे किसने बनाया है… जैसे लगता है.. ये कहते है केशव प्रसाद मौर्य ने सैफई का जिक्र कर दिया, इसे निजी हमला मानते हुए अखिलेश यादव खड़े हुए और डिप्‍टी सीएम पर बरस पड़े। बात तू-तड़ाक तक आ पहुंची और दोनों पक्षों में हूटिंग शुरू हो गई।

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विधानसभा अध्यक्ष सदस्यों को शांत कराने की कोशिश कर रहे थे लेकिन गर्मा-गर्मी बढ़ती जा रही थी। अचानक योगी आदित्यनाथ उठ खड़े हुए। उन्‍होंने बड़े ही संयमित और नपी-तुली भाषा में एक लीडर की तरह समझाया कि सदन में माननीयों की भाषा कैसी होनी चाहिए। योगी बोले, ‘एक घंटे से अधिक हमने नेता प्रतिपक्ष को सुना। हमने उनकी बात सुनी। इस सदन में सरकार के उपमुख्‍यमंत्री अपनी बात रख रहे हैं। बीच में रनिंग कॉमेंट्री का मतलब क्‍या है? और दूसरा, एक सम्‍मानित नेता के खिलाफ असभ्‍य शब्‍दों का प्रयोग हो, यह ठीक नहीं है।’ सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने यह भी कहा कि ‘सवाल सैफई का नहीं है। सरकार, सरकार होती है और हर सरकार को अपनी उपलब्धि को गिनाने का अधिकार है।’

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