Rajya sabha 2022 :सुभाष चंद्रा के नामांकन ने कांग्रेस की बदली चाल, अब राज्यसभा के रण में कैसे लगेगी पार h3>
जयपुर:राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के नामांकन भरे जाने के बाद अब सियासी समीकरण बैठाने की जुगत शुरू हो गई है, चूंकि उद्योगपति सुभाष चंद्रा की ओर से भी बीजेपी समर्थन में पांचवें उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। ऐसे में यहां अब मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा। वहीं बीजेपी के इस दांव ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी है। दरअसल पहले यहां बताया जा रहा था कि बीजेपी धनश्याम तिवाड़ी के साथ एक और बीजेपी उम्मीदवार को मैदान में उतार सकती है, लेकिन पार्टी ने यहां सुभाष चंद्रा के समर्थन कर एक नया दांव खेल दिया। राजनीति के जानकारों का कहना है कि चंद्रा के नामांकन दाखिल करने और आने तक को लेकर गुप्त रखा गया था। बीजेपी ने आखिरी दिन ही इस बात को उजागर किया कि वो सुभाष चंद्रा को निर्दलीय के रूप में समर्थन देंगे।
गहलोत ने किया इसे पुरानी चाल करार
इधर बीजेपी की ओर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सुभाष चंद्रा के समर्थन करने के फैसले को लेकर सीएम गहलोत ने कटाक्ष किया है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने इसे बीजेपी की ओर से “पुरानी चाल” करार दिया है, गहलोत ने कहा कि बीजेपी के इस दांव को असर नहीं होगा, उनकी यह चाल 15 साल पहले पूरी तरह ही विफल हो जाएगी। मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि “सुबह, यह चर्चा थी कि भाजपा दूसरा उम्मीदवार दाखिल करेगी, जिसे बाद में उन्होंने हार के डर से निर्दलीय में बदल दिया।” “वो वोट कहां से लाएंगे? वे (बीजेपी) केवल खरीद-फरोख्त में लिप्त होना चाहते हैं। यह एक अच्छी परंपरा नहीं है।”
सुभाष चंद्रा बोले- मैं राजस्थान का मूल निवासी, पहले कांग्रेस के समर्थन से गया था राज्यसभा
राजस्थान से नामांकन भरे जाने को लेकर बिजनेसमैन सुभाष चंद्रा का कहना है कि मैंने भाजपा नेतृत्व से मुझे अपने मूल राज्य राजस्थान से नामित करने का अनुरोध किया। शेखावाटी क्षेत्र के फतेहपुर में मेरा अभी भी एक घर, परिवार और मंदिर है। मैं साल में छह बार इस जगह का दौरा करता हूं।चंद्रा ने आगे यह भी कहा कि “मैं कांग्रेस के समर्थन से हरियाणा से राज्यसभा गया था। इस बार, मैंने भाजपा नेतृत्व से अपने मूल निवास राजस्थान को चुना है। चंद्रा बोले कि “मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक राज्यसभा सदस्य के रूप में, मैं राजस्थान से संबंधित मुद्दों को उठाऊंगा और राज्य के लोगों की सेवा करूंगा।”
कैसे कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकते हैं चंद्रा
दरअसल सुभाष चंद्रा के नामांकन भरे जाने के बाद ही तीन आरएलपी विधायकों वाली ने अपना समर्थन उन्हें देने का ऐलान कर दिया है। लिहाजा अब अन्य क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय विधायकों पर कांग्रेस-भाजपा दोनों की नजर पड़ गई है। भाजपा ने विधायकों से अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने की अपील कर रही है। वह कांग्रेस ने इसे हॉर्स ट्रेडिंग का नाम दे रही है।
कांग्रेस की क्या हो सकती रणनीति
चूंकि सुभाष चंद्रा के आने से राजस्थान कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखने और समर्थन के लिए जल्द ही उदयपुर के उसी होटल में बाड़ाबंदी कर सकती है, जिसमें चिंतन शिविर किया था। बुधवार और गुरुवार को तो जयपुर में ही कांग्रेस विधायकों का प्रशिक्षण कैंप है। 3 जून से उदयपुर में बाड़ाबंदी हो सकती है। इसमें निर्दलीय और समर्थक दलों के विधायकों को भी बुलाया गया है। वहीं बीजेपी 5 जून को बाड़ाबंदी कर सकती है।
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गहलोत ने किया इसे पुरानी चाल करार
इधर बीजेपी की ओर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सुभाष चंद्रा के समर्थन करने के फैसले को लेकर सीएम गहलोत ने कटाक्ष किया है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने इसे बीजेपी की ओर से “पुरानी चाल” करार दिया है, गहलोत ने कहा कि बीजेपी के इस दांव को असर नहीं होगा, उनकी यह चाल 15 साल पहले पूरी तरह ही विफल हो जाएगी। मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि “सुबह, यह चर्चा थी कि भाजपा दूसरा उम्मीदवार दाखिल करेगी, जिसे बाद में उन्होंने हार के डर से निर्दलीय में बदल दिया।” “वो वोट कहां से लाएंगे? वे (बीजेपी) केवल खरीद-फरोख्त में लिप्त होना चाहते हैं। यह एक अच्छी परंपरा नहीं है।”
सुभाष चंद्रा बोले- मैं राजस्थान का मूल निवासी, पहले कांग्रेस के समर्थन से गया था राज्यसभा
राजस्थान से नामांकन भरे जाने को लेकर बिजनेसमैन सुभाष चंद्रा का कहना है कि मैंने भाजपा नेतृत्व से मुझे अपने मूल राज्य राजस्थान से नामित करने का अनुरोध किया। शेखावाटी क्षेत्र के फतेहपुर में मेरा अभी भी एक घर, परिवार और मंदिर है। मैं साल में छह बार इस जगह का दौरा करता हूं।चंद्रा ने आगे यह भी कहा कि “मैं कांग्रेस के समर्थन से हरियाणा से राज्यसभा गया था। इस बार, मैंने भाजपा नेतृत्व से अपने मूल निवास राजस्थान को चुना है। चंद्रा बोले कि “मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक राज्यसभा सदस्य के रूप में, मैं राजस्थान से संबंधित मुद्दों को उठाऊंगा और राज्य के लोगों की सेवा करूंगा।”
कैसे कांग्रेस का गणित बिगाड़ सकते हैं चंद्रा
दरअसल सुभाष चंद्रा के नामांकन भरे जाने के बाद ही तीन आरएलपी विधायकों वाली ने अपना समर्थन उन्हें देने का ऐलान कर दिया है। लिहाजा अब अन्य क्षेत्रीय दलों और निर्दलीय विधायकों पर कांग्रेस-भाजपा दोनों की नजर पड़ गई है। भाजपा ने विधायकों से अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने की अपील कर रही है। वह कांग्रेस ने इसे हॉर्स ट्रेडिंग का नाम दे रही है।
कांग्रेस की क्या हो सकती रणनीति
चूंकि सुभाष चंद्रा के आने से राजस्थान कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस विधायकों को एकजुट रखने और समर्थन के लिए जल्द ही उदयपुर के उसी होटल में बाड़ाबंदी कर सकती है, जिसमें चिंतन शिविर किया था। बुधवार और गुरुवार को तो जयपुर में ही कांग्रेस विधायकों का प्रशिक्षण कैंप है। 3 जून से उदयपुर में बाड़ाबंदी हो सकती है। इसमें निर्दलीय और समर्थक दलों के विधायकों को भी बुलाया गया है। वहीं बीजेपी 5 जून को बाड़ाबंदी कर सकती है।