शादी में अडजस्‍टमेंट करना पड़ता है- बॉलिवुड में बढ़ते तलाक के मामलों पर माधुरी दीक्षित ने दी नसीहत

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शादी में अडजस्‍टमेंट करना पड़ता है- बॉलिवुड में बढ़ते तलाक के मामलों पर माधुरी दीक्षित ने दी नसीहत


शादी में अडजस्‍टमेंट करना पड़ता है- बॉलिवुड में बढ़ते तलाक के मामलों पर माधुरी दीक्षित ने दी नसीहत

इंडस्ट्री की डीवा कहलाने वाली माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) कोरोना काल में कैंडल सॉन्ग के जरिए अपनी गायकी के साथ प्रस्तुत हुई थीं। यह गाना उन्होंने महामारी के दौर में कोरोना वॉरियर्स को समर्पित किया था। हाल ही में उनकी सालगिरह थी और इस मौके पर वे अपना दूसरा सिंगल तू है मेरा लेकर आईं। ये सिंगल उन्होंने देश और दुनियाभर में फैले अपने अनगिनत फैंस को डेडिकेट किया है। इंडस्ट्री में एक्टिंग, डांस, निर्माण, जज, गायक जैसे कई रूपों को साकार करने वाली धक धक गर्ल इस मुलाकात में अपनी गायकी, अपने क्रेजी फैंस, महिलाओं की चुनौती, शादी की मजबूती को बनाए रखने के टिप्स, पैरेंटिंग आदि मुद्दों पर बात करती हैं।

हाल ही में आपकी सालगिरह थी। अब जन्मदिन पर क्या सोच होती है?
-मुझे सालगिरह अच्छी लगती है। काफी पॉजिटिव वाइब्स मिलती हैं और इस बार तो मैं बहुत उत्साहित थी, क्योंकि अपने फैंस के लिए अपना सिंगल ‘तू है मेरा’ जारी किया मैंने। उस दिन मुझे मेरे परिवार, मम्मी और फ्रेंड्स के खूब फोन आते हैं और जब सब बहुत सारी दुआएं और तोहफे देते हैं, तो एक सेन्स ऑफ बिलॉन्गिंग महसूस होती है। ये खुशी साल भर चलती है।

महामारी के दौरान आपने कोरोना वॉरियर्स के लिए कैंडल नामक सिंगल समर्पित किया था, तो अपनी सालगिरह पर फैंस के लिए ‘तू है मेरा सिंगल’ लाने का खयाल आपको कैसे आया?
-मेरे एल्बम में 6 गाने हैं, जिसमें से तू है मेरा सिंगल मैंने अपने फैंस को डेडिकेट किया है। ये गाना मैंने अपने फैंस के लिए ही लिखा था। असल में फिल्म स्टार होने के नाते आपके फैंस आपके लिए बहुत मायने रखते हैं। वो लोग ही आपको बनाते हैं। वो हैं, तो आप हैं। 35 साल से भी ज्यादा लंबे करियर में मेरे फैंस ने मुझे निस्वार्थ प्यार दिया है। मेरी जिंदगी में जितने भी उतार-चढ़ाव रहे, उसमें उन्होंने मुझे हमेशा सपोर्ट किया। मेरे चाहने वालों ने मुझे हमेशा अच्छा महसूस करवाया। साथ ही में मुझे ये भी लगा कि कोरोना ने हमें परिवार, दोस्तों और फैंस की अहमियत समझाई, हमें महसूस हुआ कि दुख और निराशा के समय इन सभी से हमारा भावनात्मक कनेक्ट कितना जरूरी था। अपने फैंस से हम जज्बाती रूप से भी जुड़े होते हैं, तो मुझे लगा कि ये सही समय है कि सालों से मुझे जो प्यार मिला है, मैं उसे उनको लौटाऊं। यह मेरा लव लेटर है, मेरे अपने फैंस के लिए। मुझे हमेशा से फैंस से लव लेटर आते रहें हैं, तो इस बार इस गाने के जरिए मैंने उन्हें प्रेम पत्र लिखा। इस बार मेरा ये गाना उनके लिए रिटर्न गिफ्ट है।

आपके कई अनगिनत फैंस हैं, किसी एक यादगार फैन के बारे में बताइए?
-क्या कहू? दुनिया भर के फैंस मेरे लिए दिन-रात दुआएं करते हैं और मेरे जन्मदिन पर तो पता नहीं क्या-क्या कर लेते हैं। कई फैन क्लब पार्टियों का आयोजन करके इसे उत्सव की तरह मनाते हैं, तो कई मेरे नाम से समाज सेवा और दान-पुण्य करते हैं। हां, मगर एक फैन हैं, जिनका जिक्र करना चाहूंगी। हाल ही में मुझे एक फैन मिले। वो मुझे सालों पहले लेटर लिखा करते थे, तो 95 में उन्होंने मुझे एक खत लिखा था और मैंने फोटोग्राफ और ऑटोग्राफ के साथ उसका जवाब भी दिया था। वो जवाब मैंने पोस्ट के जरिए दिया था। उन्होंने मुझसे कहा कि सन 95 में भेजे गए उस खत के जवाब को उन्होंने आज भी संभाल कर रखा है। उन्होंने अपने पर्स से वो खत निकाला, तो मैं प्रभावित हुए बगैर नहीं रही।

इस मौके पर आपके हज्बैंड श्रीराम नेने ने भी आपके लिए बेहद खूबसूरत पोस्ट लिखी। बीते सालों में आप लोगों की आपसी समझ कितनी परिपक्व हुई है?
-यही तो शादी की खूबसूरती है कि बीते सालों में पति भी हैं, तो यह पार्टनरशिप भी है,दोस्ती भी है, एक-दूसरे को सपोर्ट करने की भावना भी। उनका मुझे बहुत सपोर्ट रहा है। मेरे और उनके बीच एक दिलचस्प बात ये भी है कि जब हमारे लक्ष्य एक नहीं होते, तब हमारे बीच बहस होती है। पर हमें पता है कि हमारे गोल्स एक हैं, तो झगड़ने के बाद भी हम एक बिंदु पर आकर मिल जाते हैं। जैसे हम एक ही चीज साथ में करना चाहते हैं। अपने परिवार के साथ करना चाहते हैं। हमारे बीच बहस हो भी जाती है, मगर वह रचनात्मक होती है। हम दोनों में ईगो नहीं है। जैसे मेरे हस्बैंड मुझे बहुत प्रेरित करते हैं। इस एल्बम को बनाने के लिए उन्होंने ही मुझे प्रेरित किया। उन्होंने मुझसे कहा कि तुम इतना अच्छा गाती हो, तुम्हें अपना म्यूजिक एल्बम लाना चाहिए। तुमको अपना इमोशन दिखाना चाहिए। उन्होंने मुझे इंस्पायर किया कि मैं गाना खुद लिखूं।

आपकी और आपके हज्बैंड की शादी को एक आदर्श मैरिज माना जाता है, मगर इन दिनों इंडस्ट्री ही नहीं आम जिंदगी में भी डिवोर्स रेट काफी बढ़ गए हैं। आप मजबूत शादी के लिए क्या टिप्स देना चाहेंगी?

-देखिए, डिवोर्स को लेकर एक बात जरूर कहना चाहूंगी कि परिवार में अंदरूनी तौर पर जो बातें होती हैं, हम उसमें जजमेंट नहीं दे सकते। हमें नहीं पता होता कि उनके बीच क्या हो रहा है? वो लोग क्यों डिवोर्स ले रहे हैं। लेकिन यही कहूंगी कि जिंदगी हो या शादी मुश्किलें तो आती हैं। आपको उनका सामना मिल कर करना चाहिए। अपने स्पाउस के साथ आपका गिव एंड टेक का रिलेशनशिप होता है। दोनों में परस्पर सम्मान की भावना जरूरी है। कभी-कभी थोड़ी अडजस्टमेंट भी करना पड़ता है। मुझे लगता है, रिलेशनशिप में सकारात्मक रवैया बहुत जरूरी होता है। शादी में ग्लास को आधा खाली देखने के बजाय आधा भरा हुआ देखो।

आपका हालिया सीरीज द फेम गेम हो या आपकी फिल्में, आपने हमेशा महिला मुद्दों को मुखर किया है। आज के दौर में आप महिलाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या मानती हैं?
-मुझे लगता है किसी भी प्रोफेशनल फील्ड में महिलाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि उन्हें मर्दों की तुलना में डबल मेहनत करनी पड़ती है। इंद्रा नूई जी (पेप्सिको की कार्यकारी अधिकारी) ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि जब मैं घर जाती हूं, तो मुझे खुद ही दूध खरीदते हुए जाना पड़ता है। आप किसी भी बड़े पद पर कार्यरत हों, मगर घर की जिम्मेदारी तो आपको लेनी पड़ेगी। औरत का धर्म तो निभाना ही पड़ता है। औरतों की चुनौती है कि उन्हें एक ही समय में कई रोल्स निभाने पड़ते हैं। घरेलू भूमिकाओं के साथ उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में भी खुद को साबित करना पड़ता है। मुझे लगता है महिलाओं के साथ परिवार का सपोर्ट बहुत जरूरी है, जैसे मैं बहुत खुशनसीब हूं, जो मुझे पति और सास का बहुत सहयोग मिला है। मेरी सास हमेशा कहती हैं, ‘चिंता न करो, मैं हूं।’जब बच्चे छोटे थे, तो उन्होंने बहुत साथ दिया। मेरी मां का भी मुझे लगातार सपोर्ट मिला है। बहुत जरूरी है कि औरत औरत का साथ दे, उसे सपोर्ट करे, तो उसकी मुश्किलें कम होंगी।

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बढ़ते बच्चों (बेटे रयान और अरिन) के साथ मदरहुड के चैलेंजेस बढे हैं या अब सुकून है?
-(हंस देती हैं) बच्चे जब छोटे होते हैं, तो प्रॉब्लम्स छोटे होते हैं और जब वे बड़े होते हैं, तो समस्याएं भी बड़ी हो जाती हैं। मुझे तो यही लगता है कि मेरे माता-पिता ने मुझे जो संस्कार दिए थे, वही मेरे बच्चों को भी मिले। मेरे बच्चे मेरे पैरंट्स के साथ साथ अपने दादा-दादी के साथ भी रहे हैं। वे लोग सातवें आसमान पर नहीं विचरते। सच कहूं, तो मेरे बच्चों ने मुझे कभी परेशान नहीं किया। वे हमेशा अच्छे बच्चे रहे। मैं अपने बच्चों को यही सिखाती हूं कि सबसे पहले तुम इंसान हो, बाद में कुछ हो, तो अच्छाई का दामन पकड़े रहना जरूरी है। तुम्हें लोगों की इज्जत करना आना चाहिए। अपने काम को उत्कृष्ट ढंग से करो। सफलता-असफलता बाद की बात है, तो जो मुझे सीख मिली है, मैं वही सीख बच्चों को देती हूं।



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