देश में सबसे ज्यादा, इस राज्य में 33.3% ग्रामीण करते हैं खुले में शौच | Open defecation in mp, 33.3% of the villagers do open defecation | Patrika News h3>
6 देशों की सूची में सबसे ऊपर है भारत
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया भर के उन 16 देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिन्होंने 2000 के बाद से 20 प्रतिशत से अधिक खुले में शौच को कम किया है। जनसंख्या को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के विकास लक्ष्यों को पूरा करने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट के अनुसार 2014 के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच में तेजी से कमी आई है। 2000 से 2014 के बीच खुले में शौच में प्रति वर्ष करीब तीन प्रतिशत की कमी आई, जबकि 2015 से 2019 के बीच प्रति वर्ष 12 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।
एमपी में 33.3% ग्रामीण
देश के आकड़े कहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी 25.6 प्रतिशत आबादी खुले में शौच करती है। शहरी क्षेत्र में 6.1 प्रतिशत आबादी खुले में जाती है। जबकि मध्यप्रदेश में 33.3 प्रतिशत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 7.1 प्रतिशत लोग खुले में जाते हैं। यह बात नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस-5) की 2019-21 की रिपोर्ट में सामने आई है।
गांवों में खुले में शौच 25% कम
हालांकि राहत की बात यह है कि 2015-16 के मुकाबले खुले में शौच करने वालों के आंकड़ों में 2019-21 में सुधार हुआ है। देश में 2015-16 में जहां ग्रामीण क्षेत्रों में 54% से ज्यादा लोग खुले में शौच करते थे तो वहीं शहरी क्षेत्रों में ये आंकड़ा 10.5 प्रतिशत था। शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा गांवों में खुले में शौच करने वाले लोगों में 25% की कमी आई है।
एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार मप्र की 33% से ज्यादा ग्रामीण आबादी खुले में शौच करती है। चिंता की बात यह है कि मप्र अभी भी उन शीर्ष राज्यों में शुमार है, जहां ज्यादा लोग शौचालय का प्रयोग नहीं करते। ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा खुले में शौच करने वाले राज्यों की सूची में एमपी शीर्ष 5वें नंबर है। रिपोर्ट के अनुसार खुले में शौच को लेकर ग्रामीण आबादी की सोच में बदलाव हुआ है।
2015-16 में जहां पूरे ग्रामीण भारत की 54% आबादी खुले में शौच करती थी, तो वहीं साल 2019-21 में 25 प्रतिशत की गिरावट के साथ ये आंकड़ा 25.9 प्रतिशत परआ गया। यानी भारत की अभी भी 25.9 प्रतिशत ग्रामीण आबादी खुले में शौच कर रही है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे-2021 चरण के कार्यक्रम के तहत 31 दिसंबर‚ तक खुले में शौच मुक्त गांवों की सूची में तेलंगाना पुन: देश में पहले स्थान पर है। इस राज्य के 14,200 गांवों में से 13,737 गांव ओडीएफ प्लस सूची में शामिल हैं‚ जो 96.74 प्रतिशत है।
6 देशों की सूची में सबसे ऊपर है भारत
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया भर के उन 16 देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिन्होंने 2000 के बाद से 20 प्रतिशत से अधिक खुले में शौच को कम किया है। जनसंख्या को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के विकास लक्ष्यों को पूरा करने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट के अनुसार 2014 के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच में तेजी से कमी आई है। 2000 से 2014 के बीच खुले में शौच में प्रति वर्ष करीब तीन प्रतिशत की कमी आई, जबकि 2015 से 2019 के बीच प्रति वर्ष 12 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।
एमपी में 33.3% ग्रामीण
देश के आकड़े कहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी 25.6 प्रतिशत आबादी खुले में शौच करती है। शहरी क्षेत्र में 6.1 प्रतिशत आबादी खुले में जाती है। जबकि मध्यप्रदेश में 33.3 प्रतिशत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 7.1 प्रतिशत लोग खुले में जाते हैं। यह बात नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस-5) की 2019-21 की रिपोर्ट में सामने आई है।
गांवों में खुले में शौच 25% कम
हालांकि राहत की बात यह है कि 2015-16 के मुकाबले खुले में शौच करने वालों के आंकड़ों में 2019-21 में सुधार हुआ है। देश में 2015-16 में जहां ग्रामीण क्षेत्रों में 54% से ज्यादा लोग खुले में शौच करते थे तो वहीं शहरी क्षेत्रों में ये आंकड़ा 10.5 प्रतिशत था। शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा गांवों में खुले में शौच करने वाले लोगों में 25% की कमी आई है।
एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार मप्र की 33% से ज्यादा ग्रामीण आबादी खुले में शौच करती है। चिंता की बात यह है कि मप्र अभी भी उन शीर्ष राज्यों में शुमार है, जहां ज्यादा लोग शौचालय का प्रयोग नहीं करते। ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा खुले में शौच करने वाले राज्यों की सूची में एमपी शीर्ष 5वें नंबर है। रिपोर्ट के अनुसार खुले में शौच को लेकर ग्रामीण आबादी की सोच में बदलाव हुआ है।
2015-16 में जहां पूरे ग्रामीण भारत की 54% आबादी खुले में शौच करती थी, तो वहीं साल 2019-21 में 25 प्रतिशत की गिरावट के साथ ये आंकड़ा 25.9 प्रतिशत परआ गया। यानी भारत की अभी भी 25.9 प्रतिशत ग्रामीण आबादी खुले में शौच कर रही है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे-2021 चरण के कार्यक्रम के तहत 31 दिसंबर‚ तक खुले में शौच मुक्त गांवों की सूची में तेलंगाना पुन: देश में पहले स्थान पर है। इस राज्य के 14,200 गांवों में से 13,737 गांव ओडीएफ प्लस सूची में शामिल हैं‚ जो 96.74 प्रतिशत है।