कोरोना के बाद 11 देशों में फैल रहा है ‘मंकी पॉक्स’, जानिए क्या है इसके लक्षण | symptoms and Treatment of ‘monkey pox’ | Patrika News

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कोरोना के बाद 11 देशों में फैल रहा है ‘मंकी पॉक्स’, जानिए क्या है इसके लक्षण | symptoms and Treatment of ‘monkey pox’ | Patrika News

कोरोना के बाद 11 देशों में फैल रहा है ‘मंकी पॉक्स’, जानिए क्या है इसके लक्षण | symptoms and Treatment of ‘monkey pox’ | Patrika News

संक्रमित लोगों में से ज्यादातर मरीज युवा हैं. फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया में भी मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए गए हैं. मंकीपॉक्स के लिए जिम्मेदार वायरस बंदरों और अन्य जंगली जानवरों में पैदा होता है. इससे संक्रमित ज्यादातर मरीजों में बुखार, शरीर में दर्द, ठंड लगने और थकान के लक्षण देखे गए हैं. गंभीर मामलों में मरीजों के चेहरे, हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों पर चकत्ते व दाने भी निकल सकते हैं।

मंकीपॉक्स क्या है?

मंकीपॉक्स, मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है, जो चेचक की तरह ही है. हालांकि, आमतौर पर यह ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है. यह एक ऑर्थोपॉक्सवायरस है, जो वायरस का एक जीनस है जिसमें वेरियोला वायरस भी शामिल है, जिसके चलते चेचक होता है. इसी परिवार के वैक्सीनिया वायरस का इस्तेमाल चेचक के टीके में किया गया था. आम तौर पर मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में होने वाला यह वायरस पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था. इंसानों में पहली बार यह मामला 1970 में दर्ज किया गया था.

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?

मंकीपॉक्स तब फैलता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति, जानवर या वायरस से संक्रमित के संपर्क में आता है. वायरस त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या आंख, नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है. मानव-से-मानव में यह आमतौर पर रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के माध्यम से फैलता है. पशु से इंसानों में यह काटने या खरोंच के माध्यम से फैल सकता है. मंकीपॉक्स को आमतौर पर सेक्सुअली फैलने वाला रोग नहीं माना जाता है, हालांकि सेक्स के दौरान यह एक इंसान से दूसरे में फैल सकता है.

मंकी पॉक्स के लक्षण

मंकी पॉक्स के लक्षण संक्रमण के 5वें दिन से 21वें दिन तक आ सकते हैं। शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमर दर्द, कंपकंपी छूटना, थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स शामिल हैं। इसके बाद चेहरे पर दाने उभरने लगते हैं, जो शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल जाते हैं। संक्रमण के दौरान यह दाने कई बदलावों से गुजरते हैं। आखिर में चेचक की तरह ही पपड़ी बनकर गिर जाते हैं। यह चेहरे और हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों को ज्यादा प्रभावित करता है।

जानिए क्या है इलाज

मंकीपॉक्स के लिए वर्तमान में कोई प्रमाणित और सुरक्षित इलाज नहीं है, हालांकि अधिकांश मामले हल्के होते हैं. जिन लोगों को वायरस से संक्रमित होने का संदेह है, उन्हें कमरे में अलग-थलग किया जा सकता है। मंकीपॉक्स की पुष्टि नमूने के प्रकार और गुणवत्ता और प्रयोगशाला परीक्षण के प्रकार पर निर्भर करती है। कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को उन उपायों के बारे में शिक्षित करना मंकीपॉक्स की मुख्य रोकथाम की रणनीति है। मंकीपॉक्स की रोकथाम और नियंत्रण के लिए टीकाकरण का आकलन करने के लिए अब स्टडी चल रही है। हालांकि, चेचक के टीके वायरस के प्रसार को रोकने में काफी हद तक प्रभावी साबित हुए हैं।



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