बिजली घरों को लग रहा कोयले की काली कमाई का ‘करंट’ | Power houses are feeling the ‘current’ of black earnings of coal | Patrika News h3>
बिरसिंहपुर में सबसे ज्यादा
जबलपुर. विभागीय आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में घटिया कोयला की सबसे ज्यादा सप्लाई संजय गांधी ताप विद्युतगृह बिरसिंहपुर में की गई। बीते पांच साल में खराब ग्रेड के कोयले के लिए कोल इंडिया से 693 करोड़ रुपए ऑनरिकॉर्ड वूसली की गई। जानकारों का मानना है कि भीतरखाने इससे कहीं अधिक गफलत चलती है, लेकिन पकड़ी नहीं जाती। इसके विपरीत इसी प्लांट में निर्धारित गुणवत्ता से बेहतर क्वालिटी के कोयला सप्लाई पर कोल इंडिया को केवल 11 करोड़ का भुगतान किया गया। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचई ने घटिया कोयला सप्लाई पर 34 करोड़ वसूला। लेकिन, वह बेहतर गुणवत्ता के कोयले के लिए तरस गया। पांच साल में कोई अतिरिक्त देय का मौका नहीं आया। 2016 से 2021 के बीच सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा और सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी में करोड़ों रुपए वसूले गए।
बड़ी मात्रा में कोयले की बरामदगी
देशभर में कोल इंडिया ने अवैध खनन और भंडारण के 17 मामले दर्ज कराए हैं। प्रदेश में कोल इंडिया की सहायक कंपनी एनसीएल क्षेत्र में कोयले की 87 टन मात्रा बरामद की गई। इसकी कीमत लाखों में आंकी गई है। अधिकारियों का कहना है कि सीआइएल के सुरक्षाकर्मी समय-समय पर छापा मारते हैं। इसमें राज्य की कानून-व्यवस्था से सम्बंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को अभियान से जोड़ा जाता है। हालांकि, एसईसीएल और डब्ल्यूसीएल कंपनी एरिया में कोयले के अवैध उत्खनन और भंडारण का बीते एक साल में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।
हलाकान हैं विभाग
कोयले की चोरी-जमाखोरी, कालाबाजारी, उठाईगीरी से विभाग पहले ही हलाकान हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद स्थिति बेकाबू है। यही वजह है कि निगरानी और सुरक्षा के लिए तकनीक और ऑनलाइन सिस्टम का सहारा लिया जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जीपीएस आधारित वीकल ट्रैकिंग सिस्टम और खदानों को सीसीटीवी कैमरों से जोड़ा गया है। इसी तरह उठाईगीरी रोकने के लिए होलोग्राम लगाने के साथ ही सीआइएसएफ अधिकारियों के हस्ताक्षर के बाद ही जिले से बाहर ढुलाई करने का ट्रकों को चालान जारी किया जा रहा है। रेलवे साइडिंग पर हथियारबंद सुरक्षा गार्डों की तैनाती की गई है।
2016 से 2021 तक कम ग्रेड के कोयले पर की वसूली
ताप विद्युत गृह- संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर – 693 करोड़
श्रीसिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा – 192 करोड़
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी- 157 करोड़
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई- 134 करोड़
वर्जन
बिजली उत्पादन के लिए अच्छी गुणवत्ता के कोयले की आपूर्ति हो, इसका ध्यान रखा जाता है। संबंधित विभाग द्वारा इसकी जांच भी की जाती है। तय मापदंडों के विपरीत गुणवत्ता मिलने पर पेनाल्टी का भी प्रावधान किया गया है।
– आरपी पांडे, पीआरओ सिंगाजी यूनिट
बिरसिंहपुर में सबसे ज्यादा
जबलपुर. विभागीय आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में घटिया कोयला की सबसे ज्यादा सप्लाई संजय गांधी ताप विद्युतगृह बिरसिंहपुर में की गई। बीते पांच साल में खराब ग्रेड के कोयले के लिए कोल इंडिया से 693 करोड़ रुपए ऑनरिकॉर्ड वूसली की गई। जानकारों का मानना है कि भीतरखाने इससे कहीं अधिक गफलत चलती है, लेकिन पकड़ी नहीं जाती। इसके विपरीत इसी प्लांट में निर्धारित गुणवत्ता से बेहतर क्वालिटी के कोयला सप्लाई पर कोल इंडिया को केवल 11 करोड़ का भुगतान किया गया। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचई ने घटिया कोयला सप्लाई पर 34 करोड़ वसूला। लेकिन, वह बेहतर गुणवत्ता के कोयले के लिए तरस गया। पांच साल में कोई अतिरिक्त देय का मौका नहीं आया। 2016 से 2021 के बीच सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा और सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी में करोड़ों रुपए वसूले गए।
बड़ी मात्रा में कोयले की बरामदगी
देशभर में कोल इंडिया ने अवैध खनन और भंडारण के 17 मामले दर्ज कराए हैं। प्रदेश में कोल इंडिया की सहायक कंपनी एनसीएल क्षेत्र में कोयले की 87 टन मात्रा बरामद की गई। इसकी कीमत लाखों में आंकी गई है। अधिकारियों का कहना है कि सीआइएल के सुरक्षाकर्मी समय-समय पर छापा मारते हैं। इसमें राज्य की कानून-व्यवस्था से सम्बंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को अभियान से जोड़ा जाता है। हालांकि, एसईसीएल और डब्ल्यूसीएल कंपनी एरिया में कोयले के अवैध उत्खनन और भंडारण का बीते एक साल में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।
हलाकान हैं विभाग
कोयले की चोरी-जमाखोरी, कालाबाजारी, उठाईगीरी से विभाग पहले ही हलाकान हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद स्थिति बेकाबू है। यही वजह है कि निगरानी और सुरक्षा के लिए तकनीक और ऑनलाइन सिस्टम का सहारा लिया जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि जीपीएस आधारित वीकल ट्रैकिंग सिस्टम और खदानों को सीसीटीवी कैमरों से जोड़ा गया है। इसी तरह उठाईगीरी रोकने के लिए होलोग्राम लगाने के साथ ही सीआइएसएफ अधिकारियों के हस्ताक्षर के बाद ही जिले से बाहर ढुलाई करने का ट्रकों को चालान जारी किया जा रहा है। रेलवे साइडिंग पर हथियारबंद सुरक्षा गार्डों की तैनाती की गई है।
2016 से 2021 तक कम ग्रेड के कोयले पर की वसूली
ताप विद्युत गृह- संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर – 693 करोड़
श्रीसिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खंडवा – 192 करोड़
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी- 157 करोड़
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई- 134 करोड़
वर्जन
बिजली उत्पादन के लिए अच्छी गुणवत्ता के कोयले की आपूर्ति हो, इसका ध्यान रखा जाता है। संबंधित विभाग द्वारा इसकी जांच भी की जाती है। तय मापदंडों के विपरीत गुणवत्ता मिलने पर पेनाल्टी का भी प्रावधान किया गया है।
– आरपी पांडे, पीआरओ सिंगाजी यूनिट