Moeen Ali Struggle Story: पेटभर नहीं मिलता था खाना, खीरा से होता था गुजारा, अब करोड़ों का मालिक है CSK का यह क्रिकेटर

118
Moeen Ali Struggle Story: पेटभर नहीं मिलता था खाना, खीरा से होता था गुजारा, अब करोड़ों का मालिक है CSK का यह क्रिकेटर


Moeen Ali Struggle Story: पेटभर नहीं मिलता था खाना, खीरा से होता था गुजारा, अब करोड़ों का मालिक है CSK का यह क्रिकेटर

Moeen Ali IPL 2022: इंग्लैंड के तूफानी ऑलराउंडर मोईन अली के पास आज सब कुछ है रुपये-पैसे, नाम, शोहरत, लेकिन एक वक्त था कि उनकी फैमिली बहुत गरीब थी। उनके पास पेटभर खाने के भी पैसे नहीं थे। सैंडविच और खीरा खाकर गुजारा करना पड़ता था। उनके पिता मुर्गियां बेचते थे। उससे मिले पैसे से वह अगले दिन क्रिकेट खेलने के लिए ट्रैवल करते थे, लेकिन उनके पिता का जुनून था कि वह क्रिकेटर बनें। बस अपने पिता के सपने को साकार करने की जिद ने ही मोईन अली को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में शामिल करा दिया।

सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं
चेन्नई सुपर किंग्स के हरफनमौला खिलाड़ी मोईन अली ने अपनी क्रिकेट यात्रा में संघर्षों को लेकर खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि जिस कठिन हालात में उन्होंने खेलना शुरू किया, उसके बारे में सोचने मात्र से आज उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मोईन ने सीएसके के साथ आईपीएल 2021 सीजन में यूएई में अपना चौथा खिताब हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। टीम ने उन्हें 8 करोड़ रुपये में रिटेन किया है।

पिता को था क्रिकेट का जुनून
मोईन ने अपने संघर्षों के बारे में खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि खेल के लिए दृढ़ संकल्प और जुनून ने उन्हें बाधाओं को दूर करने में कैसे मदद की। उन्होंने खुलासा किया कि उनके परिवार के पास एक पाउंड भी नहीं होते थे, जिससे उन्हें सैंडविच या खीरे पर जीवित रहने के लिए मजबूर होना पड़ा था। 34 वर्षीय ऑलराउंडर ने कहा, ‘मेरे पिताजी में क्रिकेट को लेकर बहुत बड़ा जुनून था। उनके जुड़वां भाई भी थे। परिवार में हम पांच थे। मुझे बस याद है कि जब मैं आठ साल का था। तब मैंने पार्क में अपने भाइयों के साथ खेलना शुरू किया और मुझे लगा कि वे भी बेहतर हो रहे हैं। इसलिए, जब मैं 19 साल का था, तब मैंने एक ट्रायल दिया और फिर मैंने पहली बार किसी के साथ हार्ड बॉल से क्रिकेट खेला।’

बड़ी मुश्किल से मिलता था खाना
मोईन ने कहा, ‘यह शुरुआत थी, जब मैं जल्द ही कम उम्र में काउंटी क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और साथ ही खेल से प्यार करते हुए अच्छा कर रहा था, लेकिन क्रिकेट मेरे पिताजी का जुनून था और हम बस इसे खेलते चले गए।’ मोईन ने कहा कि उनके पिता को बहुत मुश्किल से अपना काम और बच्चों को काउंटी खेलों के लिए ले जाना पड़ता था, यह कहते हुए कि कभी-कभी वह पेट्रोल और कभी-कभी भोजन का खर्च नहीं उठा सकते थे। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम के लिए आईपीएल 2022 सीजन समय से पहले समाप्त हो गया है।

मुर्गियां बेचते थे पिता तो मिलता था ट्रैवेल करने का पैसा
मोईन बताते हैं कहा, ‘मेरे संघर्ष में यह सिर्फ मेरे पिताजी और चाचा ही नहीं थे। मेरी मां और चाची भी कपड़े तैयार में मदद करती थी, ताकि सब कुछ समय पर हो जाए। यह बहुत-बहुत कठिन समय था, लेकिन हमारे लिए सबसे अच्छा समय था।’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह उन कई कहानियों में से एक थी, जहां आर्थिक रूप से हम वास्तव में संघर्ष कर रहे थे। मेरे चाचा और पिताजी अगले मैच के लिए मुर्गियां बेचते थे। मेरे पास एक समय में अपने पैड भी नहीं थे। मैं अभ्यास के लिए अपने पिता के दोस्त के बेटे के पैड का उपयोग करता था। इसलिए, बहुत कठिन लेकिन आश्चर्यजनक दिन थे। मैं बहुत जल्दी पेशेवर खिलाड़ी बन गया और चीजें बेहतर और बेहतर होती चली गईं।’

पिता के वादे ने बदल दी किस्मत
क्रिकेट के मैदान पर मोईन तेजी से उठे, पहले एक सीम-गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में शुरुआत करते हुए एक कोच के आग्रह पर ऑफ-स्पिन गेंदबाज बन गए, जिससे उनकी पीठ की समस्या भी दूर हो गई। उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे लिए हर दिन खेलना सामान्य बात थी। मुझे नहीं पता था कि पेशेवर होना क्या होता है। मुझे लगा कि यह जीवन में हर दिन खेलना होगा और मेरे पिताजी ने कहा, 13 से 15 तक तुम अपने क्रिकेट को दो साल दो। स्कूल के बाद, हम प्रशिक्षण लेते थे और हम बाहर पार्क में खेलने जाते थे।’ उन्होंने आगे बताया, ‘हम बहुत मुश्किल हालात में रहते थे, क्योंकि जहां हम रहते थे, वहां आए दिन लड़ाई-झगड़े होते रहते थे। लेकिन मैं सिर्फ क्रिकेट खेलना चाहता था और उसी को आगे बढ़ाते चला गया।’



Source link