सपा को कमजोर करके अपना विस्तार करेंगे शिवपाल, बोले ‘मुलायम जैसे गुण अखिलेश यादव में नहीं | Shivpal on sp Akhilesh Yadav does not have qualities of mulayam singh | Patrika News h3>
Akhilesh Yadav Has No Quality to Lead Team शिवपाल सिंह यादव जिन्होंने अखिलेश यादव की भारत से लेकर विदेश में हुई पढ़ाई का सारा प्रबंध किया था. तो जाहिर है कि अखिलेश की अच्छाई और खामी दोनों से ही वह भली भांति वाकिफ हैं. ऐसे में जब उनके जब उनसे विधानसभा चुनावों में अखिलेश यादव की हार को लेकर सवाल किया गया तो शिवपाल सिंह ने अखिलेश यादव की वह गलतियां भी गिनाईं दी, जिनकी वजह से पार्टी विधानसभा चुनाव में सत्ता से दूर रह गई. शिवपाल सिंह ने कहा कि यूपी में जनता बदलाव चाहती थी, अखिलेश यादव ने टिकट बांटने में तथा प्रत्याशियों के चयन और सलाह लेने में गलतियां की. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय नहीं ली. हमें एक सीट तक रोक दिया गया, गठबंधन के साथियों के साथ प्रचार करने में अखिलेश ने दूरी बनाई. अखिलेश ये सब गलतियां हुईं. जिसके चलते सपा यूपी की सत्ता पाने से दूर रह गई.
Shivpal Yadav on Mulayam Singh Yadav शिवपाल सिंह ने खुद को समाजवादी बताते हुए कहा कि वह मुलायम सिंह यादव को अभी भी अपना अभिभावक मानते हैं. और इसलिए प्रसपा के झंडे में मुलायम सिंह की तस्वीर है. शिवपाल के मुताबिक़ मुलायम सिंह यादव अभी भी यह चाहते हैं कि अखिलेश और हम साथ सपा में रहे. इसके लिए अखिलेश के साथ कई बैठकें कराई, लेकिन बात नहीं बनी क्योंकि अखिलेश बात के धनी नहीं हैं. शिवपाल के अनुसार मुलायम सिंह अपने वचन के पक्के हैं, मैं भी हूं, लेकिन अखिलेश में यह गुण नहीं. राजनीति के एक व्यक्ति के लिए वचन बहुत कुछ है, अखिलेश को इसका महत्व नहीं पता है. अखिलेश यादव ने अपने किसी वादे को पूरा नहीं किया. इसकी वजह से वह सत्ता से दूर हैं. हमने भगवान राम से वचन निभाना सीखा है.
Akhkilesh Yadav Left Azamkhan and other Muslim with Senior Leaders अखिलेश यादव की आजम खान से दूरी बनाने के सवाल पर भी शिवपाल सिंह खुलकर बोले. शिवपाल के अनुसार आजम खान यूपी विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं. आजम खान 10 बार के विधायक हैं और लोकसभा-राज्यसभा के लिए भी चुने जा चुके हैं. वह समाजवादी हैं और नेताजी (मुलायम सिंह) के साथ काम कर चुके हैं. इसलिए मैंने कहा कि जब वह लोकसभा के सदस्य थे, उनके मुद्दे को नेताजी को संसद में उठाना चाहिए था.
शिवपाल यादव ने कहा कि, जब वह विधायक चुने गए तो यह मुद्दा विधानसभा में उठाना चाहिए था. अब तक ऐसा नहीं किया गया है. इसलिए मैंने कहा कि यदि आजम का मुद्दा लोकसभा में उठाया गया होता तो प्रधानमंत्री जरूर इसका संज्ञान लेते.
यह भी पढे: ताजमहल के बंद 22 कमरों का खुल गया सीक्रेट, ASI ने फोटो जारी करते हुए बताई गंभीर बातें New Political Front with Azamkhan क्या वह आजम खान के साथ नया फ्रंट बनाने जा रहे हैं? इस सवाल के जवाब में शिवपाल ने कहा कि आजम के जेल से बाहर आने पर चर्चा की जाएगी। इस समय मैं अपने संगठन को मजबूत कर रहा हूं. मैं सही समय पर फैसला लूंगा. मैंने आजम भाई से दो बार मुलाकात की है. उनके जेल से बाहर आने पर उनसे मिलूंगा और उनसे राजनीतिक बातचीत की जाएगी.
यह भी पढे: ज्ञानवापी मामले में काशी से दिल्ली तक सुनवाई: शिवलिंग की जगह सुरक्षित की जाए, नमाज में कोई बाधा न हो
Akhilesh Yadav Has No Quality to Lead Team शिवपाल सिंह यादव जिन्होंने अखिलेश यादव की भारत से लेकर विदेश में हुई पढ़ाई का सारा प्रबंध किया था. तो जाहिर है कि अखिलेश की अच्छाई और खामी दोनों से ही वह भली भांति वाकिफ हैं. ऐसे में जब उनके जब उनसे विधानसभा चुनावों में अखिलेश यादव की हार को लेकर सवाल किया गया तो शिवपाल सिंह ने अखिलेश यादव की वह गलतियां भी गिनाईं दी, जिनकी वजह से पार्टी विधानसभा चुनाव में सत्ता से दूर रह गई. शिवपाल सिंह ने कहा कि यूपी में जनता बदलाव चाहती थी, अखिलेश यादव ने टिकट बांटने में तथा प्रत्याशियों के चयन और सलाह लेने में गलतियां की. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय नहीं ली. हमें एक सीट तक रोक दिया गया, गठबंधन के साथियों के साथ प्रचार करने में अखिलेश ने दूरी बनाई. अखिलेश ये सब गलतियां हुईं. जिसके चलते सपा यूपी की सत्ता पाने से दूर रह गई.
Shivpal Yadav on Mulayam Singh Yadav शिवपाल सिंह ने खुद को समाजवादी बताते हुए कहा कि वह मुलायम सिंह यादव को अभी भी अपना अभिभावक मानते हैं. और इसलिए प्रसपा के झंडे में मुलायम सिंह की तस्वीर है. शिवपाल के मुताबिक़ मुलायम सिंह यादव अभी भी यह चाहते हैं कि अखिलेश और हम साथ सपा में रहे. इसके लिए अखिलेश के साथ कई बैठकें कराई, लेकिन बात नहीं बनी क्योंकि अखिलेश बात के धनी नहीं हैं. शिवपाल के अनुसार मुलायम सिंह अपने वचन के पक्के हैं, मैं भी हूं, लेकिन अखिलेश में यह गुण नहीं. राजनीति के एक व्यक्ति के लिए वचन बहुत कुछ है, अखिलेश को इसका महत्व नहीं पता है. अखिलेश यादव ने अपने किसी वादे को पूरा नहीं किया. इसकी वजह से वह सत्ता से दूर हैं. हमने भगवान राम से वचन निभाना सीखा है.
Akhkilesh Yadav Left Azamkhan and other Muslim with Senior Leaders अखिलेश यादव की आजम खान से दूरी बनाने के सवाल पर भी शिवपाल सिंह खुलकर बोले. शिवपाल के अनुसार आजम खान यूपी विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं. आजम खान 10 बार के विधायक हैं और लोकसभा-राज्यसभा के लिए भी चुने जा चुके हैं. वह समाजवादी हैं और नेताजी (मुलायम सिंह) के साथ काम कर चुके हैं. इसलिए मैंने कहा कि जब वह लोकसभा के सदस्य थे, उनके मुद्दे को नेताजी को संसद में उठाना चाहिए था.
शिवपाल यादव ने कहा कि, जब वह विधायक चुने गए तो यह मुद्दा विधानसभा में उठाना चाहिए था. अब तक ऐसा नहीं किया गया है. इसलिए मैंने कहा कि यदि आजम का मुद्दा लोकसभा में उठाया गया होता तो प्रधानमंत्री जरूर इसका संज्ञान लेते.