water crisis in bhopal अफसरों ने इतना दबाव डाला कि ठेकेदार ने गंदे पानी से ही भर दी टंकियां, पांचवे दिन नलों में पहुंचा गंदा पानी, समस्या जस की तस | water crisis in bhopal | Patrika News

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water  crisis in bhopal अफसरों ने इतना दबाव डाला कि ठेकेदार ने गंदे पानी से ही भर दी टंकियां, पांचवे दिन नलों में पहुंचा गंदा पानी, समस्या जस की तस | water crisis in bhopal | Patrika News

water crisis in bhopal अफसरों ने इतना दबाव डाला कि ठेकेदार ने गंदे पानी से ही भर दी टंकियां, पांचवे दिन नलों में पहुंचा गंदा पानी, समस्या जस की तस | water crisis in bhopal | Patrika News

भोपाल. कोलार की नई लाइन से जलापूर्ति शुरू करने के अफसरी दबाव में ठेका एजेंसी ने 45 ओवरहेड टैंक गंदे पानी से ही भर दिए। स्थिति ये रही कि गंदे पानी से भरे इन टैंक से जब घरों के लिए पानी छोड़ा गया तो वह भी गंदा ही आया। निगम ने 60 घंटे के शटडाउन के बाद 72 घंटे में जलापूर्ति बहाल करने का दावा किया था, सोमवार को 100 घंटे से अधिक समय हो गया, लेकिन जलापूर्ति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई। रविवार सुबह तक जलापूर्ति सामान्य करने का दावा था, लेकिन लोग सोमवार शाम तक नल में पानी का इंतजार करते रहे। कोलार लाइन से 60 फीसदी से अधिक आबादी को जलापूर्ति होती है।

जलसंकट की त्राहि-त्राहि में नगर निगम ने पांचवे दिन शुरू की जलापूर्ति में अरेरा कॉलोनी से लेकर अन्य 12 नंबर, मीरा नगर और अन्य क्षेत्रों में नलों ने गंदा पानी उगला। मिट्टी और मलबे में मिलकर नल से घरों तक पहुंचे गंदे पानी ने टंकियों को भी गंदा कर दिया। उनमें मिट्टी मलबा भर दिया। ये पानी उपयोग लायक तो नहीं था, टंकियों को खराब करके दिक्कत और बढ़ा दी। अब निगम को भी अपने ओवरहेड टैंक साफ करने होंगे, तभी घरों में साफ पानी पहुंचेगा।

गौरतलब है कि कोलार की 58 किमी लंबी नई मेन लाइन और करीब 200 किमी की फीडर लाइन से जलापूर्ति शुरू की गई है। पुरानी लाइन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। लंबे समय से मिट्टी और मलबे से भरी लाइनों को पूरी तरह साफ किए बिना ही जलापूर्ति सिस्टम से जोड़ दिया गया, जिसका नतीजा गंदा पानी रहा। निगम अफसरों का दावा है कि एक-दो दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी, लेकिन मौजूदा स्थिति देखते हुए ऐसा नहीं लग रहा है।

संपवेल वाले क्षेत्रों में नहीं आया पानी, भेजने पड़े टैंकर
जिन क्षेत्रों में संपवेल में पानी भरकर यहां से मोटर चालू करके जलापूर्ति होती है, वहां सोमवार शाम तक भी पानी नहीं पहुंच पाया। चार इमली से लेकर अरेरा कॉलोनी ई6, ई7, ई8 से जुड़े क्षेत्र के रहवासी सुबह से ही पानी का इंतजार करते रहे, लेकिन पानी नहीं पहुंचा। निजी टैंकरों से महंगी दर में पानी भरवाना पड़ा। निवासी एके दुबे का कहना है कि शाम तक निगम इंजीनियर को कॉल लगाते रहे, किसी ने नहीं उठाया। ई8 निवासी जीएस कुशवाह का कहना है कि रविवार सुबह से शाम तक पानी का इंतजार करते रहे। सोमवार को पानी की पूरी उम्मीद थी, लेकिन नहीं आया।

जोन 7-9 के जलकार्य इंजीनियरों ने बंद किए फोन
जलकटौती से बने जलसंकट में सबसे अधिक परेशान जोन क्रमांक सात और जोन क्रमांक नौ के रहवासी हुए। जोन क्रमांक सात में तुलसी नगर, शिवाजी नगर, चार इमली से लेकर न्यू मार्केट, शाहपुरा और संबंधित क्षेत्र है, जबकि जोन क्रमांक नौ में एमपी नगर से अरेरा कॉलोनी और आसपास का क्षेत्र है। यहीं के लोग सबसे अधिक परेशान थे और मदद के लिए अपने जोन के जलकार्य इंजीनियरों से संपर्क करने की कोशिश करते रहे। दोनों ही जोन के इंजीनियरों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए थे।

पूर्व एमआईसी ने किया विवाद तो कॉम्प्लेक्स में पहुंचा पानी
– पूर्व एमआईसी आशाराम शर्मा का सोमवार को निगम के जलकार्य इंजीनियर एसके सनोडिया व अन्य से जमकर विवाद हुआ। शिवानी कॉम्प्लेक्स में जलापूर्ति नहीं की जा रही थी। यहां संपवेल है और इसे भरवाकर 200 लोगों की दिक्कत दूर की जा सकती है। शर्मा ने इंजीनियरों को यहां तीन टैंकर भरने का कहा, लेकिन सुनवाई नहीं की, काफी विवाद हुआ। आखिर में यहां दो टैंकर डाले गए।

अफसरों का कहना, सब सामान्य है
– निगमायुक्त केवीएस चौधरी ने नई लाइन शिफ्टिंग से बनी परेशानी के बाद वीडियो बनाकर जारी किया। उन्होंने कहा, सब सामान्य है। जलापूर्ति शुरू कर दी गई है और परेशान होने की जरूरत नहीं है। अपर आयुक्त जलकार्य ऋजू बाफना का कहना है कि हमने सभी क्षेत्रों में पानी पहुंचा दिया है। कई क्षेत्रों में टैंकर भिजवाएं। किसी तरह की दिक्कत अब नहीं है।



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