Jaipal Punia Case: सतीश पूनियां ने जयपाल हत्याकांड के पीछे गहलोत को ठहराया जिम्मेदार, पूछा- गृहमंत्री मौन क्यों हैं? h3>
नागौर: राजस्था के नावां शहर में भाजपा नेता और व्यवसायी जयपाल पूनिया हत्याकांड की सीबीआई जांच को लेकर शनिवार को जमकर बवाल हुआ। शहर में जहां स्थानीय विधायक के खिलाफ रैली निकाली गई। वहीं, मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां भी शामिल हुए। पूनियां ने धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि, राजस्थान में रोज औसतन 7 हत्या होती हैं, 18 दुष्कर्म हो रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, राजस्थान के गृहमंत्री मौन क्यों हैं? मौन इसलिए हैं कि वो जयपाल सरीखे कितने ही लोगों की हत्या के जिम्मेदार हैं, आमजन को सुरक्षा देने में विफल हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘जब तक जमीन में गर्मी पैदा नहीं करोगे तक तक जयपाल पूनिया जैसे लोगों को न्याय नहीं मिलेगा। आपने कांग्रेस सरकार के खिलाफ इतनी मजबूती के साथ इस धरने की शुरूआत की है, कई बार राख जब चिंगारी बनती है तो उसमें सत्ता का तानाशाही सिंहासन भी जल कर राख हो जाता है।’
रकार के ताबूत में अंतिम कील साबित होगा
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. पूनियां ने यहां अनिश्चितकालीन धरने को लेकर हरीश कुमावत का अभिवादन किया। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको भरोसे के साथ कह सकता हूं कि हरीश का पसीना इस सरकार के ताबूत में अंतिम कील साबित होगा, इस शुरुआत में आगाज का अंजाम भाजपा का कार्यकर्ता लिखेगा, इस सरकार के 40 साल का लेखा-झोखा करेंगे तो और यदि मैं एक एक घटना का उल्लेख करूं तो आपके मन में आक्रोश व सहानुभूति पैदा होगी। एक तो अपराधी होता है, एक अपराध का षडयंत्र करने वाला होता है और एक अपराध को चुपचाप देखने वाला होता है, दोषी सब हैं, लेकिन में पूछता हूं कि जिन्होंने जनघोषणा पत्र में राजस्थान की आवाम, जनता को यह कहा था कि हमारी सरकार आयेगी तो हम सुरक्षा देंगे, पूछता हूँ कि कि राजस्थान का गृहमंत्री मौन क्यों है? मौन इसलिए है वो जयपाल सरीखे कितने ही लोगों की हत्या का जिम्मेदार है, जन सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल हैं।
ऐसे 60 लाख किसान कर्जमाफी का इंतजार कर रहे
पूनियां ने गहलोत सरकार के कर्जमाफी के वादे को भी याद दिलाया। कहा, कि जिन किसानों की कर्जामाफी का वादा किया था, ऐसे 60 लाख किसान, 1 लाख 20 हजार करोड़ का कर्जामाफी का इंतजार कर रहे हैं। राजस्थान के 9 हजार किसान जिनकी जमीनें नीलाम हो गईं। दर्जनों किसानों ने आत्महत्या कर ली। एम्बुलेंस के बाहर एक पीड़िता रोटी मांग रही थी, रोटी नहीं मिली और उसकी अस्मत लूट ली गई। एक वर्ष में राजस्थान में 6 हजार 337 बहन बेटियों इसी गृहमंत्री से मुख्यमंत्री से जवाब मांगती हैं।
24 घंटे का अल्टीमेटर, अपराधी नहीं पकड़े गए तो आंदोलन
पूनियां ने बताया कि नावां की इस घटना के बारे में पहला फोन पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी ने मुझे किया, विधायक नारायण बेनीवाल और भाजपा के सभी कार्यकर्ता जनता की आवाज बनकर यहां मौजूद हैं। जनता के हक की लड़ाई दल व विचार नहीं देखती, जनता के हक की लड़ाई एक विचार के लोग जब धरातल पर मजबूती से लड़ते हैं तो सत्ता के पाये हिलते हैं। विधायक रूपाराम, मानसिंह व गजेन्द्र सहित तमाम लोग मजबूती से बैठे हैं, इसको सरकार और प्रशासन को हल्के में लेने की आवश्यकता नहीं। ये तो फिल्म का ट्रेलर है भाई जयपाल को न्याय दिलाने का संकल्प है। और अगर 24 घंटे में अपराधी नहीं पकड़े गए तो नावां से तो आगाज हुआ है, राजस्थान की जनता इसको अंजाम में बदलेगी और इस अन्याय का बदला लेगी।
उदयपुर से सांसद को पुलिस ने उठाया, पुष्कर जाने से भी रोका तो बचने के लिए सड़क पर दौड़े किरोड़ीलाल मीणा
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रकार के ताबूत में अंतिम कील साबित होगा
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. पूनियां ने यहां अनिश्चितकालीन धरने को लेकर हरीश कुमावत का अभिवादन किया। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको भरोसे के साथ कह सकता हूं कि हरीश का पसीना इस सरकार के ताबूत में अंतिम कील साबित होगा, इस शुरुआत में आगाज का अंजाम भाजपा का कार्यकर्ता लिखेगा, इस सरकार के 40 साल का लेखा-झोखा करेंगे तो और यदि मैं एक एक घटना का उल्लेख करूं तो आपके मन में आक्रोश व सहानुभूति पैदा होगी। एक तो अपराधी होता है, एक अपराध का षडयंत्र करने वाला होता है और एक अपराध को चुपचाप देखने वाला होता है, दोषी सब हैं, लेकिन में पूछता हूं कि जिन्होंने जनघोषणा पत्र में राजस्थान की आवाम, जनता को यह कहा था कि हमारी सरकार आयेगी तो हम सुरक्षा देंगे, पूछता हूँ कि कि राजस्थान का गृहमंत्री मौन क्यों है? मौन इसलिए है वो जयपाल सरीखे कितने ही लोगों की हत्या का जिम्मेदार है, जन सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल हैं।
ऐसे 60 लाख किसान कर्जमाफी का इंतजार कर रहे
पूनियां ने गहलोत सरकार के कर्जमाफी के वादे को भी याद दिलाया। कहा, कि जिन किसानों की कर्जामाफी का वादा किया था, ऐसे 60 लाख किसान, 1 लाख 20 हजार करोड़ का कर्जामाफी का इंतजार कर रहे हैं। राजस्थान के 9 हजार किसान जिनकी जमीनें नीलाम हो गईं। दर्जनों किसानों ने आत्महत्या कर ली। एम्बुलेंस के बाहर एक पीड़िता रोटी मांग रही थी, रोटी नहीं मिली और उसकी अस्मत लूट ली गई। एक वर्ष में राजस्थान में 6 हजार 337 बहन बेटियों इसी गृहमंत्री से मुख्यमंत्री से जवाब मांगती हैं।
24 घंटे का अल्टीमेटर, अपराधी नहीं पकड़े गए तो आंदोलन
पूनियां ने बताया कि नावां की इस घटना के बारे में पहला फोन पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी ने मुझे किया, विधायक नारायण बेनीवाल और भाजपा के सभी कार्यकर्ता जनता की आवाज बनकर यहां मौजूद हैं। जनता के हक की लड़ाई दल व विचार नहीं देखती, जनता के हक की लड़ाई एक विचार के लोग जब धरातल पर मजबूती से लड़ते हैं तो सत्ता के पाये हिलते हैं। विधायक रूपाराम, मानसिंह व गजेन्द्र सहित तमाम लोग मजबूती से बैठे हैं, इसको सरकार और प्रशासन को हल्के में लेने की आवश्यकता नहीं। ये तो फिल्म का ट्रेलर है भाई जयपाल को न्याय दिलाने का संकल्प है। और अगर 24 घंटे में अपराधी नहीं पकड़े गए तो नावां से तो आगाज हुआ है, राजस्थान की जनता इसको अंजाम में बदलेगी और इस अन्याय का बदला लेगी।
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