Summer vacation tour tips: गर्मी की छुट्टियां शुरु, अगर प्लान करके नहीं गए घूमने तो घूमते ही रह जाओगे, यहां जानिए ट्रैवल टिप्स h3>
नई दिल्ली: बच्चों की गर्मियों की छुट्टियां (Summer vacation) शुरू हो गई हैं। ऐसे में अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं तो पहले अच्छे से रिसर्च कर ले क्योंकि उत्तराखंड और धार्मिक स्थलों की बुकिंग इस समय फुल चल रही है। मई के अंतिम सप्ताह से जून तक सबसे ज्यादा भीड़ रहेगी। ट्रैवल कंपनियों का कहना है कि इस बार बुकिंग इतनी ज्यादा है कि उन्हें खुद ही मना करना पड़ रहा है। कोरोना महामारी के कारण लोग तीन साल से कहीं घूमने नहीं जा पा रहे थे। यही वजह है कि कोरोना काल के बाद लोग परिवार के साथ धार्मिक स्थलों और योग मेडिटेशन के अच्छे डेस्टिनेशंस का रुख कर रहे हैं।
हालांकि इस बार टूरिज्म पर भी महंगाई की मार पड़ी है। पेट्रोल और होटल महंगा होने से लोग भी बुकिंग पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। तीर्थ यात्रा के लिए रोजाना 1,000 से भी ज्यादा आ रही है। बुकिंग ट्रैवल कंपनी के सीईओ एंड फाउंडर इंद्रनील दास गुप्ता बताते हैं कि इस बार बुकिंग बहुत ज्यादा है। रोज हजार से ऊपर की बुकिंग आ रही है। लेकिन हम उतनी ही बुकिंग लेते हैं जितने लोगों को वीआईपी ट्रीटमेंट के साथ यात्रा करा सकें। हर रोज बुकिंग पर एक डेढ़ हजार परिवार लेकर जा रहे हैं। कामाख्या, बद्रीनाथ-केदारनाथ और हरिद्वार-ऋषिकेश की सबसे ज्यादा बुकिंग है।
धार्मिक स्थलों को प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि हम धर्मशाला से लेकर फाइव स्टार होटल तक सब कुछ एक पैकेज में उपलब्ध करते हैं। मंदिर के प्रसाद से लेकर पंडित, पूजा और फूलमाला सब पैकेज में शामिल है। तीर्थयात्री को कहीं भटकना न पड़े, इस बात का सबसे का बहुत ध्यान रखते हैं। दो साल बाद एकदम से यात्रियों का हुजूम आ गया है। सब शांति और आस्था के लिए परिवार को धार्मिक स्थलों पर ले जाने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ट्रैवल कंपनी के एसएस हैदर बताते हैं कि साल 2019 से 2022 के दौरान यात्रियों की संख्या में तकरीबन 20% यात्रियों में इजाफा हुआ है। यही कारण है कि इस समय ट्रैवल बिजनेस बूम पर है। दिल्ली-एनसीआर से लोग हिमाचल और उत्तराखंड ज्यादा जा रहे हैं। ऐसे में जिम कॉर्बेट पार्क, नैनीताल मसूरी और ऋषिकेश में मई के अंतिम सप्ताह में सबसे ज्यादा भीड़ है। जून तक श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम पैक्ड है। बुकिंग इतनी है कि हमें खुद ही मना करना पड़ रहा है।
उत्तराखंड में जरूरत से ज्यादा भीड़
उन्होंने कहा कि ट्रेन और फ्लाइट के टिकट नहीं मिल रहे हैं। होटल ने कोरोनावायरस के कारण 20% चार्ज बढ़ा दिए हैं। जो लोग हनीमून पैकेज ले रहे हैं वे गोवा, मनाली, श्रीनगर और केरल जा रहे हैं। वहीं हरिद्वार-ऋषिकेश टू इन वन है। यानी तीर्थ और मस्ती दोनों। इसलिए जगह फुल है।
ऋषिकेश का चार दिन का टूर करके लौटी ज्योति शर्मा बताती हैं कि उत्तराखंड में अभी जरूरत से ज्यादा भीड़ है। होटल मिलने में काफी दिक्कत आई। पहले से बुकिंग करके नहीं गए तो अच्छी लोकेशन की सुविधा वाले होटल मिलने मुश्किल होंगे। परिवार के साथ डेस्टिनेशन पर पहुंचकर होटल तलाशना चुनौती से कम नहीं। ऋषिकेश की यात्रा से लौटे सरिता बताती हैं कि पैकेज लेने में बहुत बंदिशें होती हैं। खुद से होटल बुक कराने से टूर बजट फ्रेंडली रहता है। मनचाहा समय बिता सकते हैं। हमने होमस्टे बुक किया था जो होटलों से काफी सस्ता होता है। ऋषिकेश में ठहरने के लिए तपोवन बेस्ट है।
पशुपतिनाथ का पैकेज
67 साल की भारती त्रिपाठी जून में धार्मिक यात्रा पर काठमांडू जाएंगी। वह अपने बेटे के अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए पशुपतिनाथ का दर्शन करने जाएंगी। वह बताती हैं कि उनका बेटा ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित है। काठमांडू में दो रात ठहरना होगा। दिल्ली से जाने और वापसी का हवाई किराया प्रति व्यक्ति 15000 रुपये पड़ा। ठहरने के पैकेज का खर्च लगभग 30,000 रुपये पड़ा। वैशाली के रहने वाले आयुष ने बताया कि कोरोना के कारण पिछले 3 साल से छुट्टियों पर घूमना नहीं हो पाया। हमने ट्रैवल कंपनी से मई के आखिरी सप्ताह का हरिद्वार-ऋषिकेश का इकोनॉमिकल पैकेज लिया। लगभग 26,000 रुपये के पैकेज में होटल, ट्रांसपोर्ट सब शामिल हैं।
नेहरू नगर के सुमीर माथुर बताते हैं कि इस समय उत्तराखंड कार से जाने में जगह-जगह जाम का सामना करने से थकान हो जाएगी। टूर का सारा मजा किरकिरा हो जाएगा। ड्राइव करने वाले का पूरा ध्यान ड्राइविंग पर होता है। परिवार के साथ मस्ती नहीं हो पाती। पहाड़ों पर कार चलाना सबके बस की बात नहीं है। आखिर होटल पहुंचकर टैक्सी बुक ही करनी होती है। इससे बेहतर है ट्रैवल कंपनी से पैकेज बुक करना। थोडी बाउंडेशन होती है लेकिन टेंशन नहीं होती।
यात्रा से पहले इन्हें ना भूलें
- यात्रा में अपना आईडी प्रूफ जरूर जाएं। आपने बुकिंग के समय उसकी कॉपी लगाई लेकिन ओरिजिनल कॉपी होटल पहुंच कर दिखानी अनिवार्य है। कुछ होटलों में कोविड टीकाकरण का विवरण भी लिया जाता है। इसलिए डबल डोज जरूरी है।
- जाने से पहले उत्तराखंड के मौसम के पूर्वानुमान की समीक्षा करें। उस हिसाब से ऊनी कपड़े ले जाएं
- इमरजेंसी नंबर विकल्प के तौर पर जरूर रखें। अगर बैटरी चार्ज की दिक्कत है तो पावर बैंक चार्ज करके रखें।
- ऑनलाइन पेमेंट कई जगह नहीं हो पाती। पहाड़ों में नेटवर्क की अक्सर दिक्कत होती है। इसलिए कुछ भी कैश भी साथ रखें।
- उतना ही लगेज लें जितना खुद से कैरी कर सकें। कीमती सामान और जेवर साथ ना ले जाएं।
- पर्यटन सीजन होने के चलते जिम कॉर्बेट पार्क की जून तक बुकिंग फुल है।
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हालांकि इस बार टूरिज्म पर भी महंगाई की मार पड़ी है। पेट्रोल और होटल महंगा होने से लोग भी बुकिंग पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। तीर्थ यात्रा के लिए रोजाना 1,000 से भी ज्यादा आ रही है। बुकिंग ट्रैवल कंपनी के सीईओ एंड फाउंडर इंद्रनील दास गुप्ता बताते हैं कि इस बार बुकिंग बहुत ज्यादा है। रोज हजार से ऊपर की बुकिंग आ रही है। लेकिन हम उतनी ही बुकिंग लेते हैं जितने लोगों को वीआईपी ट्रीटमेंट के साथ यात्रा करा सकें। हर रोज बुकिंग पर एक डेढ़ हजार परिवार लेकर जा रहे हैं। कामाख्या, बद्रीनाथ-केदारनाथ और हरिद्वार-ऋषिकेश की सबसे ज्यादा बुकिंग है।
धार्मिक स्थलों को प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि हम धर्मशाला से लेकर फाइव स्टार होटल तक सब कुछ एक पैकेज में उपलब्ध करते हैं। मंदिर के प्रसाद से लेकर पंडित, पूजा और फूलमाला सब पैकेज में शामिल है। तीर्थयात्री को कहीं भटकना न पड़े, इस बात का सबसे का बहुत ध्यान रखते हैं। दो साल बाद एकदम से यात्रियों का हुजूम आ गया है। सब शांति और आस्था के लिए परिवार को धार्मिक स्थलों पर ले जाने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ट्रैवल कंपनी के एसएस हैदर बताते हैं कि साल 2019 से 2022 के दौरान यात्रियों की संख्या में तकरीबन 20% यात्रियों में इजाफा हुआ है। यही कारण है कि इस समय ट्रैवल बिजनेस बूम पर है। दिल्ली-एनसीआर से लोग हिमाचल और उत्तराखंड ज्यादा जा रहे हैं। ऐसे में जिम कॉर्बेट पार्क, नैनीताल मसूरी और ऋषिकेश में मई के अंतिम सप्ताह में सबसे ज्यादा भीड़ है। जून तक श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगाम पैक्ड है। बुकिंग इतनी है कि हमें खुद ही मना करना पड़ रहा है।
उत्तराखंड में जरूरत से ज्यादा भीड़
उन्होंने कहा कि ट्रेन और फ्लाइट के टिकट नहीं मिल रहे हैं। होटल ने कोरोनावायरस के कारण 20% चार्ज बढ़ा दिए हैं। जो लोग हनीमून पैकेज ले रहे हैं वे गोवा, मनाली, श्रीनगर और केरल जा रहे हैं। वहीं हरिद्वार-ऋषिकेश टू इन वन है। यानी तीर्थ और मस्ती दोनों। इसलिए जगह फुल है।
ऋषिकेश का चार दिन का टूर करके लौटी ज्योति शर्मा बताती हैं कि उत्तराखंड में अभी जरूरत से ज्यादा भीड़ है। होटल मिलने में काफी दिक्कत आई। पहले से बुकिंग करके नहीं गए तो अच्छी लोकेशन की सुविधा वाले होटल मिलने मुश्किल होंगे। परिवार के साथ डेस्टिनेशन पर पहुंचकर होटल तलाशना चुनौती से कम नहीं। ऋषिकेश की यात्रा से लौटे सरिता बताती हैं कि पैकेज लेने में बहुत बंदिशें होती हैं। खुद से होटल बुक कराने से टूर बजट फ्रेंडली रहता है। मनचाहा समय बिता सकते हैं। हमने होमस्टे बुक किया था जो होटलों से काफी सस्ता होता है। ऋषिकेश में ठहरने के लिए तपोवन बेस्ट है।
पशुपतिनाथ का पैकेज
67 साल की भारती त्रिपाठी जून में धार्मिक यात्रा पर काठमांडू जाएंगी। वह अपने बेटे के अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए पशुपतिनाथ का दर्शन करने जाएंगी। वह बताती हैं कि उनका बेटा ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित है। काठमांडू में दो रात ठहरना होगा। दिल्ली से जाने और वापसी का हवाई किराया प्रति व्यक्ति 15000 रुपये पड़ा। ठहरने के पैकेज का खर्च लगभग 30,000 रुपये पड़ा। वैशाली के रहने वाले आयुष ने बताया कि कोरोना के कारण पिछले 3 साल से छुट्टियों पर घूमना नहीं हो पाया। हमने ट्रैवल कंपनी से मई के आखिरी सप्ताह का हरिद्वार-ऋषिकेश का इकोनॉमिकल पैकेज लिया। लगभग 26,000 रुपये के पैकेज में होटल, ट्रांसपोर्ट सब शामिल हैं।
नेहरू नगर के सुमीर माथुर बताते हैं कि इस समय उत्तराखंड कार से जाने में जगह-जगह जाम का सामना करने से थकान हो जाएगी। टूर का सारा मजा किरकिरा हो जाएगा। ड्राइव करने वाले का पूरा ध्यान ड्राइविंग पर होता है। परिवार के साथ मस्ती नहीं हो पाती। पहाड़ों पर कार चलाना सबके बस की बात नहीं है। आखिर होटल पहुंचकर टैक्सी बुक ही करनी होती है। इससे बेहतर है ट्रैवल कंपनी से पैकेज बुक करना। थोडी बाउंडेशन होती है लेकिन टेंशन नहीं होती।
यात्रा से पहले इन्हें ना भूलें
- यात्रा में अपना आईडी प्रूफ जरूर जाएं। आपने बुकिंग के समय उसकी कॉपी लगाई लेकिन ओरिजिनल कॉपी होटल पहुंच कर दिखानी अनिवार्य है। कुछ होटलों में कोविड टीकाकरण का विवरण भी लिया जाता है। इसलिए डबल डोज जरूरी है।
- जाने से पहले उत्तराखंड के मौसम के पूर्वानुमान की समीक्षा करें। उस हिसाब से ऊनी कपड़े ले जाएं
- इमरजेंसी नंबर विकल्प के तौर पर जरूर रखें। अगर बैटरी चार्ज की दिक्कत है तो पावर बैंक चार्ज करके रखें।
- ऑनलाइन पेमेंट कई जगह नहीं हो पाती। पहाड़ों में नेटवर्क की अक्सर दिक्कत होती है। इसलिए कुछ भी कैश भी साथ रखें।
- उतना ही लगेज लें जितना खुद से कैरी कर सकें। कीमती सामान और जेवर साथ ना ले जाएं।
- पर्यटन सीजन होने के चलते जिम कॉर्बेट पार्क की जून तक बुकिंग फुल है।
कारोबार जगत के 20 से अधिक सेक्टर से जुड़े बेहतरीन आर्टिकल और उद्योग से जुड़ी गहन जानकारी के लिए आप इकनॉमिक टाइम्स की स्टोरीज पढ़ सकते हैं। इकनॉमिक टाइम्स की ज्ञानवर्धक जानकारी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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