निर्णय में भागीदार हो युवा, इसीलिए शिविर में आधे से ज्यादा प्रतिनिधि अंडर 40: पायलट | sachin pilot exclusive interview on Congress Chintan Shivir 2022 | Patrika News h3>
सवाल: फिर एक चिंतन शिविर, क्या इससे कांग्रेस को फायदा होगा?
जवाब: जब भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस तरह की बैठक बुलाई है। तब-तब कांग्रेस सशक्त तौर पर उभरकर आई है। पांच राज्यों में पराजय के बाद मूलभूत और जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करके रोडमेप बनाने का निर्णय किया था। उदयपुर के चिंतन शिविर में सभी नेता तीन दिन तक खुले मन से विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। देशभर के नेता ग्राउंड के फीडबैक, राजनीतिक हालात और देश के वर्तमान हालात की चुनौतियों से बाहर निकलने के लिए रोडमैप तैयार करेंगे।
सवाल: जनता के मुद्दे उठाने के लिए कांग्रेस क्या कदम उठाने वाली है?
जवाब: शिविर के लिए अलग-अलग समितियां बनी है, जो कि गहन अध्ययन कर रही है। मैं खुद अर्थव्यवस्था से जुड़ी कमेटी का सदस्य हूं, इसके अध्यक्ष पी.चिदंबदरम है। इसकी तीन-चार बार बैठक हो चुकी हैं। आज देश में आर्थिक संसाधनों का कुप्रबंधन है। इसकी वजह से आर्थिक कठिनाई, महंगाई, बेरोजगारी, कटौती, छंटनी और रिटायरमेंट के बाद पद लुप्त हो रहे हैं। कांग्रेस आमजन के इन मुददों को उठाने का सशक्त मंच बनेगी।
सवाल: संगठन को मजबूत किस तरह किया जाएगा?
जवाब: कांग्रेस चिंतन शिविर में पहली बार आधे से ज्यादा सदस्य 40 साल से कम उम्र के आमंत्रित किए गए है। यह राहुल गांधी की मानसिकता दिखाता है। हम युवाओं की बात सुनकर संगठन के निर्णयों में भागीदारी रखने की कोशिश कर रहे हैं। संगठन में अमूलचूल परिवर्तन किया जाएगा। संगठन के चुनाव चल रहे हैं। मई के आखिर तक ब्लॉक और जून-जुलाई तक राजस्थान के सभी जिला अध्यक्ष बन नियुक्त हो जाएंगे। जबकि सितंबर तक प्रदेश व राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिए जाएंगे। हमने पहली बार डिजिटल सदस्यता अभियान चलाया है। मैं बार-बार कहता हूं कि सरकार संगठन के दम पर बनती है।
सवाल: क्या राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट हो सकती है और क्यों?
जवाब: कांग्रेस के शिविर में सभी मुद्दों पर चर्चा होगी। राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं होने की परिपाटी तोडऩे की जिम्मेदारी हमारी है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि जिसकी वजह से राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं हो। यह सही है कि 2013 में हम 21 सीट पर रह गए थे। अब हमारी सरकार है और एआइसीसी की तीन सदस्यीय कमेटी बनने के बाद पार्टी ने कई सही कदम उठाए हैं। अब मुझे पूरा विश्वास है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में जनता कांग्रेस को आर्शीवाद देगी।
सवाल: ऐसा नहीं लगता है कि और क्षेत्रीय दल कांग्रेस का विकल्प बनते जा रहे हैं?
जवाब: मैं ऐसा नहीं मानता। आज भी राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ही भाजपा को चुनौती दे सकती है। क्षेत्रीय दलों की अपने-अपने राज्यों में भूमिका और महत्व है। भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों को कुछ लेन-देन करना पड़ेगा। राष्ट्रीय चुनाव में मतदाताओं की मानसिकता अलग होती है। कांग्रेस ही जम्मू से केरल और नागालैंड से लेकर गुजरात तक मौजूद है। मान-सम्मान के साथ क्षेत्रीय दलों को साथ लाना होगा। इस पर भी चिंतन शिविर में चर्चा कर योजना तैयार की जाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत गठबंधन बनाने पर काम चल रहा है।
सवाल: फिर एक चिंतन शिविर, क्या इससे कांग्रेस को फायदा होगा?
जवाब: जब भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस तरह की बैठक बुलाई है। तब-तब कांग्रेस सशक्त तौर पर उभरकर आई है। पांच राज्यों में पराजय के बाद मूलभूत और जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करके रोडमेप बनाने का निर्णय किया था। उदयपुर के चिंतन शिविर में सभी नेता तीन दिन तक खुले मन से विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। देशभर के नेता ग्राउंड के फीडबैक, राजनीतिक हालात और देश के वर्तमान हालात की चुनौतियों से बाहर निकलने के लिए रोडमैप तैयार करेंगे।
सवाल: जनता के मुद्दे उठाने के लिए कांग्रेस क्या कदम उठाने वाली है?
जवाब: शिविर के लिए अलग-अलग समितियां बनी है, जो कि गहन अध्ययन कर रही है। मैं खुद अर्थव्यवस्था से जुड़ी कमेटी का सदस्य हूं, इसके अध्यक्ष पी.चिदंबदरम है। इसकी तीन-चार बार बैठक हो चुकी हैं। आज देश में आर्थिक संसाधनों का कुप्रबंधन है। इसकी वजह से आर्थिक कठिनाई, महंगाई, बेरोजगारी, कटौती, छंटनी और रिटायरमेंट के बाद पद लुप्त हो रहे हैं। कांग्रेस आमजन के इन मुददों को उठाने का सशक्त मंच बनेगी।
सवाल: संगठन को मजबूत किस तरह किया जाएगा?
जवाब: कांग्रेस चिंतन शिविर में पहली बार आधे से ज्यादा सदस्य 40 साल से कम उम्र के आमंत्रित किए गए है। यह राहुल गांधी की मानसिकता दिखाता है। हम युवाओं की बात सुनकर संगठन के निर्णयों में भागीदारी रखने की कोशिश कर रहे हैं। संगठन में अमूलचूल परिवर्तन किया जाएगा। संगठन के चुनाव चल रहे हैं। मई के आखिर तक ब्लॉक और जून-जुलाई तक राजस्थान के सभी जिला अध्यक्ष बन नियुक्त हो जाएंगे। जबकि सितंबर तक प्रदेश व राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिए जाएंगे। हमने पहली बार डिजिटल सदस्यता अभियान चलाया है। मैं बार-बार कहता हूं कि सरकार संगठन के दम पर बनती है।
सवाल: क्या राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट हो सकती है और क्यों?
जवाब: कांग्रेस के शिविर में सभी मुद्दों पर चर्चा होगी। राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं होने की परिपाटी तोडऩे की जिम्मेदारी हमारी है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि जिसकी वजह से राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं हो। यह सही है कि 2013 में हम 21 सीट पर रह गए थे। अब हमारी सरकार है और एआइसीसी की तीन सदस्यीय कमेटी बनने के बाद पार्टी ने कई सही कदम उठाए हैं। अब मुझे पूरा विश्वास है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में जनता कांग्रेस को आर्शीवाद देगी।
सवाल: ऐसा नहीं लगता है कि और क्षेत्रीय दल कांग्रेस का विकल्प बनते जा रहे हैं?
जवाब: मैं ऐसा नहीं मानता। आज भी राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ही भाजपा को चुनौती दे सकती है। क्षेत्रीय दलों की अपने-अपने राज्यों में भूमिका और महत्व है। भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों को कुछ लेन-देन करना पड़ेगा। राष्ट्रीय चुनाव में मतदाताओं की मानसिकता अलग होती है। कांग्रेस ही जम्मू से केरल और नागालैंड से लेकर गुजरात तक मौजूद है। मान-सम्मान के साथ क्षेत्रीय दलों को साथ लाना होगा। इस पर भी चिंतन शिविर में चर्चा कर योजना तैयार की जाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत गठबंधन बनाने पर काम चल रहा है।