प्रशांत किशोर से क्यों इतना घबरा रहे हैं तेजस्वी यादव! इतनी हड़बड़ी में कर रहे पद यात्रा… जानिए Inside Story h3>
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में एंट्री की तैयारी कर रहे हैं। इसे लेकर यहां की राजनीति हवा कुछ अलग ही बहती नजर आने लगी है। वैसे तो तेजस्वी यादव ये कहते हैं कि प्रशांत किशोर पर ध्यान नहीं देते लेकिन जनता से जुड़ने के उनके तरीके को काफी जल्दी कॉपी करते हैं। सवाल है, आखिर इतनी हड़बड़ी में क्यों हैं तेजस्वी?
तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार
पटना : बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav ) को अपना अगला कॉम्पटीटर जल्द मिलने वाला है। जो यकीनी तौर पर A TO Z की बात करेगा। माना जा रहा है बिहार में नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक पारी के आखिरी दौर में हैं। जाहिर सी बात है प्रशांत किशोर भी इसी मौके की आस में होंगे। इस जगह के वैकेंट होने का फायदा प्रशांत किशोर उठाने की कोशिश में है। तेजस्वी यादव भी बिहार के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। उनमें काबिलीयत भी है लेकिन अब उनके सामने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) एक चुनौती के रूप में खड़े होने को तैयार हैं। जिनके पास रणनीति भी है और वो युवा चेहरा भी हैं।
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ध्यान नहीं देते मगर आइडिया कॉपी जरूर करते हैं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में एंट्री की तैयारी कर रहे हैं। इसे लेकर यहां की राजनीति हवा कुछ अलग ही बहती नजर आने लगी है। वैसे तो तेजस्वी यादव ये कहते हैं कि प्रशांत किशोर पर ध्यान नहीं देते लेकिन जनता से जुड़ने के उनके तरीके को काफी जल्दी कॉपी करते हैं। सवाल है, आखिर इतनी हड़बड़ी में क्यों हैं तेजस्वी? तेजस्वी यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर पैदल यात्रा (Paidal Yattra) का ऐलान कर दिया है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को भी जातिगत जनगणना (Caste Based Census) पर अपनी मंशा साफ करने के लिए 72 घंटे का वक्त दिया है। उन्होंने ऐलान किया है कि इसके बाद वो पैदल यात्रा की तैयारी करेंगे।
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प्रशांत के पद यात्रा का जवाब पदयात्रा से ? हालांंकि तेजस्वी यादव ने अभी हाल में मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि वो प्रशांत किशोर को नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर कब आते, कब जाते हैं, किससे मिलते हैं, नहीं मिलते हैं। वो क्या करते नहीं करते हैं। इस पर वो ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन यह बात ध्यान देने वाली तो जरूर है कि वो प्रशांत किशोर की चंपारण से 3000 किलो मीटर की पद यात्रा का जवाब पटना से दिल्ली पैदल यात्रा से देने की तैयारी जरूर कर रहे हैं। प्रशांत किशोर की मौजूदगी बिहार के रण में अहम होगी। नीतीश कुमार हो या नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दोनों ही प्रशांत किशोर को इग्नोरेंस करते नजर आ रहे हैं लेकिन कहींं न कहींं दोनों नेताओं की निगाह प्रशांत किशोर के अगले कदम पर जरूर है।
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तेजस्वी ने दिया 5 दिन का वक्त, इतनी हड़बड़ी में क्यों नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपनी पार्टी आरजेडी (RJD) को ‘भूराबाल’ साफ करो से ए टू जेड की पार्टी की ओर ले जाना चाहते हैं। वो भूराबाल साथ करो के सिद्धांत पर चल भी रहे हैं। अपने परंपरागत वोटरों के अलावा वो पिछड़े को भी साधने की तैयारी में हैं। एक तरफ वो मुख्यमंंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं तो वहीं, वो प्रशांत किशोर के लोगों बीच जाने और लोगों से जुड़ने के तरीके को भी अपनाते नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार की विफलताओं का विकल्प बनने प्रशांत किशोर के सफलता के सूत्र दोनों को साधने की रणनीति पर भी काम करते नजर आ रहे हैं।
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पिछड़े और पढ़े लिखों को एक साथ साधने की कोशिश आरजेडी के ही एक नेता ने कहा कि तेजस्वी यादव इस पदयात्रा के जरिए एक साथ कई निशाने साध रहे हैं। एक तरफ जाति आधारित जनगणना से पिछड़ों को साधने की कोशिश है, तो वहीं पद यात्रा से युवाओं और पढ़े लिख वर्ग को ये बताने की कोशिश कि वो युवा जोश के साथ बिहार के रण में डटे रहने वाले नेता हैं। उनके सामान अब आने वाले समय में प्रशांत किशोर चुनौती हो सकते हैं। प्रशांत युवा, सवर्ण और पढ़े लिखे विजनरी वोटरों को अपनी पाले में लाने की कोशिश करेंगे लिहाजा तेजस्वी अपने पिछड़े वोटरों और अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश तो करेंगे।
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प्रशांत तलाश रहे जमीन, तेजस्वी मजबूत करने में जुटे बिहार आरजेडी दफ्तर के बाहर इस तरह की चर्चा आम है कि नीतीश कुमार अब अपनी राजनीतिक पारी के आखिरी चरण में हैं। प्रशांत किशोर हो या तेजस्वी यादव दोनों के लिए संभावना है। जिसका नतीजा है कि प्रशांत किशोर बिहार के रण में अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए पांच महीने बाद ‘जन सुराज’ यात्रा पर निकलने वाले हैं। वहीं तेजस्वी यादव अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने के लिए जाति आधारित जनगणना को लेकर पदयात्रा की तैयारी में हैं। तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को लगभग पांच दिनों का वक्त दिया है। बताते चलें कि तेजस्वी यादव भी जाति आधारित जनगनणा के जरिए बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश में हैं। लिहाजा वो प्रशांत किशोर जैसे ही हथकंडे अपनाते नजर आ रह हैं।
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Web Title : why is tejashwi yadav so worried about prashant kishor? traveling in such a hurry… know inside story Hindi News from Navbharat Times, TIL Network
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