हेलीकॉप्टर से दतिया पहुंचे सीएम योगी, सत्ता की देवी मां पीताम्बरा का है खास महत्व, जानें पां. नेहरू ने यहां क्यों कराया था हवन | UP CM Yogi adityanath reached at pitambara peeth datia | Patrika News

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हेलीकॉप्टर से दतिया पहुंचे सीएम योगी, सत्ता की देवी मां पीताम्बरा का है खास महत्व, जानें पां. नेहरू ने यहां क्यों कराया था हवन | UP CM Yogi adityanath reached at pitambara peeth datia | Patrika News

हेलीकॉप्टर से दतिया पहुंचे सीएम योगी, सत्ता की देवी मां पीताम्बरा का है खास महत्व, जानें पां. नेहरू ने यहां क्यों कराया था हवन | UP CM Yogi adityanath reached at pitambara peeth datia | Patrika News

पिछले वर्ष भी पूजा करने दतिया गए थे सीएम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath) पिछले वर्ष भी दतिया मां के दर्शन करने गए थे। सीएम योगी ने पीताम्बरा पीठ(pitambara peeth datia) में माता बगलामुखी(Bangalamukhi) के दर्शन किए थे। मंदिर को लेकर मान्यता है कि मां के आर्शीवाद से सत्ता का रास्ता आसान हो जाता है। मंदिर में कई राजनेताओं यहां तक ब्यूरोक्रेट्स का आना जाना लगा रहता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath) पहले व्यक्ति नहीं हैं, जो सत्ता की देवी की आराधना करने आए हैं। यहां मां के दर्शन करने आने का दौरा पं. जवाहरलाल नेहरू के समय से चला आ रहा है। उनके बाद इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत कई हस्तियां पूजा-अर्चना करने यहां आती थीं।

शत्रुओं का सफाया करती है धूमावती दतिया के पीताम्बरा पीठ() परिसर में ही धूमावती मंदिर है। मान्यता है कि मां धूमावती की साधना करने वाले को दुश्मन नष्ट हो जाते हैं। लड़ाई-झगड़े, कोर्ट कचहरी में विजय के लिए मां धूमावती की साधना की जाती है। माना जाता है कि बगलामुखी के साथ ही धूमावती की साधना से शत्रु मिट जाते हैं, इसलिए दतिया के पीताम्बरा पीठ में मां बगलामुखी के साथ ही मां धूमावती की भी स्थापना की गई है जो दुनिया में अपने आप में अकेला स्थान है।

नेहरूजी ने कराया था हवन मां से जुडा हुए एक किस्सा 1962 में भारत-चीन युद्ध ( india china war in 1962 ) के वक्त का भी है, जब देश के प्रधानमंत्री रहते हुए पं. जवाहरलाल नेहरू ( 1st Prime Minister of India ) ने भी युद्ध को टालने के लिए हवन-यज्ञ करवाया था। यह हवन यज्ञ मध्यप्रदेश में हुआ था।

यहां हुआ था यज्ञ 1962 में जब चाइना ( china ) ने हिन्दुस्तान पर आक्रमण कर दिया था, उस समय प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ( jawaharlal nehru ) ने पूजा पाठ की इच्छा जाहिर की। तो दतिया जिले के पीताम्बरा पीठ ( pitambara peeth ) के महाराज ने ही उन्हें यज्ञ करवाने की बात कही। इसके बाद शक्तिपीठ में 51 कुंडीय यज्ञ किया गया। लगातार यज्ञ चलता रहा। अंतिम दिन जैसे ही पूर्णाहूति हुई, उसी समय नेहरूजी का संदेश आया कि चीन ने युद्ध रोक दिया है। मध्य प्रदेश के दतिया जिले के मां पीतांबरा पीठ में आज भी वो यज्ञ शाला मौजूद हैं, जहां पूर्णाहूति दी गई थी। इसी के बाद से बड़ी-बड़ी हस्तियों ने यहां तंत्र पूजा करवाना शुरू कर दिया। पंडित नेहरू के बाद इंदिरा गांधी से लेकर कई प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसी हस्तियों की आस्था इस मंदिर से जुड़ गई।

ये भी पढ़ें: गर्मी की छुट्टियों में बचे हैं कम दिन शूरू करें तैयारी, जानें कब से कब तक बंद रहेंगे स्कूल इस जिले में है बगलामुखी शक्तिपीठ मध्यप्रदेश के शाजापुर के नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी शक्तिपीठ में भी लोगों की गहरी आस्था है। यहां हर साल नवरात्र में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। तंत्र साधना करने वाले यहां धुनी जमाए रहते हैं। माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर इस मंदिर की स्थापना युधिष्ठिर ने की थी। उसके बाद सभी पांडवों ने यहां तंत्र अनुष्ठान किया था। इसके बाद ही उन्हें महाभारत के युद्ध में विजय मिली। मां दुर्गा का एक रूप महाकाली भी है, जिसे संहार करने वाली देवी कहा जाता है। मान्यता है कि देवी काली को संकटनाश, सुरक्षा, विघ्ननिवारण, शत्रु संहारक के साथ ही सुरक्षा करने वाली देवी भी कहा जाता है। महाकाली की आराधना करने वाले साधकों को शत्रुओं पर विजय मिलती है।
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