Gurugram Vaccination: देश से गया नहीं कोरोना, फिर भी बूस्टर डोज लगवाने से लोग कर रहे परहेज, जानिए क्या है कारण h3>
गुरुग्राम: कोरोना अभी गया नहीं है। अमेरिका में मिले नए वेरिएंट (Covid Variant) और पड़ोसी देश चीन का हाल जानने के बाद भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं और फ्री में लग रही बूस्टर डोज (Free Booster Dose In Gurugram) लगवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। फ्री बूस्टर डोज शुरू हुए दो दिन हो गए हैं और अब तक केवल 4740 लोग ही इसे लगवाने केंद्रों पर पहुंचे। इनमें 18 से 50 साल के 3171 लेागों ने बूस्टर डोज लगवाई। काफी लोग सरकारी केंद्रों पर जाने के बजाय प्राइवेट हॉस्पिटल में रुपये देकर वैक्सीन डोज लगवा रहे हैं।
गंभीर रूप से बीमार न पड़ने के कारण नहीं लगवा रहे बूस्टर डोज
कई लोगों का मानना है कि चौथी लहर में कोई बहुत गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ रहा इसलिए फ्री की बूस्टर डोज से भी ऐसे लोग उदासीन बने हुए हैं। कई का कहना है कि अभी गर्मी बहुत पड़ रही है, हो सकता है बाद में टीकाकरण रफ्तार पकड़े। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि आने वाले दिनों में वैक्सीनेशन अभियान जोर पकड़ेगा। पहले सरकार की ओर केवल हेल्थ वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर व 60 साल से अधिक उम्र के बीमार बुजुर्गों को ही बूस्टर डोज फ्री में लगाई जा रही थी, लेकिन बुधवार से 18 से 59 साल के व्यस्कों को सरकारी केंद्रों पर बूस्टर डोज भी फ्री कर दी गई। फिर भी लोग वैक्सीन की बूस्टर डोज को लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे है।
डॉक्टर्स का कहना है कि लोग बूस्टर डोज लगवाने के लापरवाही नहीं बरतें, संक्रमण से बचने के लिए यह बेहद जरूरी है। 5 अगस्त से पहले जिन लोगों को दूसरी डोज जिस केंद्र पर लगी थी, वहीं पर उन्हें बूस्टर डोज का टीका लगाए जाने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग ने करना शुरू कर दी है।
बढ़ाई जाएगी केंद्रों की संख्या
सिविल सर्जन डॉ़ वीरेंद्र यादव ने बताया कि बूस्टर डोज अभियान को गति देने के लिए प्लानिंग कर ली गई है। सभी मेडिकल ऑफिसर को आदेश दिए गए हैं कि वे 5 अगस्त से पहले जिन लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है उनको बूस्टर डोज लगवाने के लिए प्रेरित करें। लोगों को दिक्कत नहीं हो इसके लिए उन्होंने जिन जगहों पर दूसरी डोज लगवाई थी, वहीं पर फिर से कैंप लगाकर बूस्टर डोज का टीका लगाए जाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है।
डॉक्टर्स बोले-इसलिए जरूरी है बूस्टर डोज
नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में पदस्थ डॉ. तुषार तयाल ने कहा कि कोरोना वायरस का कोई स्थाई इलाज नहीं है। संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन को काफी असरदार माना जा रहा है। अब तक कोविड-19 वैक्सीन गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने व मृत्यु जोखिम को कम करने में प्रभावी रही है। बूस्टर डोज न केवल इम्युनिटी को बढ़ाती है, बल्कि ओमीक्रोन जैसे वेरिएंट के खिलाफ भी शरीर को लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। जिन लोगों की बूस्टर डोज ड्यू हो गई है उनको जरूर लगवानी चाहिए।
सिविल सर्जन डॉ़ वीरेंद्र यादव ने कहा कि तीसरी लहर (Corona Third Wave) आने तक काफी लोग वैक्सीनेटेड हो चुके थे, जिसके चलते दूसरी लहर के मुकाबले कम लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी और मौतें भी कम हुईं। कोरोना वायरस है जो अपना रूप बदल सकता है। कोरोना से वैक्सीन व मास्क ही बचा सकते हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद इम्युनिटी मजबूत होगी। ऐसे में अगर व्यक्ति संक्रमित होगा तो उस पर संक्रमण का प्रभाव कम होगा। इस समय बूस्टर डोज लगवाना बेहद जरूरी है।
मेदांता हॉस्पिटल में डायरेक्टर डॉ़ बोर्नाली दत्ता ने कहा कि कोरोना से मुकाबले के लिए जरूरी है कि शरीर में इम्युनिटी को स्ट्रॉंग रखा जाए। कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का असर 6 माह बाद कम होने लगता है, ऐसे में जरूरी है कि लोगों को बूस्टर डोज लगवानी चाहिए, ताकि डोज लेते ही फिर से शरीर में इम्युनिटी का लेवल ठीक हो सके। टीका लगने के बाद अगर संक्रमित हो भी जाते हैं तो माइल्ड इन्फेक्शन होगा, जो जल्द ही खत्म हो जाएगा।
वैक्सीन लगवाने वाले बोले-
अजीत सिंह ने कहा कि बूस्टर डोज लगवाने को लेकर काफी उत्साह था। सरकारी केंद्रों पर बूस्टर डोज लगने की शुरुआत होते ही टीका लगवा लिया था। दो दिन बीतने के बाद कोई दिक्कत नहीं हुई। इस बात की बेफिक्री है कि कोरोना से सुरक्षा का घेरा फिर से मिल गया है।
पूजा ने कहा कि कोरोना से डर कर नहीं लड़कर मुकाबला करना है। वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवा ली है और कोई दिक्कत नहीं हुई। अब तो न ज्यादा दर्द हुआ और तबीयत भी खराब नहीं हुई। लोगों को चाहिए कि वह बूस्टर डोज लगवा अपने साथ दूसरों को भी प्रेरित करें।
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कई लोगों का मानना है कि चौथी लहर में कोई बहुत गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ रहा इसलिए फ्री की बूस्टर डोज से भी ऐसे लोग उदासीन बने हुए हैं। कई का कहना है कि अभी गर्मी बहुत पड़ रही है, हो सकता है बाद में टीकाकरण रफ्तार पकड़े। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि आने वाले दिनों में वैक्सीनेशन अभियान जोर पकड़ेगा। पहले सरकार की ओर केवल हेल्थ वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर व 60 साल से अधिक उम्र के बीमार बुजुर्गों को ही बूस्टर डोज फ्री में लगाई जा रही थी, लेकिन बुधवार से 18 से 59 साल के व्यस्कों को सरकारी केंद्रों पर बूस्टर डोज भी फ्री कर दी गई। फिर भी लोग वैक्सीन की बूस्टर डोज को लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे है।
डॉक्टर्स का कहना है कि लोग बूस्टर डोज लगवाने के लापरवाही नहीं बरतें, संक्रमण से बचने के लिए यह बेहद जरूरी है। 5 अगस्त से पहले जिन लोगों को दूसरी डोज जिस केंद्र पर लगी थी, वहीं पर उन्हें बूस्टर डोज का टीका लगाए जाने की तैयारी स्वास्थ्य विभाग ने करना शुरू कर दी है।
बढ़ाई जाएगी केंद्रों की संख्या
सिविल सर्जन डॉ़ वीरेंद्र यादव ने बताया कि बूस्टर डोज अभियान को गति देने के लिए प्लानिंग कर ली गई है। सभी मेडिकल ऑफिसर को आदेश दिए गए हैं कि वे 5 अगस्त से पहले जिन लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है उनको बूस्टर डोज लगवाने के लिए प्रेरित करें। लोगों को दिक्कत नहीं हो इसके लिए उन्होंने जिन जगहों पर दूसरी डोज लगवाई थी, वहीं पर फिर से कैंप लगाकर बूस्टर डोज का टीका लगाए जाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है।
डॉक्टर्स बोले-इसलिए जरूरी है बूस्टर डोज
नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में पदस्थ डॉ. तुषार तयाल ने कहा कि कोरोना वायरस का कोई स्थाई इलाज नहीं है। संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन को काफी असरदार माना जा रहा है। अब तक कोविड-19 वैक्सीन गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने व मृत्यु जोखिम को कम करने में प्रभावी रही है। बूस्टर डोज न केवल इम्युनिटी को बढ़ाती है, बल्कि ओमीक्रोन जैसे वेरिएंट के खिलाफ भी शरीर को लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। जिन लोगों की बूस्टर डोज ड्यू हो गई है उनको जरूर लगवानी चाहिए।
सिविल सर्जन डॉ़ वीरेंद्र यादव ने कहा कि तीसरी लहर (Corona Third Wave) आने तक काफी लोग वैक्सीनेटेड हो चुके थे, जिसके चलते दूसरी लहर के मुकाबले कम लोगों को हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ी और मौतें भी कम हुईं। कोरोना वायरस है जो अपना रूप बदल सकता है। कोरोना से वैक्सीन व मास्क ही बचा सकते हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद इम्युनिटी मजबूत होगी। ऐसे में अगर व्यक्ति संक्रमित होगा तो उस पर संक्रमण का प्रभाव कम होगा। इस समय बूस्टर डोज लगवाना बेहद जरूरी है।
मेदांता हॉस्पिटल में डायरेक्टर डॉ़ बोर्नाली दत्ता ने कहा कि कोरोना से मुकाबले के लिए जरूरी है कि शरीर में इम्युनिटी को स्ट्रॉंग रखा जाए। कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का असर 6 माह बाद कम होने लगता है, ऐसे में जरूरी है कि लोगों को बूस्टर डोज लगवानी चाहिए, ताकि डोज लेते ही फिर से शरीर में इम्युनिटी का लेवल ठीक हो सके। टीका लगने के बाद अगर संक्रमित हो भी जाते हैं तो माइल्ड इन्फेक्शन होगा, जो जल्द ही खत्म हो जाएगा।
वैक्सीन लगवाने वाले बोले-
अजीत सिंह ने कहा कि बूस्टर डोज लगवाने को लेकर काफी उत्साह था। सरकारी केंद्रों पर बूस्टर डोज लगने की शुरुआत होते ही टीका लगवा लिया था। दो दिन बीतने के बाद कोई दिक्कत नहीं हुई। इस बात की बेफिक्री है कि कोरोना से सुरक्षा का घेरा फिर से मिल गया है।
पूजा ने कहा कि कोरोना से डर कर नहीं लड़कर मुकाबला करना है। वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवा ली है और कोई दिक्कत नहीं हुई। अब तो न ज्यादा दर्द हुआ और तबीयत भी खराब नहीं हुई। लोगों को चाहिए कि वह बूस्टर डोज लगवा अपने साथ दूसरों को भी प्रेरित करें।