अन्नदाताओं की बेहतरी के लिए तीन दोस्तों ने छोड़ी लाखों की नौकरी | Three friends left jobs worth lakhs for the betterment of the donors | Patrika News h3>
कई बैंकों में मैनेजर पदों पर रहे जयपुर के अभिषेक शर्मा और फाइनेंस कंपनी के मैनेजर रहे मंजीत सिंह ने ‘कृषि मूल्य’ (Krishi mulya) नाम से एग्रीकल्चर स्टार्टअप (Agriculture Startup) बनाया। इसमें कटाई से पहले की आवश्यकताओं के लिए गुणवत्ता युक्त उत्पाद उगाने में किसानों का सहयोग कर रहे हैं। अभिषेक शर्मा ने कहा कि उन्होंने एक ऐप बनाकर किसानों को मिट्टी का परीक्षण कराने पर मात्र 48 घंटे में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ भी दे रहे हैं। इससे किसानों को अपनी जमीन की मिट्टी की उर्वरकता का पता चलता है और वे बेहतर उत्पादन कर सकते हैं। अब तक एक हजार से ज्यादा किसानों ने मृदा परीक्षण करा इसका लाभ उठाया। इससे किसानों को करीब 10 प्रतिशत खर्चे में कमी भी आई। वहीं फूड प्रोसेसिंग जॉब से जुड़े अमित सैनी ने कहा कि वे किसानों को खाद, बीज, उर्वरक और क्रॉप संबंधी एडवायजरी भी दे रहे हैं। वहीं ऐप के जरिए टै्रक्टर के लिए फाइनेंस और खेती के बीमा की सुविधा भी दी जा रही है।
200 में से टॉप 12 स्टार्टअप में चुने गए
अमित सैनी ने कहा कि कोरोना काल में जनवरी 2021 में शुरू करने के बाद हमारे स्टार्टअप को बेहद कम समय में राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (National Institute of Agricultural Marketing) (एनआईएएम) की ओर से स्टार्टअप इनक्यूबेशन प्रोग्राम के तहत चुना गया है। ‘कृषि मूल्य’ को 200 में से टॉप 12 स्टार्टअप में चुना गया। स्टार्टअप इंडिया और सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग (डीओआईटी) में भी यह कंपनी पंजीकृत है।
खाली पड़ी खेती की जमीन को उर्वरक करने का लक्ष्य
अभिषेक शर्मा ने कहा कि वे किसानों की खाली पड़ी जमीन की उर्वरकता जांच कर उसमें पानी का पौंड लगाने, उनका उत्पादन बढ़ाने में भी सहयोग कर रहे हैं। इससे किसानों की कमाई बढ़ रही है।
ड्रोन से खेती की मॉनिटरिंग का लक्ष्य
मंजीत सिंह ने कहा कि किसानों को बेहतर उत्पादन के लिए ड्रोन से पेस्टिसाइड का छिड़काव, उनकी लैंड के डिजिटल रिकॉर्ड और फसल मॉनिटरिंग करने का भी लक्ष्य है। इससे किसानों को फसल की पूरी निगरानी का मौका मिलेगा और वे बेहतर उत्पादन कर सकेंगे।
किसानों को दे रहे नियमित प्रशिक्षण
कृषि मूल्य की ओर से मासिक महिला किसान संवाद, साप्ताहिक किसान संवाद जैसे कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को अपनी फसल की उचित खेती के संबंध में नियमित प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहे हैं। कंपनी ने अब तक राजस्थान में 130 से अधिक कृषि सहयोगियों का चैनल नेटवर्क विकसित किया है।
कई बैंकों में मैनेजर पदों पर रहे जयपुर के अभिषेक शर्मा और फाइनेंस कंपनी के मैनेजर रहे मंजीत सिंह ने ‘कृषि मूल्य’ (Krishi mulya) नाम से एग्रीकल्चर स्टार्टअप (Agriculture Startup) बनाया। इसमें कटाई से पहले की आवश्यकताओं के लिए गुणवत्ता युक्त उत्पाद उगाने में किसानों का सहयोग कर रहे हैं। अभिषेक शर्मा ने कहा कि उन्होंने एक ऐप बनाकर किसानों को मिट्टी का परीक्षण कराने पर मात्र 48 घंटे में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ भी दे रहे हैं। इससे किसानों को अपनी जमीन की मिट्टी की उर्वरकता का पता चलता है और वे बेहतर उत्पादन कर सकते हैं। अब तक एक हजार से ज्यादा किसानों ने मृदा परीक्षण करा इसका लाभ उठाया। इससे किसानों को करीब 10 प्रतिशत खर्चे में कमी भी आई। वहीं फूड प्रोसेसिंग जॉब से जुड़े अमित सैनी ने कहा कि वे किसानों को खाद, बीज, उर्वरक और क्रॉप संबंधी एडवायजरी भी दे रहे हैं। वहीं ऐप के जरिए टै्रक्टर के लिए फाइनेंस और खेती के बीमा की सुविधा भी दी जा रही है।
200 में से टॉप 12 स्टार्टअप में चुने गए
अमित सैनी ने कहा कि कोरोना काल में जनवरी 2021 में शुरू करने के बाद हमारे स्टार्टअप को बेहद कम समय में राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (National Institute of Agricultural Marketing) (एनआईएएम) की ओर से स्टार्टअप इनक्यूबेशन प्रोग्राम के तहत चुना गया है। ‘कृषि मूल्य’ को 200 में से टॉप 12 स्टार्टअप में चुना गया। स्टार्टअप इंडिया और सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग (डीओआईटी) में भी यह कंपनी पंजीकृत है।
खाली पड़ी खेती की जमीन को उर्वरक करने का लक्ष्य
अभिषेक शर्मा ने कहा कि वे किसानों की खाली पड़ी जमीन की उर्वरकता जांच कर उसमें पानी का पौंड लगाने, उनका उत्पादन बढ़ाने में भी सहयोग कर रहे हैं। इससे किसानों की कमाई बढ़ रही है।
ड्रोन से खेती की मॉनिटरिंग का लक्ष्य
मंजीत सिंह ने कहा कि किसानों को बेहतर उत्पादन के लिए ड्रोन से पेस्टिसाइड का छिड़काव, उनकी लैंड के डिजिटल रिकॉर्ड और फसल मॉनिटरिंग करने का भी लक्ष्य है। इससे किसानों को फसल की पूरी निगरानी का मौका मिलेगा और वे बेहतर उत्पादन कर सकेंगे।
किसानों को दे रहे नियमित प्रशिक्षण
कृषि मूल्य की ओर से मासिक महिला किसान संवाद, साप्ताहिक किसान संवाद जैसे कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को अपनी फसल की उचित खेती के संबंध में नियमित प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहे हैं। कंपनी ने अब तक राजस्थान में 130 से अधिक कृषि सहयोगियों का चैनल नेटवर्क विकसित किया है।