संघ की तर्ज पर चलती नजर आई भाजपा… भव्य मंच पर सिर्फ तीन नेता, कई बड़े नेता दिखे कोने मे | BJP was seen running on the lines of the Sangh | Patrika News

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संघ की तर्ज पर चलती नजर आई भाजपा… भव्य मंच पर सिर्फ तीन नेता, कई बड़े नेता दिखे कोने मे | BJP was seen running on the lines of the Sangh | Patrika News

संघ की तर्ज पर चलती नजर आई भाजपा… भव्य मंच पर सिर्फ तीन नेता, कई बड़े नेता दिखे कोने मे | BJP was seen running on the lines of the Sangh | Patrika News

बायपास स्थित अ्बर हॉल में कल वैचारिक प्रबोधन कार्यक्रम रखा गया था, जिस पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सक्षम नेतृत्वसुरक्षित राष्ट्र विषय पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम शाम 4.30 बजे था, जब सूर्यदेव आग बरसा रहे थे। 40 डिग्री तापमान होने के बावजूद शहर के प्रबुद्ध और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में पहुंचे। आयोजन के समय को लेकर ङ्क्षचता सता रही थी कि संख्या पहुंचेगी या नहीं। इसको लेकर नगर भाजपा अध्यक्ष ने दो दिन करीब 250 से अधिक फोन लगाकर व्यक्तिगत बुलावा दिया था।

कार्यक्रम में संघ की तर्ज पर अनुशासन नजर आया। मंच पर सिर्फ तीन कुर्सियां लगाई गई थीं। एक मुख्य वक्ता केंद्रीय मंत्री प्रधान की तो दूसरी कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी उत्सव समिति अध्यक्ष सुमित्रा महाजन व तीसरी सचिव हेमंत खंडेलवाल की थी। कार्यक्रम में आने वाले अतिथियों को विशेष दर्जा देकर आगे बैठाने का प्रयास किया। राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री तुलसीराम सिलावट, मोहन यादव, संभागीय प्रभारी भगवानदास सबनानी, प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती और नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे एक तरफ बैठकर कार्यक्रम सुन रहे थे। कार्यक्रम में पद्मश्री सुशील डोसी, गोकुल उत्सव महाराज, भालू मोंढे, मीर रंजन नेगी सहित कई ख्यात शख्स मौजूद थे। वहीं, करीब आठ विश्वविद्यालयों के कुलपति भी उपस्थित थे।

दूसरा बड़ा आयोजन
गौरतलब है कि छह माह पहले भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष इंदौर आए थे। उस दौरान शहर के प्रबुद्धजन की एक संगोष्ठी रखी गई थी। उसमें भी शहर के कई बड़े नाम शामिल हुए थे। उसके बाद केंद्रीय मंत्री प्रधान का कार्यक्रम था। इसमें कई ऐसे चेहरे भी नजर आए, जो पूर्व में नहीं आए थे। बड़ी बात ये है कि कार्यक्रम में प्रबुद्धजन ज्यादा और भाजपाई कम दिखे। कुछ समय पहले तक होता ये था कि भीड़ जुटाने के लिए भाजपाइयों को इक_ा कर लिया जाता था।

मंत्रमुग्ध कर गए प्रधान
केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कई महत्वपूर्ण ङ्क्षबदुओं को छेड़ा। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा नौकरी के लिए हो गई है, जिसको समझना पड़ेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हम गुलामी की मानसिकता और अंग्रेजों की बनाई व्यवस्था से बाहर हो जाएंगे। शिक्षा प्रणाली के साथ हम लोगों की स्किल को जोड़ नहीं पा रहे हैं। युवा नौकरी के पीछे भाग रहे हैं। हमारे युवा नौकरी करने वाले नहीं देने वाले बनें। इस पर तालियां बजी।

प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषाओं को विशेष महत्व दिया गया है। सभी भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा मानते हैं। ङ्क्षहदी हमारी राजभाषा है। वह महत्वपूर्ण है लेकिन मराठी, गुजराती, तेलुगू, तमिल, कन्नड़, बंगाली सहित अन्य भाषा भी मधुर हैं। जापान व जर्मनी विश्व की बड़ी श?ित हैं। दोनों देशों में अंग्रेजी नहीं बोली जाती। आगे बढऩे के लिए जरूरी नहीं है कि अंग्रेजी आए।



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