दो दोस्तों की मुलाकात, भारत आने का न्योता… पीएम मोदी और मैक्रों के बीच क्या-क्या हुई बातचीत, 10 पॉइंट में जानिए h3>
Modi and Macron Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बुधवार को पेरिस पहुंचे। यहां उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) से मुलाकात की। इस दौरान द्विपक्षीय और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की। यह मीटिंग फ्रांस के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में हुई। इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री का पैलेस में गर्मजोशी से स्वागत किया। तीन यूरोपीय देशों की अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में बुधवार को पीएम मोदी पेरिस पहुंचे। अब वो भारत वापस लौटेंगे। इस मीटिंग पर दुनियाभर की नजरें थीं। रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के साये में यह बैठक हुई। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण थी क्योंकि पीएम मोदी के पेरिस पहुंचने से एक दिन पहले मैक्रों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की थी। आइए, यहां जानते हैं कि दोनों की इस मीटिंग में किन-किन मसलों पर बातचीत हुई।
1. भारत आने का दिया न्योता
मीटिंग के बाद विदेश सचिव विनय क्वात्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को जल्द से जल्द भारत आने का न्योता दिया है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी इस यात्रा के दौरान अपने फ्रांसीसी समकक्ष ज्यां-यवेस ले ड्रियन से मुलाकात की।
2. यूक्रेन-रूस युद्ध पर चर्चा
इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया।
3. रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस की अपनी संक्षिप्त यात्रा के दौरान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। इसमें भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा ताकत और सफलता को बढ़ाने की बात भी हुई।
4. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग का जिक्र
दोनों नेताओं ने रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु सहयोग और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी प्रमुख क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की। भारत और फ्रांस ने माना कि वो एक दूसरे को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख साझेदार के रूप में देखते हैं।
5. यूक्रेन पर भारत के स्टैंड को फ्रांस ने समझा
भारत और फ्रांस में यूक्रेन के संबंध में एक दूसरे की स्थिति के बारे में व्यापक समझ थी। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि निकट समन्वय और जुड़ाव महत्वपूर्ण है ताकि भारत और फ्रांस दोनों ही उभरती स्थिति में रचनात्मक भूमिका निभा सकें। (
6. जारी रहेगा मुलाकात का दौर
दोनों देशों माना कि मुलाकात का दौर जारी रहना चाहिए। यह मुलाकात भारत-फ्रांस की दोस्ती को और गति देगी।
7. अच्छे माहौल में मिले मोदी-मैक्रों
राष्ट्रपति मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत बेहद अच्छे माहौल में हुई। दोनों देशों के नेताओं ने खुलकर एक-दूसरे से अपनी बातें रखीं।
8. दो दोस्तों की मुलाकात बताया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘दो दोस्तों की मुलाकात। यह नया जनादेश प्राप्त कर आए इमैनुअल मैक्रों को भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को नई गति देने का अवसर प्रदान करता है।’
9. पीएमओ ने शेयर की गले मिलते हुए तस्वीर
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मोदी और मैक्रों की एक दूसरे से गले लगने की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने पेरिस में मुलाकात की। यह मुलाकात भारत-फ्रांस की दोस्ती को और गति देगी।’
10. पहले ही तय था यूक्रेन संकट का होगा जिक्र
मोदी की यह यात्रा यूक्रेन संकट के बीच हुई। इस संकट ने रूस के खिलाफ यूरोप को अधिक एकजुट किया है। पहले से उम्मीद थी कि दोनों नेता इस बात पर चर्चा कर सकते हैं कि यूक्रेन में शत्रुता की समाप्ति कैसे सुनिश्चित की जाए। कैसे इस संघर्ष के वैश्विक आर्थिक परिणामों को कम किया जाए। मंगलवार को एक बयान में मैक्रों ने रूस से इस विनाशकारी आक्रमण को समाप्त करके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने का आग्रह किया था।
मीटिंग के बाद विदेश सचिव विनय क्वात्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को जल्द से जल्द भारत आने का न्योता दिया है। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी इस यात्रा के दौरान अपने फ्रांसीसी समकक्ष ज्यां-यवेस ले ड्रियन से मुलाकात की।
2. यूक्रेन-रूस युद्ध पर चर्चा
इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया।
3. रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस की अपनी संक्षिप्त यात्रा के दौरान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के कई मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। इसमें भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा ताकत और सफलता को बढ़ाने की बात भी हुई।
4. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग का जिक्र
दोनों नेताओं ने रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु सहयोग और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी प्रमुख क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की। भारत और फ्रांस ने माना कि वो एक दूसरे को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख साझेदार के रूप में देखते हैं।
5. यूक्रेन पर भारत के स्टैंड को फ्रांस ने समझा
भारत और फ्रांस में यूक्रेन के संबंध में एक दूसरे की स्थिति के बारे में व्यापक समझ थी। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि निकट समन्वय और जुड़ाव महत्वपूर्ण है ताकि भारत और फ्रांस दोनों ही उभरती स्थिति में रचनात्मक भूमिका निभा सकें। (
6. जारी रहेगा मुलाकात का दौर
दोनों देशों माना कि मुलाकात का दौर जारी रहना चाहिए। यह मुलाकात भारत-फ्रांस की दोस्ती को और गति देगी।
7. अच्छे माहौल में मिले मोदी-मैक्रों
राष्ट्रपति मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत बेहद अच्छे माहौल में हुई। दोनों देशों के नेताओं ने खुलकर एक-दूसरे से अपनी बातें रखीं।
8. दो दोस्तों की मुलाकात बताया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘दो दोस्तों की मुलाकात। यह नया जनादेश प्राप्त कर आए इमैनुअल मैक्रों को भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को नई गति देने का अवसर प्रदान करता है।’
9. पीएमओ ने शेयर की गले मिलते हुए तस्वीर
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मोदी और मैक्रों की एक दूसरे से गले लगने की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने पेरिस में मुलाकात की। यह मुलाकात भारत-फ्रांस की दोस्ती को और गति देगी।’
10. पहले ही तय था यूक्रेन संकट का होगा जिक्र
मोदी की यह यात्रा यूक्रेन संकट के बीच हुई। इस संकट ने रूस के खिलाफ यूरोप को अधिक एकजुट किया है। पहले से उम्मीद थी कि दोनों नेता इस बात पर चर्चा कर सकते हैं कि यूक्रेन में शत्रुता की समाप्ति कैसे सुनिश्चित की जाए। कैसे इस संघर्ष के वैश्विक आर्थिक परिणामों को कम किया जाए। मंगलवार को एक बयान में मैक्रों ने रूस से इस विनाशकारी आक्रमण को समाप्त करके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के तौर पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने का आग्रह किया था।