Shashank Singh Exclusive interview: चार साल बेंच पर इंतजार, तीन साल में दो टीम बदली, अब बना SRH स्टार

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Shashank Singh Exclusive interview: चार साल बेंच पर इंतजार, तीन साल में दो टीम बदली, अब बना SRH स्टार


Shashank Singh Exclusive interview: चार साल बेंच पर इंतजार, तीन साल में दो टीम बदली, अब बना SRH स्टार

नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग मंच है, छोटे शहर के बड़े खिलाड़ियों का। एक ऐसा स्टेज जो मौका देता है, अपना टैलेंट दिखाने का। इंटरनेशनल क्रिकेट में छा जाने का। छत्तीसगढ़ राज्य वैसे तो अपनी कई खूबियों के लिए देश में पहचाना जाता है, लेकिन इस सीजन आईपीएल मैप पर उसे पहचान दिला रहे हैं शशांक सिंह, सनराइजर्स हैदराबाद के इस बैटिंग ऑलराउंडर ने नवभारतटाइम्स ऑनलाइन से खास बातचीत में अपने सफर के बारे में बताया। छोटे और बड़े शहर के खिलाड़ियों में अंतर समझाया। लॉकी फर्ग्यूसन को लगातार तीन छक्के लगाने की कहानी बताई। ब्रायन लारा के साथ अपनी बॉन्डिंग की कहानी शेयर की और धोनी की टिप्स का भी जिक्र किया।

मुंबई में जन्म छत्तीसगढ़ से डोमेस्टिक क्रिकेट

आईपीएल में डेब्यू करने से पहले शशांक ने नौ फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं। पिता आईपीएस ऑफिसर हैं जो एमपी के भोपाल में पोस्टेड हैं। मां हाउस वाइफ हैं और बहन की शादी हो चुकी। नौकरी के सिलसिले में जब पिता मुंबई में थे, तब शशांक का जन्म हुआ। मूलत: उनका परिवार छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला है। शशांक ने मुंबई में ही अपने करियर की शुरुआत की। बाद में मौकों की तलाश में 2019 से छत्तीसगढ़ की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने लगे।

फर्ग्यूसन पर लगातार तीन छक्के का वीडियो

दो मैच के बाद तीसरे मुकाबले में शशांक सिंह को आउट ऑफ फॉर्म चल रहे अब्दुल समद की जगह प्लेइंग इलेवन में मौका मिला। गुजरात टाइंटस के खिलाफ यह मैच 27 अप्रैल को हुआ था। और अपने करियर के पहले ही मैच में 30 साल के शशांक ने बवाल कर दिया। सातवें नंबर पर बैटिंग का मौका मिला जहां उन्होंने दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज में से एक लॉकी फर्ग्यूसन को कूट दिया। एक के बाद एक लगातार तीन छक्के उड़ाए। उस मैच को याद करते हुए शशांक खुद को भाग्यशाली मानते हैं। शशांक की माने तो वह गेंद को बाउंड्री पार करने के लिए तैयार थे और जैसे ही बॉल उनके स्लॉट में आई उन्होंने घूमा दिया, लेकिन गेंद बल्ले के बीच में चढ़ी यह उनकी खुशकिस्मती थी।

मैं खुशकिस्मत हूं कि लारा सर जैसा मेंटॉर मुझे मिला। वह लगातार मुझे मोटिवेट करते हैं। नेट्स पर प्रैक्टिस करवाते है। अभ्यास के लिए नई गेंद देते हैं। उनका सिंपल सा मंत्र था कि मैं अपने नेचुरल गेम में स्टिक रहूं। मैंने यही किया। डेब्यू से एक दिन पहले ही मुझे हिंट मिलने शुरू हो चुके थे कि मैं खेलने वाला हूं। दबाव तो रहता ही है, लेकिन मजा भी खूब आ रहा था। मैंने उस लम्हें को एन्जॉय करना चाहा और रिजल्ट आप सबके सामने है।

शशांक सिंह

चार साल से कर रहे थे बारी का इंतजार
ये साल 2018 का दौर था। जब दिल्ली डेयरडेविल्स (कैपिटल्स) ने उन्हें सबसे पहले अपनी टीम में रखा, लेकिन बिना मौके दिए ही रिलीज भी कर दिया था। अगले साल वह राजस्थान रॉयल्स के लिए 30 लाख रुपये में चुने गए। 2020 में भी उन्हें टीम ने रिटेन किया, लेकिन खेलने का मौका कभी नहीं मिला। तब तक शशांक सिंह की पहचान मुंबई के प्लेयर की थी। 2021 में वह अनसोल्ड ही रहे, लेकिन चार साल इंतजार और तीन टीम बदलने के बाद आखिरकार उन्हें इस बार डेब्यू का मौका मिल ही गया।



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