सावधानः कम उम्र में बढ़ गए हार्ट के मरीज, यह है प्रमुख कारण | heart attack early age – Symptoms and causes | Patrika News h3>
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमित रहे लोगों में ऐसी समस्या ज्यादा है। कुछ मामले ऐसे हैं, जिनमें पहले से दिल की बीमारी थी और कोरोना के बाद समस्या ज्यादा हो गई। राहत की बात यह है कि इन हालात के बीच दिनचर्या में बदलाव और व्यायाम से स्वस्थ रहा जा सकता है।
सरकारी व निजी अस्पतालों में आए मरीज सीने में दर्द, धड़कन बढऩा, जी मचलाना, सांस फूलना जैसी शिकायत लेकर आते हैं। जांच में पता चलता है की वे दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. एडी भटनागर का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद ह्रदय रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। ऐसा इसलिए भी हुआ है, क्योंकि बड़ी आबादी संक्रमित हुई थी। वायरस के दुष्प्रभाव में दिल की बीमारियां भी हैं।
यह भी पढ़ेंः कम उम्र में आ रहे हार्ट अटैक के मामले, यह है पांच प्रमुख कारण
ऐसे बचें
- खानपान, सोने-जागने जैसी गतिविधियों को रूटीन में लाएं। यानी हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद लें।
- प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम करें। इससे हार्ट में ब्लड पंप सही तरीके से होता है।
- ड्रग्स, एल्कोहल, स्मोकिंग न करें।
- हार्ट का रूटीन चेकअप कराते रहें।
इन लक्षणों पर ध्यान दें
डॉक्टरों का कहना है कि दिल का दौरा पड़ने का प्रमुख लक्षण सीने में तेज दर्द होना है। धमनियों में रुकावट आने से खून दिल तक नहीं पहुंच पाता, इसीलिए सीने में तेज दर्द होता है। हालांकि कभीकभी दर्द नहीं होता, इसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता। इसके अलावा सीने में जकड़न, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द, ठंडा पसीना, जी मचलाना, सांसों की कमी और थकान मुख्य लक्षण हैं।
बन रहे खून के थक्के
डॉक्टर के मुताबिक, कोरोना पीड़ितों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। ऐसे मरीजों की रक्तवाहिनियों में खून के थक्के बन जाते हैं। खून के थक्कों का पता लगाने के लिए डी डायमर स्तर की जानकारी लेते हैं। खून पतला करने के लिए दवाइयां दी जा रही हैं।
दिल के मामले में तथ्य
देश में हर साल 17 लाख लोगों की मौत दिल से जुड़ी बीमारियों से होती है।
शहर में 12 फीसदी लोग दिल की बीमारियों से ग्रस्त हैं।
40 फीसदी को दिल का दौरा पड़ने के बाद मालूम होता है कि उन्हें ह्रदय रोग की समस्या थी।
कुल 291 ने करवाई जांच
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 22 नवंबर 2021 से कैथ लैब शुरू हुई थी। 5 माह में यहां 291 एंजियोग्राफी हुई है। इनमें से 80 की एंजियोप्लास्टी की गई। इनमें 40 वर्ष उम्र वालों की संख्या करीब 14 प्रतिशत थी। मरीजों में 75 फीसदी पुरुष व 25 फीसदी महिलाएं हैं।
आयु वर्ग
कुल
पुरुष
महिला
प्रतिशत
40 वर्ष तक
33
30
03
11.3
41 से 50 वर्ष
64
47
17
22.0
51 से 60 वर्ष
101
73
28
34.7
61 से 70 वर्ष
70
51
19
24.0
71 से 80 वर्ष
22
18
04
7.5
80 से अधिक
01
01
00
0.34
कुल मरीज आए
291
220
71
–
(सुपर स्पेशियलिटी में पिछले 5 माह के आंकड़े)
डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमित रहे लोगों में ऐसी समस्या ज्यादा है। कुछ मामले ऐसे हैं, जिनमें पहले से दिल की बीमारी थी और कोरोना के बाद समस्या ज्यादा हो गई। राहत की बात यह है कि इन हालात के बीच दिनचर्या में बदलाव और व्यायाम से स्वस्थ रहा जा सकता है।
सरकारी व निजी अस्पतालों में आए मरीज सीने में दर्द, धड़कन बढऩा, जी मचलाना, सांस फूलना जैसी शिकायत लेकर आते हैं। जांच में पता चलता है की वे दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. एडी भटनागर का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद ह्रदय रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। ऐसा इसलिए भी हुआ है, क्योंकि बड़ी आबादी संक्रमित हुई थी। वायरस के दुष्प्रभाव में दिल की बीमारियां भी हैं।
ऐसे बचें
- खानपान, सोने-जागने जैसी गतिविधियों को रूटीन में लाएं। यानी हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद लें।
- प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम करें। इससे हार्ट में ब्लड पंप सही तरीके से होता है।
- ड्रग्स, एल्कोहल, स्मोकिंग न करें।
- हार्ट का रूटीन चेकअप कराते रहें।
इन लक्षणों पर ध्यान दें
डॉक्टरों का कहना है कि दिल का दौरा पड़ने का प्रमुख लक्षण सीने में तेज दर्द होना है। धमनियों में रुकावट आने से खून दिल तक नहीं पहुंच पाता, इसीलिए सीने में तेज दर्द होता है। हालांकि कभीकभी दर्द नहीं होता, इसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता। इसके अलावा सीने में जकड़न, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द, ठंडा पसीना, जी मचलाना, सांसों की कमी और थकान मुख्य लक्षण हैं।
बन रहे खून के थक्के
डॉक्टर के मुताबिक, कोरोना पीड़ितों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। ऐसे मरीजों की रक्तवाहिनियों में खून के थक्के बन जाते हैं। खून के थक्कों का पता लगाने के लिए डी डायमर स्तर की जानकारी लेते हैं। खून पतला करने के लिए दवाइयां दी जा रही हैं।
दिल के मामले में तथ्य
देश में हर साल 17 लाख लोगों की मौत दिल से जुड़ी बीमारियों से होती है।
शहर में 12 फीसदी लोग दिल की बीमारियों से ग्रस्त हैं।
40 फीसदी को दिल का दौरा पड़ने के बाद मालूम होता है कि उन्हें ह्रदय रोग की समस्या थी।
कुल 291 ने करवाई जांच
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 22 नवंबर 2021 से कैथ लैब शुरू हुई थी। 5 माह में यहां 291 एंजियोग्राफी हुई है। इनमें से 80 की एंजियोप्लास्टी की गई। इनमें 40 वर्ष उम्र वालों की संख्या करीब 14 प्रतिशत थी। मरीजों में 75 फीसदी पुरुष व 25 फीसदी महिलाएं हैं।
आयु वर्ग | कुल | पुरुष | महिला | प्रतिशत |
40 वर्ष तक | 33 | 30 | 03 | 11.3 |
41 से 50 वर्ष | 64 | 47 | 17 | 22.0 |
51 से 60 वर्ष | 101 | 73 | 28 | 34.7 |
61 से 70 वर्ष | 70 | 51 | 19 | 24.0 |
71 से 80 वर्ष | 22 | 18 | 04 | 7.5 |
80 से अधिक | 01 | 01 | 00 | 0.34 |
कुल मरीज आए | 291 | 220 | 71 | – |
(सुपर स्पेशियलिटी में पिछले 5 माह के आंकड़े)