सावधान भोपाल : बारिश में जब जमीन में जाएगा पानी तो 400 किमी की सड़कों के धंसने की रहेगी आशंका | Nagar nigam says leakage in hydro testing is normal | Patrika News h3>
इसी के चलते अपने बचाव में निगम का कहना है कि कोलार प्रोजेक्ट के तहत बिछाई नई लाइन की हाइड्रो टेस्टिंग में 1650 एमएम की लाइन लीकेज हुई, जिससे रोड के नीचे पानी जमा हुआ और वह धंस गई।
जिसके बाद निगम इसे पहले की तरह दुरुस्त करने की बात तो कर रहा है, लेकिन इस घटना से जो बड़ा सवाल पैदा हुआ है उसके अनुसार शहर में करीब 200 किमी लंबी पानी की लाइन व इतनी ही सीवेज लाइन बिछाकर किया गया जो रेस्टोरेशन किया गया है उसका क्या होगा?
ऐसे में माना जा रहा है कि जब चूनाभट्टी से शाहपुरा की ओर वाली रोड तो कोलार लाइन के हाइड्रो टेस्टिंग के लीकेज से धंसी है, तो बाकी जगहों पर जब बारिश में पानी जमीन में उतरेगा तो इसकी क्या गारंटी है कि वहां पर रोड नहीं धंसेगी।
इन सवालों के विपरीत निगम अभी तक बाकी रेस्टोरेशन को बिल्कुल सही मानकर ही चल रहा है। गौरतलब है कि करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए से 58 किमी लंबी कोलार की नई पाइप लाइन के साथ शहर के अन्य क्षेत्रों में 140 किमी की फीडर लाइन बिछाई गई है। टाटा प्रोजेक्ट कंपनी ने ये काम किया है और अभी कोलार लाइन की टेस्टिंग चल रही है।
अंदर मिट्टी का भराव, बाहर डामर, कैसे मजबूत होगी रोड
पानी की लाइन के साथ ही सीवेज की लाइन बिछाई गई। करीब 200 किमी लंबाई की पानी की लाइन और इतनी ही लंबाई की सीवेज लाइन भी बिछाई गई। लाइन बिछाने के लिए शहर में 400 किमी के करीब सड़कें खोदी गईं।
पाइप लाइन डालने के बाद जीरा गिट्टी का भराव कर बेस मजबूत करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं की मिट्टी का भराव कर ऊपर दो से तीन इंच का बेस बनाकर डामरीकरण किया गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि किसी कारण से पानी इस खुदाई वाले क्षेत्र से नीचे जमा हुआ तो मिट्टी जमीन में नीचे की ओर धंसेगी, जिससे सड़क का बाहरी यानी ऊपरी हिस्सा भी टूटकर ठीक वैसे ही जमीन में धंस जाएगा, जैसा चूनाभट्टीशाहपुरा रोड पर हुआ है।
20 से अधिक मुख्य सड़कें धंसने की आशंका: कोलार रोड से लेकर सनखेड़ी रोड, जेके अस्पताल से जुड़ी रोड, गुलमोहर रोड, चूनाभट्टी रोड, शाहपुरा के आसपास की सड़कें, मैनिट रोड से लेकर टीला जमालपुरा, नर्मदापुरम रोड, बावड़िया से लेकर मिसरोद तक की सड़कों पर खुदाई और इसी तरह का रेस्टोरेशन हुआ। यहां भी रेस्टोरेशन वैसा ही किया, जैसे चूनाभट्टीशाहपुरा रोड का किया। यानी पानी रोड के नीचे जमा होने पर धंसने की पूरी आशंका है।
400 किमी रोड रेस्टोरेशन की जांच होना चाहिए
रिटायर्ड पीएचई इंजीनियर आरबी राय के अनुसार यदि रेस्टोरेशन के बाद रोड धंसती है तो समझ लेना चाहिए कि पूरा ही रेस्टोरेशन इसी तरह किया गया है। ये जानलेवा साबित हो सकता है। इसे ठेका एजेंसी के भरोसे नहीं छोड़ सकते। ऐसे में एक्सपर्ट्स को टीम बनाकर रेस्टोरेशन वाले पूरे 400 किमी के हिस्से में रेंडमली खुदाई करके यहां रेस्टोरेशन की गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए।
कोलार लाइन की हाइड्रो टेस्टिंग की जा रही थी। उसके ही लीकेज की वजह से रोड धंसी है। फिर से यहां रेस्टोरेशन करवाकर रोड बनवा दी जाएगी। बाकी जगह ऐसी कोई दिक्कत नहीं है।
– रिजू बाफना, अपर आयुक्त, नगर निगम
इसी के चलते अपने बचाव में निगम का कहना है कि कोलार प्रोजेक्ट के तहत बिछाई नई लाइन की हाइड्रो टेस्टिंग में 1650 एमएम की लाइन लीकेज हुई, जिससे रोड के नीचे पानी जमा हुआ और वह धंस गई।
जिसके बाद निगम इसे पहले की तरह दुरुस्त करने की बात तो कर रहा है, लेकिन इस घटना से जो बड़ा सवाल पैदा हुआ है उसके अनुसार शहर में करीब 200 किमी लंबी पानी की लाइन व इतनी ही सीवेज लाइन बिछाकर किया गया जो रेस्टोरेशन किया गया है उसका क्या होगा?
ऐसे में माना जा रहा है कि जब चूनाभट्टी से शाहपुरा की ओर वाली रोड तो कोलार लाइन के हाइड्रो टेस्टिंग के लीकेज से धंसी है, तो बाकी जगहों पर जब बारिश में पानी जमीन में उतरेगा तो इसकी क्या गारंटी है कि वहां पर रोड नहीं धंसेगी।
इन सवालों के विपरीत निगम अभी तक बाकी रेस्टोरेशन को बिल्कुल सही मानकर ही चल रहा है। गौरतलब है कि करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए से 58 किमी लंबी कोलार की नई पाइप लाइन के साथ शहर के अन्य क्षेत्रों में 140 किमी की फीडर लाइन बिछाई गई है। टाटा प्रोजेक्ट कंपनी ने ये काम किया है और अभी कोलार लाइन की टेस्टिंग चल रही है।
अंदर मिट्टी का भराव, बाहर डामर, कैसे मजबूत होगी रोड
पानी की लाइन के साथ ही सीवेज की लाइन बिछाई गई। करीब 200 किमी लंबाई की पानी की लाइन और इतनी ही लंबाई की सीवेज लाइन भी बिछाई गई। लाइन बिछाने के लिए शहर में 400 किमी के करीब सड़कें खोदी गईं।
पाइप लाइन डालने के बाद जीरा गिट्टी का भराव कर बेस मजबूत करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं की मिट्टी का भराव कर ऊपर दो से तीन इंच का बेस बनाकर डामरीकरण किया गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि किसी कारण से पानी इस खुदाई वाले क्षेत्र से नीचे जमा हुआ तो मिट्टी जमीन में नीचे की ओर धंसेगी, जिससे सड़क का बाहरी यानी ऊपरी हिस्सा भी टूटकर ठीक वैसे ही जमीन में धंस जाएगा, जैसा चूनाभट्टीशाहपुरा रोड पर हुआ है।
20 से अधिक मुख्य सड़कें धंसने की आशंका: कोलार रोड से लेकर सनखेड़ी रोड, जेके अस्पताल से जुड़ी रोड, गुलमोहर रोड, चूनाभट्टी रोड, शाहपुरा के आसपास की सड़कें, मैनिट रोड से लेकर टीला जमालपुरा, नर्मदापुरम रोड, बावड़िया से लेकर मिसरोद तक की सड़कों पर खुदाई और इसी तरह का रेस्टोरेशन हुआ। यहां भी रेस्टोरेशन वैसा ही किया, जैसे चूनाभट्टीशाहपुरा रोड का किया। यानी पानी रोड के नीचे जमा होने पर धंसने की पूरी आशंका है।
400 किमी रोड रेस्टोरेशन की जांच होना चाहिए
रिटायर्ड पीएचई इंजीनियर आरबी राय के अनुसार यदि रेस्टोरेशन के बाद रोड धंसती है तो समझ लेना चाहिए कि पूरा ही रेस्टोरेशन इसी तरह किया गया है। ये जानलेवा साबित हो सकता है। इसे ठेका एजेंसी के भरोसे नहीं छोड़ सकते। ऐसे में एक्सपर्ट्स को टीम बनाकर रेस्टोरेशन वाले पूरे 400 किमी के हिस्से में रेंडमली खुदाई करके यहां रेस्टोरेशन की गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए।
कोलार लाइन की हाइड्रो टेस्टिंग की जा रही थी। उसके ही लीकेज की वजह से रोड धंसी है। फिर से यहां रेस्टोरेशन करवाकर रोड बनवा दी जाएगी। बाकी जगह ऐसी कोई दिक्कत नहीं है।
– रिजू बाफना, अपर आयुक्त, नगर निगम