Ghaziabad News: बैडमिंटन कोर्ट में चल रहा गड़बड़ी का ‘खेल’…GDA अफसर और ठेकेदार की सांठगांठ समझिए

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Ghaziabad News: बैडमिंटन कोर्ट में चल रहा गड़बड़ी का ‘खेल’…GDA अफसर और ठेकेदार की सांठगांठ समझिए

Ghaziabad News: बैडमिंटन कोर्ट में चल रहा गड़बड़ी का ‘खेल’…GDA अफसर और ठेकेदार की सांठगांठ समझिए

अखंड प्रताप सिंह, गाजियाबाद : एक तरफ तो जीडीए आर्थिक तंगी का रोना रोता रहता है, वहीं इसके अफसरों की लापरवाही से लाखों रुपये पानी में बह रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि गड़बड़ी का यह खेल एक दो साल नहीं, बल्कि पूरे 5 साल से चल रहा है। दरअसल, जीडीए ने करीब पांच साल पहले शास्त्रीनगर का बैडमिंटन कोर्ट लीज पर ठेकेदार को अलॉट किया था। लीज के एग्रीमेंट के तहत कोर्ट को पूरी तरह से ठेकेदार को चलाना था और उसे जीडीए को एक फिक्स अमाउंट सलाना देना था। इसके बदले कोर्ट से होने वाली कमाई उस ठेकेदार की होनी थी। बैडमिंटन कोर्ट ठेकेदार द्वारा पांच साल से संचालित हो रहा है, लेकिन अभी तक ठेकेदार ने बिजली का कनेक्शन ही नहीं लिया है। इसकी जगह वह जीडीए के शास्त्रीनगर सामुदायिक केंद्र के बगल के पार्क के पंप के लिए गए बिजली कनेक्शन से लाइट खींचकर यहां काम चला रहा है।

जीडीए हर महीने से इस पंप के बिजली बिल का भुगतान करता है। हर महीने करीब 15 हजार रुपये का बिल भरा जाता है, जबकि ठेकेदार लीज के रूप में जीडीए को सालाना 1 से सवा लाख रुपये जमा करवाता है। बताया जा रहा है कि पिछले काफी समय से यह पंप खराब है। इसके बाद भी जीडीए लगातार बिजली के बिल का भुगतान कर रहा है। पांच साल से किसी भी अधिकारी ने यह पता करने की जहमत नहीं उठाई कि बैडमिंटन कोर्ट का संचालन कैसे हो रहा है, जबकि नियम है कि लीज पर दिए जाने के बाद बिजली के बिल का भुगतान ठेकेदार द्वारा किया जाएगा। इतना नहीं जब पंप खराब है तो किसके लिए बिजली के मीटर को रिचार्ज करवाया जा रहा है। लीज पर लेने के बाद कोर्ट में आने वाले खिलाड़ियों से ठेकेदार नियमित रूप से फीस की वसूली करता है।

यदि इस तरह की कोई गड़बड़ी हो रही है। तो उसकी जांच करवाई जाएगी। देखा जाएगा कि यदि जीडीए ने अभी तक बिजली के बिल का भुगतान किया है। तो ठेकेदार से वसूली की जाएगी। साथ ही इस मामले में किस स्तर पर लापरवाही हुई। उसे भी चेक किया जाएगा। जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। बाकी बैडमिंटन कोर्ट में भी बिजली के कनेक्शन की जांच करवाई जाएगी।

बृजेश कुमार, सचिव, जीडीए

मिलीभगत से चलता रहा है खेल
बताया जा रहा है कि बैडमिंटन कोर्ट में बिजली के बिल के भुगतान को लेकर यह खेल मिलीभगत के माध्यम से चलता रहा है। जिसकी वजह से इसकी अभी तक जांच तक नहीं की गई। मोटर खराब होने के बाद भी जीडीए नियमित रूप से बिजली के बिल का भुगतान करता रहा है। पिछले दिनों जीडीए सचिव ने कई बिजली के बिल को लेकर आपत्ति लगाई थी। जिसकी वजह से दो दिन बकाया होने की वजह से बिजली विभाग के अधिकारी इसका कनेक्शन भी काट गए थे।

कोर्ट में इतनी लगी हुई है लाइट
बैडमिंटन कोर्ट में 12 बड़ी लाइटें लगी हुई हैं। इसके बाद करीब आठ पंखे लगे हुए हैं। इसके अलावा दो एग्जॉस्ट फैन भी इस कोर्ट में हैं। बैडमिंटन कोर्ट सुबह 5 बजे से खुलता है और रात के करीब 10 बजे तक चलता रहता है। दोपहर के समय इसे कुछ घंटे के लिए बंद किया जाता है। इस दौरान आने वाले खिलाड़ियों से चार्ज लिया जाता है।

अचानक रखवाया गया जनरेटर
ठेकेदार से जब इस मामले पर सवाल किया गया है तो उसने गोलमोल जवाब दिया, लेकिन इसके कुछ देर बाद ही उसने दिखाने के लिए कहीं से जनरेटर मंगवाकर रखवा दिया। जिससे भविष्य जांच होने पर दिखाया जा सके कि जीडीए के बिजली के बिल का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। जनरेटर से इसका संचालन किया जा रहा है। जनरेटर रखवा जरूर दिया गया था, लेकिन देर शाम शाम तक उसका कनेक्शन नहीं किया गया था।

खत्म हो चुका है टाइम, अभी तक नहीं हो सकी नीलामी
लीज पर आवंटित किए जाने का समय पूरा हो चुका है। लेकिन जीडीए में फाइलों का मूवमेंट इतना धीमा है कि चार महीने के बाद भी अभी तक इसकी दोबारा से नीलामी नहीं की जा सकी। अधिकारी बताते हैं कि तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया है। मार्च में वह तीन महीने का समय पूरा हो चुका है। नीलामी के लिए फाइल तैयार की जा रही है। जल्द ही इसकी नीलामी लगवाई जाएगी।

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