ग्वालियर चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया का तख्त हिला पाएंगे डॉ गोविंद सिंह? कांग्रेस ने चली है बड़ी चाल

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ग्वालियर चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया का तख्त  हिला पाएंगे डॉ गोविंद सिंह? कांग्रेस ने चली है बड़ी चाल

ग्वालियर चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया का तख्त हिला पाएंगे डॉ गोविंद सिंह? कांग्रेस ने चली है बड़ी चाल

ग्वालियर : कांग्रेस ने ग्वालियर चंबल में महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया (Govind Singh shake Jyotiraditya Scindia) का तख्त हिलाने के लिए डॉक्टर गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष का ताज पहना दिया है। इसके बाद से ग्वालियर चंबल समेत प्रदेश की राजनीति (congress plan for jyotiraditya scindia) में अचानक से हलचल तेज हो गई है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ दिया और लहार से विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बना दिया। डॉक्टर गोविंद सिंह के नेता प्रतिपक्ष बनते ही जहां कांग्रेस के दिग्विजय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं, सिंधिया समर्थकों में खलबली मच गई है। डॉक्टर गोविंद सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया एक दूसरे के धूर विरोधी रहे हैं।


दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस की शोभा बढ़ा रहे थे, उस वक्त भी डॉक्टर गोविंद सिंह उनके खिलाफ बयानबाजी करते रहते थे। दोनों के बीच एक ही पार्टी में रहते हुए भी काफी खींचतान मची रहती थी। डॉक्टर गोविंद सिंह के समर्थक भी सिंधिया को लेकर बयानबाजी करने से नहीं बाज आते थे। इसकी वजह डॉक्टर गोविंद सिंह का दिग्विजय सिंह के खेमे का होना बताया जाता है। दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया में हमेशा से ही अपने वर्चस्व को लेकर मतभेद और मनभेद रहा है।

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दिग्विजय सिंह के कट्टर समर्थक हैं डॉ गोविंद सिंह वहीं, दिग्विजय सिंह के कट्टर समर्थक डॉक्टर गोविंद सिंह ने इस विरोध पर एक कदम आगे बढ़ते हुए हमेशा सिंधिया पर हमलावर रहे। कांग्रेस पार्टी में रहते हुए भी ज्योतिरादित्य सिंधिया और डॉक्टर गोविंद सिंह की बीच की दूरियां चर्चा में रही हैं। उनके बीच मनमुटाव की खबरें कई बार सार्वजनिक हुईं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाला बदलते ही डॉक्टर गोविंद सिंह खुलकर चंबल की राजनीति में उनके विरोध में आ गए हैं।

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डॉक्टर गोविंद सिंह ने जबलपुर हाईकोर्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तथ्य छुपाने का आरोप लगाते हुए एक याचिका भी दायर की थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को नोटिस भी जारी किया था। डॉक्टर गोविंद सिंह ने याचिका लगाई थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा का नामांकन भरते समय तथ्य छुपाए हैं।

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चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया से ही कांग्रेस की लड़ाई

बीजेपी में जाने के बाद एमपी में कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को दुश्मन नंबर एक मानती है। वहीं, चंबल में उन्हें शिकस्त देने के लिए कांग्रेस के पास ऐसा कोई चेहरा भी नहीं है। कमलनाथ महाराज को लेकर कभी सख्त तेवर नहीं दिखा पाए। मगर चंबल की राजनीति में डॉ गोविंद सिंह उनके खिलाफ बोलते रहे। अब कांग्रेस ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष का ताज दे दिया है। ऐसे में वह अब महाराज से सीधी टक्कर लेंगे।

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2023 में वापसी की तैयारी में जुटी कांग्रेस
वहीं, 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस जोरों से जुट गई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने डॉ गोविंद सिंह पर दांव लगाया है। साथ ही सिंधिया के जाने के बाद चंबल में कांग्रेस की खोई जमीन वापस दिलाने की चुनौती भी उनके पास है। ग्वालियर चंबल अंचल में डॉक्टर गोविंद सिंह की अच्छी पकड़ है और उनके पास उनके समर्थकों की एक लंबी कतार भी है। राम की लहर के दौरान भी डॉ गोविंद सिंह अजेय रहे हैं। उन्होंने भिंड के लहार क्षेत्र से लगातार सात बार जीत हासिल की है।

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