कई दिग्गज नेताओं की जमीनी हकीकत सामने आई, रूचि नहीं लेने की जुटाई जा रही जानकारी | The ground reality of veteran leaders came to the fore | Patrika News h3>
प्रदेश कांग्रेस की ओर हाल ही चलाए गए डिजिटल सदस्यता अभियान में प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं की जमीनी हकीकत सामने आ गई। राज्य में दो सौ विधानसभा क्षेत्रों में से 108 में सदस्य 5 हजार भी नहीं बन सके। कई में तो यह आंकड़ा पांच सौ तक भी नहीं पहुंचा। एेसे नेताओं की प्रदेश कांग्रेस जानकारी जुटा रही है।
कांग्रेस पार्टी के डिजीटल सदस्यता अभियान में विधायक-मंत्री और कई बड़े दिग्गज नेताओं की हकीकत सामने आ गई है, जिन्होंने सदस्यता अभियान में रूचि ही नहीं ली। बसपा से कांग्रेस में शामिल किए गए छह विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में भी एक को छोड़ पांच विधायकों के क्षेत्रों में गिनती के सदस्य बने हैं। प्रदेश के 200 विधानसभा क्षेत्रों में से 108 विधानसभा क्षेत्र एेसे बताए जा रहे हैं, जहां डिजीटल सदस्य 5 हजार का भी आंकड़ा नहीं छू सके। अब संतोषजनक प्रदर्शन नहीं करने वाले नेताओं के रूचि नहीं लेने के कारणों की प्रदेश कांग्रेस पड़ताल कर रही है। हालांकि राज्यसभा चुनाव के चलते विधायकों को लेकर फिलहाल संगठन स्तर पर भी चुप्पी साध रखी है।
सूत्रों के मुताबिक विधानसभा के आगामी चुनावों में टिकट वितरण के दौरान कई नेताओं के सदस्य बनाने में फीके रहे प्रदर्शन के कारण बाधा भी खड़ी हो सकती है। इसकी वजह यह है कि डिजीटल सदस्य बनाए जाने से पूरे डेटा की एआईसीसीसी स्तर पर भी मॉनिटरिंग हो रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि राजस्थान में सरकार का साथ दे रहे निर्दलीय विधायक और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को निकाय व पंचायत चुनावों में टिकट वितरण से लेकर हर काम में तवज्जो दी गई थी। इसके चलते इन ज्यादातर क्षेत्रों में पार्टी नेता मौन रहे और इन विधायकों ने भी कांग्रेस के सदस्यता अभियान में रूचि नहीं ली।
कई जगह 500 का भी नहीं छू सके आंकड़ा
राज्य के जिन 108 विधानसभा क्षेत्रों का आंकलन करें तो ज्यादातर में वर्तमान में कांग्रेस विधायक नहीं है। लेकिन विधानसभा क्षेत्रों में जहां कांग्रेस विधायक है। उनकी और पार्टी पदाधिकारियों की निष्क्रिया सामने आई है। प्रदेश संगठन स्तर पर इसको लेकर चर्चा भी है। बताया जा रहा है कि लगभग 35 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस या कांग्रेस समर्थित विधायक हैं, लेकिन इन सीटों पर भी पार्टी डिजीटल सदस्यता अभियान में पिछड़ गई। कई जगह तो 500 सदस्य का भी आंकड़ा पूरा नहीं हो सका।
शिकायत सही हुई साबित
पार्टी के सदस्यता अभियान के दौरान कांग्रेस नेताओं व चुनाव को लेकर लगाए गए एक एपीआरओ ने बड़े नेताओं को शिकायत भी दर्ज कराई थी कि जहां निर्दलीय विधायक और बसपा से कांग्रेस में आए हैं, वहां विधायकों से नाराजगी के चलते कांग्रेस नेता सदस्य बनाने को लेकर काम नहीं कर रहे। लेकिन इन शिकायतों पर बड़े नेताओं ने ध्यान नहीं दिया। अब सदस्यता अभियान में ज्यादातर जगहों पर शिकायत सही साबित हुई है।
विधानसभा क्षेत्र और डिजीटल सदस्य
जहाजपुर – 155
कुशलगढ़ – 253
डीग-कुम्हेर – 301
आसपुर – 322
सवाई माधोपुर – 355
श्रीमाधोपुर – 389
गंगापुर – 408
भरतपुर – 520
बाड़ी – 571
किशनगढ़ – 618
नसीराबाद – 959
(सभी आंकड़े लगभग में…)
बसपा से कांग्रेस में शामिल विधायक
राजेन्द्र गुढ़ा (उदयपुरवाटी) – 134
वाजिब अली (नगर) – 256
लाखन मीणा (करौली) – 796
जोगेन्द्र सिंह (अवाना) – नदबई – 1187
संदीप यादव (तिजारा) 1733
दीपचंद खैरिया (किशनगढ़बास) 15520
(सभी आंकड़े लगभग में…)