Petrol Diesel price in maharashtra : महाराष्ट्र में एक रुपये सस्ता हो सकता है पेट्रोल, उद्धव कैबिनेट की बैठक में लगेगी मुहर!

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Petrol Diesel price in maharashtra : महाराष्ट्र में एक रुपये सस्ता हो सकता है पेट्रोल, उद्धव कैबिनेट की बैठक में लगेगी मुहर!

Petrol Diesel price in maharashtra : महाराष्ट्र में एक रुपये सस्ता हो सकता है पेट्रोल, उद्धव कैबिनेट की बैठक में लगेगी मुहर!

मुंबई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इस मीटिंग में उन्होंने मुख्यमंत्रियों से वैट कम करके डीजल-पेट्रोल की कीमतें कम करने को कहा। पीएम के कहने के बाद अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट बैठक बुलाई है। इस कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा, उसके बाद महाराष्ट्र में डीजल-पेट्रोल की कीमतों में कमी हो सकती है।

उद्धव ठाकरे सरकार ने महाराष्ट्र में कैबिनेट बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा और राज्य में डीजल-पेट्रोल की कीमतों में कमी पर चर्चा की जाएगी। कहा जा रहा है कि वित्त मंत्री ने वैट कम करके डीजल पेट्रोल की कीमतें कम करने को लेकर पूरा बजट तैयार किया है। इसमें एक अलग से नोट बनाया गया है कि डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर छूट देने के बाद महाराष्ट्र के सरकारी खजाने पर कितना बोझ पडे़गा।

बढ़ेगा वित्तीय बोझ
वित्त विभाग की मानें तो अगर महाराष्ट्र सरकार तेल की कीमतों में 1 रुपये की कटौती करती है, तो सरकारी खजाने पर हर साल 121 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। वहीं दो रुपये कम करने पर 243 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा।

पीएम पर सीएम का पलटवार
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार पर महाराष्ट्र का 26,500 करोड़ रुपये बकाया है। ठाकरे ने केंद्र पर महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार नहीं है।

‘केंद्र पर राज्य का 26,500 बकाया’
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड और तमिलनाडु जैसे कई राज्यों ने किसी न किसी वजह से केंद्र सरकार की नहीं सुनी और इन राज्यों के नागरिकों पर बोझ बना हुआ है। ठाकरे ने कहा, ‘केंद्र सरकार पर महाराष्ट्र सरकार का 26,500 करोड़ रुपये बकाया है, राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्यक्ष कर संग्रह में महाराष्ट्र का योगदान 38.3 प्रतिशत है और माल और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में इसकी हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है, लेकिन केंद्र हमारे साथ सौतेला व्यवहार करता है।’

‘देश में सबसे ज्यादा वसूली महाराष्ट्र करता है लेकिन…’
ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र को विभिन्न वस्तुओं पर कुल केंद्रीय करों का 5.5 प्रतिशत हिस्सा मिलता है। अगर वैट और केंद्रीय करों को मिला दिया जाए तो महाराष्ट्र देश में सबसे ज्यादा रकम वसूल करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि शीर्ष योगदानकर्ता होने के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र की उपेक्षा की जाती है।

‘केंद्र को राज्य से ज्यादा रुपये मिलते हैं’
ठाकरे ने यह भी कहा कि मुंबई में बिकने वाले एक लीटर डीजल पर केंद्र को 24.38 रुपये जबकि राज्य को 22.37 रुपये मिलते हैं। इसी तरह एक लीटर पेट्रोल पर केंद्र की हिस्सेदारी 31.58 रुपये और राज्य की 32.55 रुपये है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की वजह से पेट्रोल और डीजल की कीमतें नहीं बढ़ रही हैं।

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