रेलवे अंडरब्रिज का लोकार्पण में बोले मंत्री विश्वास सारंग, BRTS गलत कंसेप्ट, उखाड़कर फेंक दें इसे | railway underbridge habibganj narmadapuram road inauguration | Patrika News h3>
इस संबंध में मंत्री विश्वास सारंग ने रिव्यू करने की बात भी कही। इस दौरान मुख्य अतिथि नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह भी मंत्री सारंग के बयान पर सहमत नजर आए। उन्होंने इसे स्वीकारते हुए कहा कि, मैं इस बात से सहमत हूं कि, बीआरटीएस का कंसेप्ट गलत है। इससे अबतक हमारी तकलीफें कम होने की बजाय बढ़ी ही हैं। इंदौर में भी बीआरटीएस खत्म करने की मांग सामने आ रही है। सरकार भी जल्द ही इसे हटाने पर फैसला लेगी। हालांकि, सवाल ये है कि, जब शहर में बीआरटीएस का कंसेप्ट गलत है तो 12 साल पहले इसी सरकार ने 360 करोड़ रुपए खर्च कर पूरे शहर में करीब 25 किमी बीआरटीएस का जाल क्या सोचकर बुनवाया था।
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कार्यक्रम में शामिल थे ये नेता
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के अलावा मंत्री विश्वास सारंग, सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर समेत रेलवे और नगर निगम के अधिकारी मौजूद थे।
सारंग बोले- शहरवासियों के लिए दिक्कतें पैदा कर रहा है कॉरिडोर

मंत्री सारंग के सवाल उठाने के बाद एक बार फिर बीआरटीएस की खामियों को लेकर बातें सामने आने लगी है। सारंग ने कहा कि, जब मैं विधायक था तब प्रपोजल आया था कि, शहर से बीआरटीएस को हटाना चाहिए। इसपर मेरी र से भी गहन सोचने के बाद निर्णय लिया कि, हमें इसपर विचार करना होगा, क्योंकि बीआरटीएस शहरवासियों के लिए दिक्कतें पैदा कर रहा है। इसपर मंच से लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी बीआरटीएस को दिक्कतों भरा बताया। उन्होंने कहा कि, जब शहर में मेट्रो आ जाएगी तो सुविधाएं वैसे ही बढ़ जाएगी। इसके बाद सरकार विचार करेगी कि इसे रखना है कि नहीं। सभी विषयों के अनुरूप निर्णय लेंगे। मैं मानता हूं कि बीआरटीएस का कंसेप्ट गलत था।
अंडरब्रिज का नाम बदलने की मांग

विधायक गौर ने इस रेलवे अंडरब्रिज का नाम बदलने की बात कही। उन्होंने इसका नाम सावरकर या रानी कमलापति रखने की मांग की। वहीं, कार्यक्रम में होशंगाबाद रोड का नाम बदलकर नर्मदापुरम करने की बातें भी कही गई, क्योंकि होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम हो चुका है। विधायक गौर ने कहा कि आज बहुत ही बड़ी समस्या का निराकरण हुआ है। नर्मदापुरम और अरेरा कॉलोनी को जोड़ने के लिए यह महत्वपूर्ण है। लाखों लोगों को फायदा मिलेगा। विधायक के आग्रह के बाद मंत्री सिंह ने नाम बदले जाने की बात कही है।
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जाम से भी मिलेगी राहत

हबीबगंज क्षेत्र में रेलवे लाइन पार करने के लिए अभी तक लोग वीरसावरकर ब्रिज और एक संकरी पुलिया (वॉटर-वे) का उपयोग कर रहे थे। आवागमन की सुविधा के लिए पुरानी पुलिया के ठीक पास अंडरब्रिज (एलएचएस) का निर्माण किया गया है। नए अंडरब्रिज के बनने से हबीबगंज क्षेत्र से होकर रेलवे लाइन के पार जाने वाले करीब दो लाख लोगों को फायदा होगा। साथ ही, बड़ी आबादी यहां के हमेशा बने रहने वाले ट्रैफिक जाम से भी राहत पा लेगी।
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इस संबंध में मंत्री विश्वास सारंग ने रिव्यू करने की बात भी कही। इस दौरान मुख्य अतिथि नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह भी मंत्री सारंग के बयान पर सहमत नजर आए। उन्होंने इसे स्वीकारते हुए कहा कि, मैं इस बात से सहमत हूं कि, बीआरटीएस का कंसेप्ट गलत है। इससे अबतक हमारी तकलीफें कम होने की बजाय बढ़ी ही हैं। इंदौर में भी बीआरटीएस खत्म करने की मांग सामने आ रही है। सरकार भी जल्द ही इसे हटाने पर फैसला लेगी। हालांकि, सवाल ये है कि, जब शहर में बीआरटीएस का कंसेप्ट गलत है तो 12 साल पहले इसी सरकार ने 360 करोड़ रुपए खर्च कर पूरे शहर में करीब 25 किमी बीआरटीएस का जाल क्या सोचकर बुनवाया था।
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कार्यक्रम में शामिल थे ये नेता
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के अलावा मंत्री विश्वास सारंग, सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विधायक रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर समेत रेलवे और नगर निगम के अधिकारी मौजूद थे।
सारंग बोले- शहरवासियों के लिए दिक्कतें पैदा कर रहा है कॉरिडोर
मंत्री सारंग के सवाल उठाने के बाद एक बार फिर बीआरटीएस की खामियों को लेकर बातें सामने आने लगी है। सारंग ने कहा कि, जब मैं विधायक था तब प्रपोजल आया था कि, शहर से बीआरटीएस को हटाना चाहिए। इसपर मेरी र से भी गहन सोचने के बाद निर्णय लिया कि, हमें इसपर विचार करना होगा, क्योंकि बीआरटीएस शहरवासियों के लिए दिक्कतें पैदा कर रहा है। इसपर मंच से लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी बीआरटीएस को दिक्कतों भरा बताया। उन्होंने कहा कि, जब शहर में मेट्रो आ जाएगी तो सुविधाएं वैसे ही बढ़ जाएगी। इसके बाद सरकार विचार करेगी कि इसे रखना है कि नहीं। सभी विषयों के अनुरूप निर्णय लेंगे। मैं मानता हूं कि बीआरटीएस का कंसेप्ट गलत था।
अंडरब्रिज का नाम बदलने की मांग
विधायक गौर ने इस रेलवे अंडरब्रिज का नाम बदलने की बात कही। उन्होंने इसका नाम सावरकर या रानी कमलापति रखने की मांग की। वहीं, कार्यक्रम में होशंगाबाद रोड का नाम बदलकर नर्मदापुरम करने की बातें भी कही गई, क्योंकि होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम हो चुका है। विधायक गौर ने कहा कि आज बहुत ही बड़ी समस्या का निराकरण हुआ है। नर्मदापुरम और अरेरा कॉलोनी को जोड़ने के लिए यह महत्वपूर्ण है। लाखों लोगों को फायदा मिलेगा। विधायक के आग्रह के बाद मंत्री सिंह ने नाम बदले जाने की बात कही है।
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जाम से भी मिलेगी राहत
हबीबगंज क्षेत्र में रेलवे लाइन पार करने के लिए अभी तक लोग वीरसावरकर ब्रिज और एक संकरी पुलिया (वॉटर-वे) का उपयोग कर रहे थे। आवागमन की सुविधा के लिए पुरानी पुलिया के ठीक पास अंडरब्रिज (एलएचएस) का निर्माण किया गया है। नए अंडरब्रिज के बनने से हबीबगंज क्षेत्र से होकर रेलवे लाइन के पार जाने वाले करीब दो लाख लोगों को फायदा होगा। साथ ही, बड़ी आबादी यहां के हमेशा बने रहने वाले ट्रैफिक जाम से भी राहत पा लेगी।
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