Public Provident Fund: पीपीएफ में निवेश करने पर ज्यादा रिटर्न, जानें-यहां | Higher returns on investing in PPF, know-here | Patrika News h3>
कैसे खोलें अकाउंट
सरकार ने कुछ पोस्ट ऑफिस और बैंकों को पीपीएफ अकाउंट खोलने का अधिकार दे रखा है। कुछ बैंक ऑनलाइन अकाउंट खोलने की भी सुविधा दे रहे हैं। ऐसे बैंकों में आप घर बैठे भी पीपीएफ अकाउंट खोल सकते हैं।
नहीं होने चाहिए एक से ज्यादा अकाउंट
आपने अपने नाम पर एक से ज्यादा अकाउंट खुलवा रखे हैं तो पहले अकाउंट को छोड़कर सभी डीऐक्टिवेट कर दिए जाएंगे। तब आपको उन अकाउंट में जमा की गई रकम ही वापस होगी, ब्याज नहीं मिलेगा। अगर आपके नाम पर जनरल प्रविडेंट फंड (जीपीएफ) अकाउंट या एंप्लॉयी प्रविडेंट फंड (ईपीएफ) अकाउंट है, तो भी पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं।
पीपीएफ में ब्याज दर फिक्स नहीं
पीपीएफ में ब्याज दर फिक्स नहीं है, बल्कि यह दस साल की अवधि वाले सरकारी बॉन्ड यील्ड से जुड़ी होती है। सरकार अपनी सिक्यॉरिटीज पर मिले यील्ड के आधार पर हर तिमाही पीपीएफ के लिए ब्याज दर निर्धारित करती है। इस साल के लिए यह 7.10 फीसदी फिक्स किया गया है।
नाबालिग बच्चे के लिए भी अकाउंट
व्यक्ति अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर भी अकाउंट खुलवा सकते हैं। हालांकि, वह बच्चे का ही अकाउंट होगा, आप सिर्फ गार्डियन रहेंगे। बच्चे के माता-पिता के जिंदा रहते दादा-दादी उसके लिए पीपीएफ अकाउंट नहीं खुलवा सकते। हां, अगर मां-पिता ने दादा-दादी को बच्चे का कानूनी अभिभावक नियुक्त कर दिया हो तो मां-पिता की मौत के बाद दादा-दादी बच्चों के लिए पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं।
अकाउंट एक्टिव रखने के लिए जरूरी
अकाउंट ऐक्टिव रखने के लिए सालाना 500 रुपए कम से कम अकाउंट में डालने होंगे, और इसमें ज्यादा-से-ज्यादा 1.5 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं। यह राशि् आपके की ओर से खोले गए सभी अकाउंट पर लागू होगी, यानि सालाना आप इसमें 1.5 लाख तक ही जमा कर सकते है। इस पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। इतना ही नहीं, इस निवेश पर जो ब्याज मिलता है, वह भी सेक्शन 10 के तहत टैक्स छूट के दायरे में आता है। इसके अलावा इंट्रस्ट और मैच्योरिटी पर मिलने वाले पूरे पैसों पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
लोन की सुविधा भी उपलब्ध
पीपीएफ अकाउंट के एवज में लोन भी ले सकते हैं और जमा रकम में से कुछ हिस्सा निकाल भी सकते हैं। मैच्योरिटी से पहले पीपीएफ अकाउंट बंद करवाने की भी सुविधा है। हालांकि, खाता खुलने के पांच साल पूरा होने के बाद कुछ खास मामलों में इसकी अनुमति दी जा जाती है।
15 साल का निवेश
यह सरकार की लंबी अवधि की निवेश योजना है, जिसका प्रावधान पीपीएफ एक्ट, 1968 में किया गया है। पीपीएफ 15 साल की मैच्योरिटी वाली स्कीम है, जिसे 5-5 साल के लिए जितनी मर्जी उतनी अवधि तक बढ़ा सकते हैं। अकाउंट में एक साल में 12 बार ही पैसे डाले जा सकते हैं। इसमें एकमुश्त रकम भी निवेश कर सकते है।
कैसे खोलें अकाउंट
सरकार ने कुछ पोस्ट ऑफिस और बैंकों को पीपीएफ अकाउंट खोलने का अधिकार दे रखा है। कुछ बैंक ऑनलाइन अकाउंट खोलने की भी सुविधा दे रहे हैं। ऐसे बैंकों में आप घर बैठे भी पीपीएफ अकाउंट खोल सकते हैं।
नहीं होने चाहिए एक से ज्यादा अकाउंट
आपने अपने नाम पर एक से ज्यादा अकाउंट खुलवा रखे हैं तो पहले अकाउंट को छोड़कर सभी डीऐक्टिवेट कर दिए जाएंगे। तब आपको उन अकाउंट में जमा की गई रकम ही वापस होगी, ब्याज नहीं मिलेगा। अगर आपके नाम पर जनरल प्रविडेंट फंड (जीपीएफ) अकाउंट या एंप्लॉयी प्रविडेंट फंड (ईपीएफ) अकाउंट है, तो भी पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं।
पीपीएफ में ब्याज दर फिक्स नहीं
पीपीएफ में ब्याज दर फिक्स नहीं है, बल्कि यह दस साल की अवधि वाले सरकारी बॉन्ड यील्ड से जुड़ी होती है। सरकार अपनी सिक्यॉरिटीज पर मिले यील्ड के आधार पर हर तिमाही पीपीएफ के लिए ब्याज दर निर्धारित करती है। इस साल के लिए यह 7.10 फीसदी फिक्स किया गया है।
नाबालिग बच्चे के लिए भी अकाउंट
व्यक्ति अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर भी अकाउंट खुलवा सकते हैं। हालांकि, वह बच्चे का ही अकाउंट होगा, आप सिर्फ गार्डियन रहेंगे। बच्चे के माता-पिता के जिंदा रहते दादा-दादी उसके लिए पीपीएफ अकाउंट नहीं खुलवा सकते। हां, अगर मां-पिता ने दादा-दादी को बच्चे का कानूनी अभिभावक नियुक्त कर दिया हो तो मां-पिता की मौत के बाद दादा-दादी बच्चों के लिए पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं।
अकाउंट एक्टिव रखने के लिए जरूरी
अकाउंट ऐक्टिव रखने के लिए सालाना 500 रुपए कम से कम अकाउंट में डालने होंगे, और इसमें ज्यादा-से-ज्यादा 1.5 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं। यह राशि् आपके की ओर से खोले गए सभी अकाउंट पर लागू होगी, यानि सालाना आप इसमें 1.5 लाख तक ही जमा कर सकते है। इस पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। इतना ही नहीं, इस निवेश पर जो ब्याज मिलता है, वह भी सेक्शन 10 के तहत टैक्स छूट के दायरे में आता है। इसके अलावा इंट्रस्ट और मैच्योरिटी पर मिलने वाले पूरे पैसों पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
लोन की सुविधा भी उपलब्ध
पीपीएफ अकाउंट के एवज में लोन भी ले सकते हैं और जमा रकम में से कुछ हिस्सा निकाल भी सकते हैं। मैच्योरिटी से पहले पीपीएफ अकाउंट बंद करवाने की भी सुविधा है। हालांकि, खाता खुलने के पांच साल पूरा होने के बाद कुछ खास मामलों में इसकी अनुमति दी जा जाती है।
15 साल का निवेश
यह सरकार की लंबी अवधि की निवेश योजना है, जिसका प्रावधान पीपीएफ एक्ट, 1968 में किया गया है। पीपीएफ 15 साल की मैच्योरिटी वाली स्कीम है, जिसे 5-5 साल के लिए जितनी मर्जी उतनी अवधि तक बढ़ा सकते हैं। अकाउंट में एक साल में 12 बार ही पैसे डाले जा सकते हैं। इसमें एकमुश्त रकम भी निवेश कर सकते है।