मिशन शक्ति-4 अभियान के पांच वर्ष के लक्ष्य तय : मनोज कुमार राय | Manoj Kumar Rai Mission Shakti-4 mission fixed goals of 5 years CFAR | Patrika News

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मिशन शक्ति-4 अभियान के पांच वर्ष के लक्ष्य तय : मनोज कुमार राय | Manoj Kumar Rai Mission Shakti-4 mission fixed goals of 5 years CFAR | Patrika News

मिशन शक्ति-4 अभियान के पांच वर्ष के लक्ष्य तय : मनोज कुमार राय | Manoj Kumar Rai Mission Shakti-4 mission fixed goals of 5 years CFAR | Patrika News

महिलाओं के लिए कई योजनाएं – विमला बाथम राज्य महिला आयोग, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष विमला बाथम ने कहाकि, सूबे की महिलाओं और बालिकाओं के सपनों को पंख देने का काम सरकार की चलाई जा रहीं विभिन्न योजनाएं कर रहीं हैं। बेटियों की पढाई, स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए जहाँ मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं चलायी जा रहीं हैं। वहीं महिलाओं के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना और वन स्टाप सेंटर भी संचालित हो रहे हैं। इसके साथ ही किसी भी मुसीबत में घर बैठे हेल्पलाइन के जरिये तत्काल राहत पहुंचाने का भी काम चल रहा है।

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मिशन शक्ति अभियान से योजनओं का प्रचार विमला बाथम ने बताया कि, मिशन शक्ति अभियान के जरिये अब इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी तेजी से हो रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा महिलाएं और बालिकाएं इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। प्रदेश में 11.57 लाख कन्याओं को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है। पति की मृत्यु के बाद निराश्रित लगभग 31 लाख महिलाओं को पेंशन योजना के तहत 1000 रुपए प्रति माह की दर से चार तिमाही में भुगतान किया जा रहा है।

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बच्चों की मदद का हरसंभव प्रयास : डॉ. देवेन्द्र शर्मा बाल अधिकार संरक्षण आयोग, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि, बाल मन में अंकित छवि उनके जीवन में बहुत गहरा प्रभाव डालती हैं, इसीलिए बच्चों के लिए हिंसा व शोषण मुक्त माहौल बनाने में सभी की भागीदारी बहुत जरूरी है। सरकार भी इसके लिए निरंतर प्रयास कर रही है। कोविड के चलते अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए संचालित मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत मिलने वाली मदद से अपनों के खोने के गम को तो दूर नहीं किया जा सकता लेकिन बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए यह एक अच्छी पहल जरूर साबित हो रही है। योजना ने बच्चों में यह भाव जरूर जगाया हैं कि इस वैश्विक महामारी में हम अकेले नहीं है। अब तक बाल सेवा योजना और बाल सेवा योजना सामान्य के जरिए 16 हजार से अधिक बच्चों को लाभ पहुंचाया गया है। इसी के साथ चाइल्ड लाइन, वन स्टॉप सेंटर के जरिए बच्चों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

100 दिन का लक्ष्य तय – पुनीत कुमार महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश उप निदेशक पुनीत कुमार ने बताया कि, अभियान के जरिए सभी योजनाओं का लाभ समय से पात्र लाभार्थियों को मिले, इसके लिए विभाग ने 100 दिन से लेकर आगामी पांच वर्षों तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत हर 15 दिन में प्रदेशभर में स्वालंबन शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्प लाइन, बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान, बाल संरक्षण सेवाएं और निराश्रित महिला योजना के बारे में विभिन्न तरीके से जागरूक किया जाएगा। इसी तरह योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन, रिक्त पदों की भर्ती, निर्माणाधीन इमारतों को पूरा करना आदि लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अलग-अलग समय सीमा तय की गई है।

मीडिया की अहम भूमिका कार्यक्रम में सीफार की नेशनल प्रोजेक्ट लीड रंजना द्विवेदी ने कहाकि, योजनाओं को सही मायने में धरातल पर उतारने में मीडिया की अहम भूमिका है। महिला कल्याण की जो भी योजनाएं चल रहीं हैं उनको जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आज की यह कार्यशाला आयोजित की गई है। कार्यशाला में मीडिया के सवालों का निदेशक ने जवाब दिया।

कार्यशाला में सभी मौजूद कार्यशाला में बाल संरक्षण आयोग सदस्य श्याम त्रिपाठी, अनीता अग्रवाल, लखनऊ मण्डल के डेप्यूटी सीपीओ सर्वेश पांडे, मण्डल के समस्त जिला प्रोबेशन अधिकारी सहित महिला कल्याण विभाग के राज्य सलाहकार नीरज मिश्र और प्रीतेश, सीफ़ार के प्रतिनिधि मौजूद रहे।



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