Kanpur News: कानपुर में लॉकर तोड़कर हुई थी ‘डकैती’, बैंक ने 11 ग्राहकों को लौटाए 2.64 करोड़ h3>
लखनऊ : सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने सोमवार को कानपुर की कराचीखाना ब्रांच के लॉकर कांड के 11 पीड़ितों को दो करोड़ 64 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया। मुंबई स्थित केंद्रीय कार्यालय से कार्यपालक निदेशक राजीव पुरी हजरतगंज स्थित कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की। इसके बाद कराचीखाना शाखा के सभी पीड़ित लॉकरधारकों को दो करोड़ 64 लाख 50 हजार रुपये दिया गया।
इसमें सीता गुप्ता को 17.5 लाख, मंजू भट्टाचार्य को 25 लाख, शकुंतला देवी को 25 लाख, पंकज गुप्ता को 25 लाख, मीना यादव को 50 लाख, निर्मला तहिलियानी को 25 लाख, वैभव माहेश्वरी को 20 लाख, महेंद्र सविता को 2 लाख, सुशीला देवी को 25 लाख, राजा बेटी गुप्ता को 25 लाख, अमिता गुप्ता को 25 लाख मुआवजा दिया है।
वित्त महानिदेशक के सहयोग से जल्द वापस हुई रकम
राज्य सरकार के संस्थागत वित्त महानिदेशक ने 20 अप्रैल को पीड़ित लॉकरधारकों और बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसके बाद राज्य सरकार ने बैंक को पीड़ितों को तुरंत मुआवजा देने का निर्देश दिया था। इसके बाद बैंक ने मुआवजा देने का निर्णय लिया।
75% मुआवजा दे दिया गया
कार्यपालक निदेशक राजीव पुरी ने बताया कि ग्राहकों ने कुल “3.71 करोड़ रुपये का क्लेम मांगा था, जिसमें से 75 प्रतिशत मुआवजा दे दिया गया है। शेष राशि का भुगतान जल्द किया जाएगा। भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो। इसके लिए रीजनल ऑफिसर की देखरेख में अब लॉकर को खोला जाएगा।
लॉकरों की सेंधमारी में बैंककर्मी थे लिप्त
अनधिकृत रूप से लॉकर तोड़कर जूलरी समेत कीमती सामान बेचने के आरोप में कानपुर पुलिस ने ब्रांच मैनेजर और लॉकर तोड़ने वाले शख्स समेत 6 लोग गिरफ्तार किए थे। गिरफ्तारी के बाद बैंक मैनेजर राम प्रसाद ने पूरी घटना को अंजाम देने की बात पुलिस के सामने स्वीकार की।
बदल गए हैं बैंक लॉकर के नियम
एक जनवरी 2022 से बैंक लॉकर के नियम बदल गए हैं। नए नियमों के अनुसार अब बैंक यह नहीं कह सकते कि लॉकर में रखे सामान की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। चोरी, धोखाधड़ी, आग या भवन ढह जाने की स्थिति में बैंकों की जिम्मेदारी लॉकर के वार्षिक किराए का 100 गुना तक होगी। ऐसे में आपको वार्षिक किराये के 100 गुने से अधिक कीमत का सामान लॉकर में रखने से बचना चाहिए।
इन बातों का भी रखें ध्यान
- लॉकर में रखी वस्तुओं की लिस्ट जरूर बनाएं।
- ग्राहकों को अपने लॉकर की फीस का भुगतान समय पर करते रहना चाहिए। अगर ग्राहक तीन वर्ष तक लॉकर फीस नहीं भरता है तो बैंक आपके लॉकर को तोड़ सकता है।
- ग्राहकों को अपना बैंक लॉकर समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए। वर्ष में कम से कम एक बार तो अपने बैंक लॉकर को खोलकर जरूर देखना चाहिए।
- लॉकर मालिकों को अपने पास बैंक के एग्रीमेंट की कॉपी जरूर रखनी चाहिए।
- नया लॉकर लेने वाले ग्राहकों के लिए नए नियम एक जनवरी 2022 से ही लागू होंगे।
उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News
वित्त महानिदेशक के सहयोग से जल्द वापस हुई रकम
राज्य सरकार के संस्थागत वित्त महानिदेशक ने 20 अप्रैल को पीड़ित लॉकरधारकों और बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसके बाद राज्य सरकार ने बैंक को पीड़ितों को तुरंत मुआवजा देने का निर्देश दिया था। इसके बाद बैंक ने मुआवजा देने का निर्णय लिया।
75% मुआवजा दे दिया गया
कार्यपालक निदेशक राजीव पुरी ने बताया कि ग्राहकों ने कुल “3.71 करोड़ रुपये का क्लेम मांगा था, जिसमें से 75 प्रतिशत मुआवजा दे दिया गया है। शेष राशि का भुगतान जल्द किया जाएगा। भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो। इसके लिए रीजनल ऑफिसर की देखरेख में अब लॉकर को खोला जाएगा।
लॉकरों की सेंधमारी में बैंककर्मी थे लिप्त
अनधिकृत रूप से लॉकर तोड़कर जूलरी समेत कीमती सामान बेचने के आरोप में कानपुर पुलिस ने ब्रांच मैनेजर और लॉकर तोड़ने वाले शख्स समेत 6 लोग गिरफ्तार किए थे। गिरफ्तारी के बाद बैंक मैनेजर राम प्रसाद ने पूरी घटना को अंजाम देने की बात पुलिस के सामने स्वीकार की।
बदल गए हैं बैंक लॉकर के नियम
एक जनवरी 2022 से बैंक लॉकर के नियम बदल गए हैं। नए नियमों के अनुसार अब बैंक यह नहीं कह सकते कि लॉकर में रखे सामान की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। चोरी, धोखाधड़ी, आग या भवन ढह जाने की स्थिति में बैंकों की जिम्मेदारी लॉकर के वार्षिक किराए का 100 गुना तक होगी। ऐसे में आपको वार्षिक किराये के 100 गुने से अधिक कीमत का सामान लॉकर में रखने से बचना चाहिए।
इन बातों का भी रखें ध्यान
- लॉकर में रखी वस्तुओं की लिस्ट जरूर बनाएं।
- ग्राहकों को अपने लॉकर की फीस का भुगतान समय पर करते रहना चाहिए। अगर ग्राहक तीन वर्ष तक लॉकर फीस नहीं भरता है तो बैंक आपके लॉकर को तोड़ सकता है।
- ग्राहकों को अपना बैंक लॉकर समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए। वर्ष में कम से कम एक बार तो अपने बैंक लॉकर को खोलकर जरूर देखना चाहिए।
- लॉकर मालिकों को अपने पास बैंक के एग्रीमेंट की कॉपी जरूर रखनी चाहिए।
- नया लॉकर लेने वाले ग्राहकों के लिए नए नियम एक जनवरी 2022 से ही लागू होंगे।