CM गहलोत के इस्तीफे वाले बयान ने बढ़ाई सियासी गर्मी, BJP-कांग्रेस के बीच बयानबाजी तेज h3>
रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर: डूंगरपुर में सीएम गहलोत की ओर से इस्तीफे को लेकर दिए गए बयान ने प्रदेश का राजनीतिक पारा बढ़ा दिया है। मामले को लेकर अब लगातार बयानबाजी हो रही है। इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया है । गहलोत ने शनिवार 23 अप्रैल को बयान दिया था कि उनका इस्तीफा परमानेंट सोनिया गांधी के पास पड़ा है। गहलोत के इस बयान को लेकर कांग्रेस नेता प्रमोद आचार्य ने 24 अप्रैल रविवार की रात 10:00 बजे एक ट्वीट किया। इसमें लिखा कि ‘इस्तीफा देने से पहले ‘इस्तीफा’ देने की धमकी देना हाईकमान को ‘ब्लैकमेल’ करने जैसा है मुख्यमंत्री जी’।
आचार्य प्रमोद के इस ट्वीट के बाद कांग्रेसी नेताओं की आपसी खींचतान और बढ़ गई है। गुरुवार 21 अप्रैल को सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं चल रही थी। इन्हीं चर्चाओं पर विराम लगाने के लिए अशोक गहलोत ने कहा था कि यह सब अफवाह है। उनका इस्तीफा तो 1998 से सोनिया गांधी के पास परमानेंट रखा का हुआ है।
सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दे चुके आचार्य प्रमोद
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले आचार्य प्रमोद ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री का बनने का आशीर्वाद दो साल पहले ही दे दिया था। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में दिग्गज संतों के एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए जब सचिन पायलट साधु संतों के बीच पहुंचे, तब आचार्य प्रमोद ने सचिन पायलट को आशीर्वाद देते हुए कहा कि ‘मुख्यमंत्री भवः’। उन्होंने यह भी कहा था कि आज हम सभी साधु संत ऐलान करते हैं कि सचिन पायलट जल्द मुख्यमंत्री बनेंगे।
सतीश पूनिया और गुलाबचंद कटारिया ने भी किया कमेंट
आचार्य प्रमोद के बयान से पहले बीजेपी ने भी इस्तीफे वाले बयान पर सीएम गहलोत को घेरा है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘हे भगवान!। प्रदेश की दुर्दशा Confusion के कारण है, जनता को भी 2018 में Confusion हो गया था। काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ेगी। इस्तीफ़ा सोनिया गांधी जी के पास पड़ा है,किसान, नौजवान, दलित, वंचित और सारी जनता खून के आंसू रो रहे हैं…सोनिया जी इस्तीफ़ा बाहर निकालो और प्रदेश को बख़्शों।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि वर्षों पहले दिए गए त्यागपत्र का मतलब यह है कि मुख्यमंत्री का जाना तय है, कटारिया ने कहा कि अशोक गहलोत अपनी झेंप मिटाने के लिए ऐसा कह रहे है।
Ashok Gehlot:’मेरा इस्तीफा तो परमानेंट सोनिया गांधी के पास रखा है’ गहलोत के बयान का क्या मतलब है?
आचार्य प्रमोद के इस ट्वीट के बाद कांग्रेसी नेताओं की आपसी खींचतान और बढ़ गई है। गुरुवार 21 अप्रैल को सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं चल रही थी। इन्हीं चर्चाओं पर विराम लगाने के लिए अशोक गहलोत ने कहा था कि यह सब अफवाह है। उनका इस्तीफा तो 1998 से सोनिया गांधी के पास परमानेंट रखा का हुआ है।
सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दे चुके आचार्य प्रमोद
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले आचार्य प्रमोद ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री का बनने का आशीर्वाद दो साल पहले ही दे दिया था। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में दिग्गज संतों के एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए जब सचिन पायलट साधु संतों के बीच पहुंचे, तब आचार्य प्रमोद ने सचिन पायलट को आशीर्वाद देते हुए कहा कि ‘मुख्यमंत्री भवः’। उन्होंने यह भी कहा था कि आज हम सभी साधु संत ऐलान करते हैं कि सचिन पायलट जल्द मुख्यमंत्री बनेंगे।
सतीश पूनिया और गुलाबचंद कटारिया ने भी किया कमेंट
आचार्य प्रमोद के बयान से पहले बीजेपी ने भी इस्तीफे वाले बयान पर सीएम गहलोत को घेरा है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘हे भगवान!। प्रदेश की दुर्दशा Confusion के कारण है, जनता को भी 2018 में Confusion हो गया था। काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ेगी। इस्तीफ़ा सोनिया गांधी जी के पास पड़ा है,किसान, नौजवान, दलित, वंचित और सारी जनता खून के आंसू रो रहे हैं…सोनिया जी इस्तीफ़ा बाहर निकालो और प्रदेश को बख़्शों।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि वर्षों पहले दिए गए त्यागपत्र का मतलब यह है कि मुख्यमंत्री का जाना तय है, कटारिया ने कहा कि अशोक गहलोत अपनी झेंप मिटाने के लिए ऐसा कह रहे है।
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