Monday Motivation: बंजारों की तरह भटकते थे रघुबीर यादव, 30 साल पहले कुछ ऐसे कटती थी जिंदगी h3>
बॉलिवुड में कुछ ऐसे चरित्र अभिनेता है जिन्हें कोई भी किरदार दे दिया जाए, उसे वे जीवंत बना देते हैं। ऐसे ही एक अभिनेता रघुबीर यादव हैं जो किसी परिचय के मोहताज नहीं है। रघुबीर यादव की पूरी जिंदगी थिएटर, सिनेमा और म्यूजिक के इर्द-गिर्द घूमती है। बचपन में छोटी सी उम्र में ही थिएटर के चस्के ने उन्हें घर छुड़वा दिया था। बाद में वह फिल्मों और टीवी का जाना माना चेहरा बन गए। हमारी स्पेशल सीरीज Monday Motivation में आज हम आपके लिए लाए हैं रघुबीर यादव की जिंदगी की ऐसी कहानी जिसे जान आप भी कहेंगे कि जीवन में कुछ भी पाया जा सकता है।
मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ जन्म
रघुबीर यादव का जन्म 25 जून 1957 को मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ था। कम उम्र में ही रघुबीर यादव को ऐक्टिंग, म्यूजिक और थिएटर का चस्का लग गया था। इसके बाद उन्होंने घर छोड़ दिया और पारसी थिएटर ग्रुप के साथ बंजारों की तरह घूमने लगे। यह एक छोटा सा थिएटर ग्रुप था जो छोटे शहरों और कस्बों में घूम-घूम कर नाटक किया करता था। रघुबीर यादव इस ग्रुप में लगभग 6 सालों तक जुड़े रहे। इसके बाद रघुबीर लखनऊ के रंगोली कठपुतली थिएटर से कुछ समय के लिए जुड़ गए। इन सालों में रघुबीर यादव ने थिएटर की बारीकियां खूब सीख ली थीं।
NSD से जुड़े और 10 साल तक करते रहे नाटक
जब इतने सालों तक रघुबीर यादव थिएटर करते रहे तो उन्हें नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने 1974 में एनएसडी जॉइन कर लिया। एक इंटरव्यू में रघुबीर यादव ने कहा कि वह छोटे शहरों में घूमा करते थे, ऐसे में जब वह दिल्ली आए तो वह यहां के माहौल से डर गए थे। हालांकि एनएसडी में आने के बाद रघुबीर ने ऐक्टिंग की बारीकियां सीखना शुरू कर दिया। एनएसडी से 3 साल का ग्रैजुएशन पूरा करने के बाद वह NSD रिपर्टरी के ग्रुप से जुड़कर 10 साल तक थिएटर करते रहे।
फिल्में करने का कोई नहीं था इरादा
एनएसडी में आने के बाद रघुबीर यादव थिएटर में इतने रम गए थे कि वह इसे ही अपनी दुनिया समझने लगे थे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां बाकी लोग एनएसडी से कोर्स पूरा करने के बाद टीवी और फिल्मों में ऐक्टिंग करने के लिए मुंबई का रुख करते हैं, वहीं रघुबीर यादव 10 सालों तक दिल्ली में ही एनएसडी रिपर्टरी ग्रुप के साथ थिएटर करते रहे। हालांकि ऐक्टिंग की दुनिया में रघुबीर इतने फेमस हो चुके थे कि उन्हें लगातार फिल्मों के ऑफर मिलते रहे।
बॉलिवुड डेब्यू और फिर सफलता का सफर
रघुबीर यादव ने साल 1985 में एक छोटी मगर बेहद पॉप्युलर फिल्म ‘मैसी साहब’ से की थी। इस सोशल कॉमिडी ड्रामा फिल्म में रघुबीर लीड रोल में थे और इसे काफी पसंद किया गया था। इसके बाद रघुबीर को फिल्मों में काफी कैरेक्टर रोल ऑफर होने लगे। रघुबीर यादव ने ‘सलामा बॉम्बे’, ‘आसमान से गिरा’, ‘धारावी’, ‘रुदाली’, ‘माया मेमसाब’, ‘सूरज का सातवां घोड़ा’, ‘बैंडिट क्वीन’, ‘1942 ए लव स्टोरी’, ‘सरदार’, ‘खामोशी द म्यूजिकल’, ‘दिल से’, ‘लगान’, ‘डरना मना है’, ‘दीवार’, ‘गायब’, ‘आजा नचले’, ‘फिराक’, ‘दिल्ली 6’, ‘पीपली लाइव’, ‘गांधी टू हिटलर’, ‘पीकू’, ‘भूरी’, ‘न्यूटन’, ‘सुई धागा’, ‘घूमकेतु’, ‘पगलैट’ और ‘चेहरे’ जैसी मशहूर फिल्मों में काम किया है। वेब सीरीज की बात करें तो रघुबीर यादव ने ‘पंचायत’, ‘रे’, ‘कौन बनेगी शिखरवती’ और ‘द ग्रेट इंडियन मर्डर’ जैसी मशहूर सीरीज में भी काम किया है।
विवादों से भरी रही पर्सनल लाइफ
भले ही रघुबीर यादव का थिएटर और फिल्मी करियर बेहद शानदार रहा हो लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ काफी विवादित रही है। रघुबीर की शादी पूर्णिमा से हुई थी लेकिन उनका अपनी पत्नी से रिश्ता कुछ खास अच्छा नहीं रहा। तलाक होने के बाद पूर्णिमा ने आरोप लगाया था कि रघुबीर का अफेयर ऐक्ट्रेस नंदिता दास से रहा था। कहा जाता है कि रघुबीर एक बार नंदिता को अपने घरवालों से मिलवाने जबलपुर भी गए थे। रघुबीर तो शादी करना चाहते थे लेकिन बाद में नंदिता ने शादी करने से इनकार कर दिया। इसी इंटरव्यू में पूर्णिमा ने यह भी बताया था कि किस तरह रघुबीर और ऐक्टर संजय मिश्रा की पूर्व पत्नी रोशनी अचरेजा के बीच एक्सट्रा मैरिटल अफेयर था। रघुबीर और रोशनी पिछले कई सालों से लिव-इन में रहते हैं और उनका एक 10 साल का बेटा भी है।
रघुबीर यादव का जन्म 25 जून 1957 को मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ था। कम उम्र में ही रघुबीर यादव को ऐक्टिंग, म्यूजिक और थिएटर का चस्का लग गया था। इसके बाद उन्होंने घर छोड़ दिया और पारसी थिएटर ग्रुप के साथ बंजारों की तरह घूमने लगे। यह एक छोटा सा थिएटर ग्रुप था जो छोटे शहरों और कस्बों में घूम-घूम कर नाटक किया करता था। रघुबीर यादव इस ग्रुप में लगभग 6 सालों तक जुड़े रहे। इसके बाद रघुबीर लखनऊ के रंगोली कठपुतली थिएटर से कुछ समय के लिए जुड़ गए। इन सालों में रघुबीर यादव ने थिएटर की बारीकियां खूब सीख ली थीं।
NSD से जुड़े और 10 साल तक करते रहे नाटक
जब इतने सालों तक रघुबीर यादव थिएटर करते रहे तो उन्हें नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने 1974 में एनएसडी जॉइन कर लिया। एक इंटरव्यू में रघुबीर यादव ने कहा कि वह छोटे शहरों में घूमा करते थे, ऐसे में जब वह दिल्ली आए तो वह यहां के माहौल से डर गए थे। हालांकि एनएसडी में आने के बाद रघुबीर ने ऐक्टिंग की बारीकियां सीखना शुरू कर दिया। एनएसडी से 3 साल का ग्रैजुएशन पूरा करने के बाद वह NSD रिपर्टरी के ग्रुप से जुड़कर 10 साल तक थिएटर करते रहे।
फिल्में करने का कोई नहीं था इरादा
एनएसडी में आने के बाद रघुबीर यादव थिएटर में इतने रम गए थे कि वह इसे ही अपनी दुनिया समझने लगे थे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां बाकी लोग एनएसडी से कोर्स पूरा करने के बाद टीवी और फिल्मों में ऐक्टिंग करने के लिए मुंबई का रुख करते हैं, वहीं रघुबीर यादव 10 सालों तक दिल्ली में ही एनएसडी रिपर्टरी ग्रुप के साथ थिएटर करते रहे। हालांकि ऐक्टिंग की दुनिया में रघुबीर इतने फेमस हो चुके थे कि उन्हें लगातार फिल्मों के ऑफर मिलते रहे।
बॉलिवुड डेब्यू और फिर सफलता का सफर
रघुबीर यादव ने साल 1985 में एक छोटी मगर बेहद पॉप्युलर फिल्म ‘मैसी साहब’ से की थी। इस सोशल कॉमिडी ड्रामा फिल्म में रघुबीर लीड रोल में थे और इसे काफी पसंद किया गया था। इसके बाद रघुबीर को फिल्मों में काफी कैरेक्टर रोल ऑफर होने लगे। रघुबीर यादव ने ‘सलामा बॉम्बे’, ‘आसमान से गिरा’, ‘धारावी’, ‘रुदाली’, ‘माया मेमसाब’, ‘सूरज का सातवां घोड़ा’, ‘बैंडिट क्वीन’, ‘1942 ए लव स्टोरी’, ‘सरदार’, ‘खामोशी द म्यूजिकल’, ‘दिल से’, ‘लगान’, ‘डरना मना है’, ‘दीवार’, ‘गायब’, ‘आजा नचले’, ‘फिराक’, ‘दिल्ली 6’, ‘पीपली लाइव’, ‘गांधी टू हिटलर’, ‘पीकू’, ‘भूरी’, ‘न्यूटन’, ‘सुई धागा’, ‘घूमकेतु’, ‘पगलैट’ और ‘चेहरे’ जैसी मशहूर फिल्मों में काम किया है। वेब सीरीज की बात करें तो रघुबीर यादव ने ‘पंचायत’, ‘रे’, ‘कौन बनेगी शिखरवती’ और ‘द ग्रेट इंडियन मर्डर’ जैसी मशहूर सीरीज में भी काम किया है।
विवादों से भरी रही पर्सनल लाइफ
भले ही रघुबीर यादव का थिएटर और फिल्मी करियर बेहद शानदार रहा हो लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ काफी विवादित रही है। रघुबीर की शादी पूर्णिमा से हुई थी लेकिन उनका अपनी पत्नी से रिश्ता कुछ खास अच्छा नहीं रहा। तलाक होने के बाद पूर्णिमा ने आरोप लगाया था कि रघुबीर का अफेयर ऐक्ट्रेस नंदिता दास से रहा था। कहा जाता है कि रघुबीर एक बार नंदिता को अपने घरवालों से मिलवाने जबलपुर भी गए थे। रघुबीर तो शादी करना चाहते थे लेकिन बाद में नंदिता ने शादी करने से इनकार कर दिया। इसी इंटरव्यू में पूर्णिमा ने यह भी बताया था कि किस तरह रघुबीर और ऐक्टर संजय मिश्रा की पूर्व पत्नी रोशनी अचरेजा के बीच एक्सट्रा मैरिटल अफेयर था। रघुबीर और रोशनी पिछले कई सालों से लिव-इन में रहते हैं और उनका एक 10 साल का बेटा भी है।