कोरोना लहर थमी तो क्रिमिनल्स की निकल पड़ी | When the corona wave stopped, the criminals came out | Patrika News h3>
कोरोना गोन तो क्राइम ऑन। कुछ ऐसा ही चल रहा है राज्य में। महामारी के ठंडा पड़ते ही क्राइम की लहर चल पड़ी है। अपराधी भी अपने बिलों से निकल आए। साल के शुरुआती दो माह में ही ताबड़तोड़ वारदात से खाकी का चैन छीन गया और नींद उड़ गई। कानून-व्यवस्था में सुधार के सीएम के निर्देशों के बावजूद अपराध अनलॉक हैं।
जयपुर
Published: April 25, 2022 01:17:08 pm
अपराध की राह चल रहा है राजस्थान। कोरोना महामारी से जुड़ी सभी पाबंदियां खत्म होने के बाद अब सब कुछ अनलॉक हो गया है। जब सब कुछ खुल चुका तो क्राइम भी पूरी तरह से अनलॉक हो गया है। इसका अंदाजा ताबड़तोड़ वारदात से पुख्ता हो जाता है। संभवत: पहली बार शुरुआती दो माह में ही राज्य में इतने अपराध दर्ज किए जितने पिछले सालों में कभी थाने नहीं पहुंचे। लगातार बढ़ रहे अपराधों के बाद राज्य सरकार भी एक्शन मोड में आना पड़ा। खुद सीएम अशोक गहलोत ने आईपीएस अफसरों की १५ घंटे क्लास ली। लेकिन मैराथन क्लास के बावजूद गृहमंत्री के निर्देश भी काम नहीं आए। अपराध बदस्तूर जारी हैं। हत्या और अपहरण की मामलों में मामूली कमी जरूर दर्ज की गई है। लेकिन ओवरऑल हाल बुरा ही है। सबसे ज्यादा अपराध के जिलों में जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, कोटा और सीकर का नाम शामिल रहा।
फाइल फोटो
13 फीसदी बढ़े हत्या के प्रयास केस एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि साल के शुरुआती दो माह में आईपीसी के विभिन्न प्रकरणों के तहत आपराधिक मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। हालांकि हत्या के प्रकरणों में पिछले वर्ष की तुलना में दो फीसदी की मामूली कमी दर्ज की गई है। वहीं हत्या के प्रयास के केस में 13 फीसदी, डकैती 6 फीसदी, रेप 4 फीसदी और चोरी के मामलों में 1.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
शुरुआती दो माह का हाल राज्य में ये रहा क्राइम ट्रैक वारदात केस हत्या 240
हत्या का प्रयास 327
डकैती 18
लूट 250
अपहरण 1280
रेप 1050
बलवा 33
नकबजनी 1265
चोरी 6444
जुआरी बढ़े, सटोरियों ने किया नाक में दम :
एनसीआरबी रेकॉर्ड के अनुसार पुलिस ने एक्साइज एक्ट में कार्रवाई करते हुए 3916 केस, जुआ अध्यादेश में 4562, आम्र्स एक्ट में 1095, एनडीपीएस एक्ट में 885 और एक्सप्लोसिव एक्ट में 91 मामले दर्ज किए हैं।
ड्रग्स धंधे की बल्ले-बल्ले : पुलिस मुख्यालय के अफसरों ने बताया कि केवल एक्साइज एक्ट में पिछले साल की तुलना 28 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। लेकिन जुआ अध्यादेश में 18 फीसदी, आम्र्स एक्ट में 8, एक्सप्लोसिव एक्ट में 9 और एनडीपीएस एक्ट में 23 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
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कोरोना गोन तो क्राइम ऑन। कुछ ऐसा ही चल रहा है राज्य में। महामारी के ठंडा पड़ते ही क्राइम की लहर चल पड़ी है। अपराधी भी अपने बिलों से निकल आए। साल के शुरुआती दो माह में ही ताबड़तोड़ वारदात से खाकी का चैन छीन गया और नींद उड़ गई। कानून-व्यवस्था में सुधार के सीएम के निर्देशों के बावजूद अपराध अनलॉक हैं।
जयपुर
Published: April 25, 2022 01:17:08 pm
अपराध की राह चल रहा है राजस्थान। कोरोना महामारी से जुड़ी सभी पाबंदियां खत्म होने के बाद अब सब कुछ अनलॉक हो गया है। जब सब कुछ खुल चुका तो क्राइम भी पूरी तरह से अनलॉक हो गया है। इसका अंदाजा ताबड़तोड़ वारदात से पुख्ता हो जाता है। संभवत: पहली बार शुरुआती दो माह में ही राज्य में इतने अपराध दर्ज किए जितने पिछले सालों में कभी थाने नहीं पहुंचे। लगातार बढ़ रहे अपराधों के बाद राज्य सरकार भी एक्शन मोड में आना पड़ा। खुद सीएम अशोक गहलोत ने आईपीएस अफसरों की १५ घंटे क्लास ली। लेकिन मैराथन क्लास के बावजूद गृहमंत्री के निर्देश भी काम नहीं आए। अपराध बदस्तूर जारी हैं। हत्या और अपहरण की मामलों में मामूली कमी जरूर दर्ज की गई है। लेकिन ओवरऑल हाल बुरा ही है। सबसे ज्यादा अपराध के जिलों में जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, कोटा और सीकर का नाम शामिल रहा।
फाइल फोटो
13 फीसदी बढ़े हत्या के प्रयास केस एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि साल के शुरुआती दो माह में आईपीसी के विभिन्न प्रकरणों के तहत आपराधिक मामलों में वृद्धि देखने को मिली है। हालांकि हत्या के प्रकरणों में पिछले वर्ष की तुलना में दो फीसदी की मामूली कमी दर्ज की गई है। वहीं हत्या के प्रयास के केस में 13 फीसदी, डकैती 6 फीसदी, रेप 4 फीसदी और चोरी के मामलों में 1.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
शुरुआती दो माह का हाल राज्य में ये रहा क्राइम ट्रैक वारदात केस हत्या 240
हत्या का प्रयास 327
डकैती 18
लूट 250
अपहरण 1280
रेप 1050
बलवा 33
नकबजनी 1265
चोरी 6444
जुआरी बढ़े, सटोरियों ने किया नाक में दम :
एनसीआरबी रेकॉर्ड के अनुसार पुलिस ने एक्साइज एक्ट में कार्रवाई करते हुए 3916 केस, जुआ अध्यादेश में 4562, आम्र्स एक्ट में 1095, एनडीपीएस एक्ट में 885 और एक्सप्लोसिव एक्ट में 91 मामले दर्ज किए हैं।
ड्रग्स धंधे की बल्ले-बल्ले : पुलिस मुख्यालय के अफसरों ने बताया कि केवल एक्साइज एक्ट में पिछले साल की तुलना 28 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। लेकिन जुआ अध्यादेश में 18 फीसदी, आम्र्स एक्ट में 8, एक्सप्लोसिव एक्ट में 9 और एनडीपीएस एक्ट में 23 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
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