भीषण गर्मी में जयपुर शहर में पेयजल व्यवस्था हुई बेपटरी—सांगानेर व विद्याधर नगर में पानी के लिए हाहाकार | phed | Patrika News h3>
नियंत्रण कक्ष में 22 दिन में ही पूरे शहर से जलापूर्ति नहीं होने कम दबाव से पानी आने की 250 से ज्यादा शिकायतें हुई दर्ज, इंजीनियरों ने किया दावा-95 प्रतिशत पेयजल समस्याओं का छह दिन की समय सीमा के भीतर किया समाधान
जयपुर
Published: April 25, 2022 11:28:59 am
जयपुर. पीएचईडी इंजीनियर जयपुर शहर में भीषण गर्मी के दौर में सुबह-शाम बेहतर जलापूर्ति व्यवस्था का दावा कर रहे हैं। लेकिन अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय में संचालित एकीकृत पेयजल समस्या निवारण नियंत्रण कक्ष में प्रतिदिन दर्ज पेयजल समस्याओं की संख्या फील्ड इंजीनियरों के कथित जल प्रबंधन की हकीकत को सामने भी ला रही हैं। नियंत्रण कक्ष में 1 अप्रेल से 22 अप्रेल तक दर्ज पेयजल समस्याओं के आंकड़ों को देखें तो कुल दर्ज 450 पेयजल समस्याओं में से 250 से ज्यादा समस्याएं तो पानी नहीं आने और कम दबाव से जलापूर्ति की ही दर्ज हुई हैं। दर्ज समस्याओं के हिसाब से देखें तो उत्तर सर्कल के विद्याधर नगर व दक्षिण के सांगानेर क्षेत्र में तो पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
सांगानेर और नींदड़ में हो चुका है अभियंताओं का घेराव शहर में साउथ सर्कल के सांगानेर व उत्तर सर्कल के एन-4 के अधीन विद्याधर नगर क्षेत्र के इलाके भीषण पेयजल सकंट से त्रस्त हैं और यहां बूंद-बूंद के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण इन इलाकों में फील्ड इंजीनियरों की जल प्रबंधन की लचर मॉनिटरिंग को माना जा रहा है। सांगानेर में तो हाल ये है कि जल किल्लत को लेकर लोग पानी की टंकी पर चढ़ गए और विद्याधर नगर क्षेत्र में चार दिन के भीतर ही नाड़ी का फाटक और नींदड़ गांव में पानी के लिए लोगों ने रास्ता रोका तथा इंजीनियरों का घेराव तक कर दिया। सांगानेर में 22 दिन में 74 और विद्याधर नगर क्षेत्र में 51 पेयजल समस्याएं दर्ज हुई।
एस-1 और एन-1 में सबसे कम समस्यांए नियंत्रण कक्ष में दर्ज पेयजल समस्याओं के हिसाब से देखें तो दक्षिण सर्कल के एस-1 खंड और उत्तर सर्कल के एन-1 खंड में सबसे कम पेयजल समस्याएं दर्ज हुई। एस-1 में पानी नहीं आने, कम प्रशेर की 10 और एन-1 में 9 समस्याएं ही दर्ज हुई। इसे इंजीनियर क्षेत्र में पेयजल समस्याओं की बेहतर मॉनिटरिंग का असर मान रहे हैं।आंकड़ों में शहर की पेयजल समस्याएं
किया जा रहा है समाधान नियंत्रण कक्ष में चौबीसों घंटे पेयजल समस्याएं दर्ज की जा रही हैं और समाधान किया जा रहा है। एक-दो जगह तो रात 9 बजे बाद भी लोगों की मांग पर पानी के टैंकर उपलब्ध कराए हैं। दर्ज की गई 95 प्रतिशत समस्याओं का समय सीमा में समाधान कर दिया है। कुछ ऐसे इलाके भी हैं जहां हम पेयजल समस्याओं का स्थायी समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं।- मनीष बेनीवाल, अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर द्वितीय
अगली खबर

नियंत्रण कक्ष में 22 दिन में ही पूरे शहर से जलापूर्ति नहीं होने कम दबाव से पानी आने की 250 से ज्यादा शिकायतें हुई दर्ज, इंजीनियरों ने किया दावा-95 प्रतिशत पेयजल समस्याओं का छह दिन की समय सीमा के भीतर किया समाधान
जयपुर
Published: April 25, 2022 11:28:59 am
जयपुर. पीएचईडी इंजीनियर जयपुर शहर में भीषण गर्मी के दौर में सुबह-शाम बेहतर जलापूर्ति व्यवस्था का दावा कर रहे हैं। लेकिन अतिरिक्त मुख्य अभियंता कार्यालय में संचालित एकीकृत पेयजल समस्या निवारण नियंत्रण कक्ष में प्रतिदिन दर्ज पेयजल समस्याओं की संख्या फील्ड इंजीनियरों के कथित जल प्रबंधन की हकीकत को सामने भी ला रही हैं। नियंत्रण कक्ष में 1 अप्रेल से 22 अप्रेल तक दर्ज पेयजल समस्याओं के आंकड़ों को देखें तो कुल दर्ज 450 पेयजल समस्याओं में से 250 से ज्यादा समस्याएं तो पानी नहीं आने और कम दबाव से जलापूर्ति की ही दर्ज हुई हैं। दर्ज समस्याओं के हिसाब से देखें तो उत्तर सर्कल के विद्याधर नगर व दक्षिण के सांगानेर क्षेत्र में तो पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
सांगानेर और नींदड़ में हो चुका है अभियंताओं का घेराव शहर में साउथ सर्कल के सांगानेर व उत्तर सर्कल के एन-4 के अधीन विद्याधर नगर क्षेत्र के इलाके भीषण पेयजल सकंट से त्रस्त हैं और यहां बूंद-बूंद के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण इन इलाकों में फील्ड इंजीनियरों की जल प्रबंधन की लचर मॉनिटरिंग को माना जा रहा है। सांगानेर में तो हाल ये है कि जल किल्लत को लेकर लोग पानी की टंकी पर चढ़ गए और विद्याधर नगर क्षेत्र में चार दिन के भीतर ही नाड़ी का फाटक और नींदड़ गांव में पानी के लिए लोगों ने रास्ता रोका तथा इंजीनियरों का घेराव तक कर दिया। सांगानेर में 22 दिन में 74 और विद्याधर नगर क्षेत्र में 51 पेयजल समस्याएं दर्ज हुई।
एस-1 और एन-1 में सबसे कम समस्यांए नियंत्रण कक्ष में दर्ज पेयजल समस्याओं के हिसाब से देखें तो दक्षिण सर्कल के एस-1 खंड और उत्तर सर्कल के एन-1 खंड में सबसे कम पेयजल समस्याएं दर्ज हुई। एस-1 में पानी नहीं आने, कम प्रशेर की 10 और एन-1 में 9 समस्याएं ही दर्ज हुई। इसे इंजीनियर क्षेत्र में पेयजल समस्याओं की बेहतर मॉनिटरिंग का असर मान रहे हैं।आंकड़ों में शहर की पेयजल समस्याएं
किया जा रहा है समाधान नियंत्रण कक्ष में चौबीसों घंटे पेयजल समस्याएं दर्ज की जा रही हैं और समाधान किया जा रहा है। एक-दो जगह तो रात 9 बजे बाद भी लोगों की मांग पर पानी के टैंकर उपलब्ध कराए हैं। दर्ज की गई 95 प्रतिशत समस्याओं का समय सीमा में समाधान कर दिया है। कुछ ऐसे इलाके भी हैं जहां हम पेयजल समस्याओं का स्थायी समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं।- मनीष बेनीवाल, अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर द्वितीय
अगली खबर